शिवम के शव का पोस्टमार्टम न कराना बना चर्चा का विषय - Yugandhar Times

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Friday, January 24, 2025

शिवम के शव का पोस्टमार्टम न कराना बना चर्चा का विषय

 

🔵पुलिस और मृतक के पिता कटघरे मे

🔴सरस्वती शिशु मंदिर के आवास मे संदिग्ध परिस्थिति मे पाये गये शिवम के शव का मामला

🔵युगान्धर टाइम्स व्यूरो 

कुशीनगर। बीते दिनो विद्यालय परिसर के आवास मे संदिग्ध परिस्थिति मे पाये गये शिवम के शव का पोस्टमार्टम नही कराये जाने को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। शहर में इस बात कि चर्चा खूब है कि संदिग्ध अवस्था मे शव मिलने के बाद पिता ने अपने पुत्र का पोस्टमार्टम कराने से मना क्यो कर दिया? सवाल पुलिस पर भी उठ रहा है कि संदिग्ध हालत मे मिले शिवम के शव का बिना पोस्टमार्टम कराये मौके पर पहुची पुलिस, पिता को पैतृक गांव शव ले जाने क्यो दिया ? चर्चा जोरों पर है कि  शिवम के मौत के पीछे गहरी राज छिपा है जो खौफ और मजबूरी के कारण किसी के दिल में दफन है। 

🔴 फ्लैश बैक 

 बतादे कि जनपद के कसया शहर के फाजिलनगर जाने वाली मार्ग पर  स्थित सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय परिसर के एक कमरे में विद्यालय के प्रधानाचार्य के 16 वर्षीय पुत्र का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला था। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने घटना का जायजा लिया और लिखा-पढी कर बिना पोस्टमार्टम कराये बैरंग वापस लौट आयी। हालाकि पुलिस का कहना था कि  मृतक के पिता व विद्यालय के प्रधानाचार्य रामजी सिंह द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्रवाई व पोस्टमार्टम न कराने और शव के अंतिम संस्कार के लिए अपने पैतृक गांव ले जाने के लिए अनुरोध किया गया इस लिए पुलिस ने पोस्टमार्टम नही कराया। कहना ना होगा कि मृतक शिवम प्रताप सिंह उर्फ गगन अपने पिता रामजी सिंह के साथ सरस्वती शिशु मंदिर विद्यायल परिसर में बने आवास में रहकर पढ़ाई करता था। महर्षि अरविंद विद्या मंदिर में कक्षा 10वी की पढाई कर रहे शिवम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी जुडा हुआ था। बताया जाता है कि मृतक शिवम के पिता रामजी सिंह मकर संक्रांति के छुट्टी पर अपने पैतृक गांव महराजगंज जनपद के घुघली क्षेत्र के अहिरौली दुबे गांव गए हुए थे जबकि शिवम पढाई के वजह से गांव नही गया। बुधवार को रामजी सिंह जब  विद्यायल स्थित आवास पर पहुंचे तो देखा कि कमरे में बेटे का शव पडा हुआ है जिसे देखकर उनके पैर तले जमीन खिसक गयी।  

🔴पिता ने क्यो नही कराया पोस्टमार्टम   

विद्यालय परिसर के आवास मे संदिग्ध हालत मे शिवम का शव मिलना और फिर मृतक के पिता द्वारा पोस्टमार्टम कराने से मना करना और पुलिस की ओर से पोस्टमार्टम न कराया जाना अपने आप मे गंभीर सवाल है जो शहरवासियों को पुलिस व पिता पर अंगुली उठाने के लिए विवश कर रहा है। सवाल यह है कि क्या शिवम ने आत्महत्या हत्या की या फिर किसी ने उसको मारकर आत्महत्या साबित करनेका प्रयास किया है? आखिरकार शिवम ने आत्महत्या क्यो किया ? क्या वह किसी बात को लेकर परेशान था ? क्या उसने कोई गुनाह किया था? शिवम ने आत्महत्या किया तो क्या इसकी भनक पिता को नही लगी, घर मे उसकी गतिविधियों पर पिता की कोई नजर नही थी? कही ऐसा तो नही कि शिवम को मारकर उसकी मौत को आत्महत्या का रुप दिया जा रहा है? या फिर शिवम किसी शोषण का शिकार तो नही हो रहा था जिससे तंग आकर उसने मौत को गले लगा लिया? बडा सवाल यह है कि रामजी सिंह  की अनुपस्थिति में शिवम की मौत हुई, शिवम का शव संदिग्ध अवस्था मे पाया गया। बावजूद इसके पिता ने अपने बेटे के शव का पोस्टमार्टम क्यो नही कराया ? जानकर कसया पुलिस को भी कटघरे मे खडा कर रहे है। विधि विशेषज्ञों का कहना है कि संदिग्ध परिस्थितियों में पाये जाने वाले शव का पोस्टमार्टम करना अत्यंत आवश्यक है फिर पुलिस ने शिवम के शव का पोस्टमार्टम क्यो नही कराया? कहना मुनासिब होगा कि पिता द्वारा अपने बुढापे की लाठी का पोस्टमार्टम न कराना उनकी मजबूरी थी या फिर......!

🔵 रिपोर्ट - संजय चाणक्य 

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