🔵एडीएम ने पत्रकारों के साथ किया भेदभाव का खेल
🔴 लखनऊ - दिल्ली से प्रकाशित समाचार पत्रों ने राज्यपाल के कार्यक्रम का किया बहिष्कार
🔵 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर। सूबे की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मंगलवार को आंगनवाड़ी केंद्रों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बच्चों को केन्द्र पर पहुंचाने के लिए सभी की जिम्मेदारी तय कर रही थी। वही राज्यपाल के कार्यक्रम मे विभिन्न आंगनवाड़ी केंद्रों से बुलाये गये नौनिहालों को भूख-प्यास से तडफडाते हुए देखा गया। ऐसी चर्चा है कि जिला प्रशासन ने अपनी कमियाँ व दुर्व्यवस्था को छिपाने के लिए राज्यपाल के कार्यक्रम मे कुछ गिने-चुने पत्रकारों को आमंत्रित किया था। नतीजतन लखनऊ और दिल्ली से प्रकाशित समाचार पत्र व न्यूज ऐजेंसियों के संवाददाताओ ने राज्यपाल के कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया।
बतादे कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का 18 मार्च को कुशीनगर के जिला मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट परिसर मे कार्यक्रम तय था। इसके लिए बाकायदे उनके आगमन से लेकर कार्यक्रम व वापस लौटने के मिनट-टू मिनट प्रोटोकॉल जारी हुए थे, जहां तयशुदा समय के अनुसार आंगनबाड़ी किट का वितरण, लाभार्थियों को भूमि पट्टा वितरण, आवास की चाबी, चेक, प्रमाण पत्र के अलावा टीबी रोगियों को पोषण की पोटली एंव आंगनवाड़ी किट वितरण किया जाना था। इसके बाद जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक का कार्यक्रम निर्धारित था। बताया जाता है कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की जनपद में आने का एक मात्र उद्देश्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को समाज के अंतिम पायदान पर खडे व्यक्तियों तक पहुचाने पर जोर देना व जन जन तक योजनाओं को प्रसारित करना था। यही वजह है कि गवर्नर ने नशा मुक्ति अभियान चलाने के लिए सीडीओ और मानव तस्करी पर रोक लगाने के लिए यहां के पुलिस प्रशासन को नसीहत दिया। किन्तु अफसोस जिला प्रशासन ने शासन के मंसूबे पर उस समय पानी फेर दिया जब महामहिम के कार्यक्रम कबरेऊ के लिए कुछ गिने-चुने पत्रकारों का पास जारी कर भेदभाव का खेल कर दिया। नतीजतन लखनऊ व दिल्ली से प्रकाशित समाचार पत्र व न्यूज ऐजेंसियों ने राज्यपाल के कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया। ऐसी चर्चा है कि अपर जिलाधिकारी वैभव मिश्र नही चाहते थे कि प्रशासन की कोई कमियाँ उच्चाधिकारियों के सामने आये और महामहिम का कार्यक्रम जन-जन तक पहुचे। इस लिए उन्होने प्रिन्ट मीडिया से लोकल स्तर के दस पत्रकारों को आमंत्रित करने का फतवा जारी कर रखा था। इसके बावजूद राज्यपाल के कार्यक्रम में सुबह आठ बजे से पहुचे विभिन्न आंगनवाड़ी केंद्रों के नौनिहालों को भूख-प्यास से तडफडाते हुए नजारा को मीडिया से छुपाने में असफल रहे।
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