मुख्यमंत्री जी ! एसडीएम बचा रहे है घूस लेने वाले सलाउद्दीन को - Yugandhar Times

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Friday, December 27, 2024

मुख्यमंत्री जी ! एसडीएम बचा रहे है घूस लेने वाले सलाउद्दीन को

🔵एसडीएम के जांच रिपोर्ट में कहे गये कथन का वीडियो से नही खा रहा है मेल

🔴जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के नाम पर सलाउद्दीन द्वारा घूस लेने का मामला

🔵 युगान्धर टाइम्स व्यूरो 

कुशीनगर। मुख्यमंत्री जी। जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के नाम पर घूस लेने वाले कम्प्यूटर आपरेटर सलाउद्दीन को पडरौना के उपजिलाधिकारी बचा रहे है। सबब यह है कि सलाउद्दीन द्वारा घूस लेने का वीडियो वायरल होने के बावजूद एसडीएम ने यह रिपोर्ट लगाकर मामले को खत्म कर दिया कि शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत वापस ले लिया है, जबकि शिकायतकर्ता द्वारा दिये गये साक्ष्य रुपी वीडियो में सलाउद्दीन अपने हाथो से पैसा लेते हुए दिख रहा है। ऐसे में सवाल यह है कि अगर शिकायत करने वाला व्यक्ति किसी दबाव में आकर अपनी शिकायत वापस ले लिया तो क्या वीडियो में घूस लेते हुए दिख रहा सलाउद्दीन निर्दोष हो जायेगा?

कहना ना होगा कि आउटसोर्सिंग कर्मचारी सलाउद्दीन को बचाने के पीछे एसडीएम की क्या मंशा है यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा है लेकिन जन्म प्रमाणपत्र के नाम पर घूस लेने वाले कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई न करना भ्रष्टाचार को बढावा देने से इंकार नही किया जा सकता है।

🔴 फ्लैश बैक

काबिलेजिक्र है कि कि जनपद के पडरौना तहसील अन्तर्गत ग्राम नाहर छपरा निवासी मंकेश्वर पासवान द्वारा जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर मीडिया के कैमरा के सामने दिये गये बयान मे कहा गया है कि वह तकरीबन बीस दिनो से अपना जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के लिए पडरौना तहसील के सभागार के निर्वाचन विभाग में कम्प्यूटर आपरेटर के पद पर कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारी सलाउद्दीन के पास चक्कर लगाकर थक गया है।  आउटसोर्सिंग कर्मचारी सलाउद्दीन को जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के लिए तीन सौ रुपये घूस देने के बावजूद जन्म प्रमाणपत्र नही दिया जा रहा क्यो कि वह दो सौ रुपये और मांग रहे है। मंकेश्वर ने कहा कि वह घूस का बकाया दो सौ रुपये देने में असमर्थता जाहिर किया। किन्तु सलाउद्दीन पर इसका कोई असर नहीं पडा। थक हार कर वह घूस लेते हुए सलाउद्दीन का वीडियो क्लिप के साथ जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र व उपजिलाधिकारी पडरौना को शपथ-पत्र देकर सलाउद्दीन के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी है। घूस लेते सलाउद्दीन का वीडियो क्लिप, शपथ-पत्र और मंकेश्वर के बयान के आधार पर मीडिया ने मामले को प्रमुख से उठाया। इसके बाद उपजिलाधिकारी पडरौना द्वारा जिलाधिकारी को रिपोर्ट प्रेषित किया गया जिसमे कहा गया है कि कार्यालय में सम्बद्ध नगर पालिका परिषद, पडरौना के कर्मचारी हरिओम को सलाउद्‌दीन अंसारी द्वारा फोटो स्टेट पेपर मगाने के लिए पांच सौ रुपये दिया गया था, जो पेपर क्रय करने के बाद शेष बचे रुपये को हरिओम द्वारा सलाउ‌द्दीन को वापस करते समय शिकायतकर्ता मंकेश्वर पासवान ने चोरी से वीडियो बनाकर व फोटो खींचकर दिनांक 7 दिसम्बर को शोसल मीडिया पर ट्वीट किया गया। उक्त किये गये शिकायत का खण्डन करते हुए शिकायतकर्ता मंकेश्वर ने 16 दिसम्बर को एक पत्र के साथ पुन: शपथ-पत्र प्रस्तुत किया है जिसमें मंकेश्वर पासवान की ओर से कहा गया है कि सलाउ‌द्दीन अंसारी पर लगाया गया आरोप निराधार है और सलाउ‌द्दीन अंसारी पूरी तरह से निर्दोष है, जिसके लिए शिकायतकर्ता ने किये गये शिकायत के लिये क्षमा करने के लिए अनुरोध किया है। इसके बाद एसडीएम ने सलाउद्दीन को दोषमुक्त मानते हुए प्रकरण का निस्तारण कर दिया है। 

🔴 सच्चाई वीडियो में कैद है साहब

जिलाधिकारी को प्रेषित रिपोर्ट मे उपजिलाधिकारी पडरौना ने कहा है कि है कार्यालय में सम्बद्ध नगर पालिका परिषद, पडरौना के कर्मचारी हरिओम को सलाउद्‌दीन अंसारी ने फोटो स्टेट पेपर मगाने के लिए पांच सौ रुपये दिया था, जो पेपर क्रय करने के बाद शेष बचे रुपये को हरिओम ने सलाउ‌द्दीन को वापस किया उस समय शिकायतकर्ता मंकेश्वर पासवान ने चोरी से वीडियो बना लिया जबकि वीडियो मे साफ दिख रहा है कि मंकेश्वर और नपा कर्मचारी हरिओम के बीच आपस मे बातचीत हो रही है फिर मंकेश्वर जेब से रुपये निकालकर हरिओम को दे रहा है और हरिओम उस रुपये को ले जाकर सीधे सलाउद्दीन को दे रहा है। वीडियो मे सलाउद्दीन द्वारा कही भी हरिओम को रुपये देते हुए नही देखा जा सकता है फिर एसडीएम वीडियो की सच्चाई को सलाउद्दीन के मनगढ़ंत कहानी के सामने क्यो झुठला रहे है? 

🔴साहब शपथ-पत्र कोई खेल है क्या? 

कहना ना होगा कि मंकेश्वर पासवान द्वारा सलाहुद्दीन के खिलाफ घूस लेते हुए वीडियो क्लिप के साथ शपथपत्र देकर शिकायत की गयी है,फिर मंकेश्वर द्वारा ही शपथपत्र देकर सलाउद्दीन पर लगाये गये आरोप को निराधार व निर्दोष बताकर क्षमायाचना करने की बात एसडीएम की रिपोर्ट मे कही गयी है। ऐसे मे सवाल यह है कि क्या शपथ-पत्र कोई खिलौना है? कि जब चाहे किसी पर कोई आरोप लगा दिया जाये और जब चाहे किसी व्यक्ति को निर्दोष करार दे दिया जाये। अगर सलाउद्दीन निर्दोष है और मंकेश्वर ने सलाहुद्दीन के खिलाफ फर्जी व झूठा आरोप लगाकर शपथ-पत्र देकर शिकायत की है तो फिर एसडीएम साहब ने मंकेश्वर के खिलाफ मुकदमा क्यो नही दर्ज कराया? ऐसे में इस बात से इंकार नही किया जा सकता है कि सलाउद्दीन के कारनामे पर पर्दा डालने के लिए बडा खेल किया गया है।

🔵 रिपोर्ट - संजय चाणक्य 

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