🔵 रियल स्टेट कम्पनियों के जरिए जमीन के खरीद फरोख्त मे हुई है जाली नोटों की खपत
🔴जांच एजेंसियों के हाथ लगी पुख्ता सबूत, हो सकती है बडी कार्रवाई
🔵 संजय चाणक्य
कुशीनगर । बीते दिनों कुशीनगर जिले की पुलिस द्वारा दबोच गये नकली नोटों के कारोबारियों का ज्यादातर जाली नोट रियल स्टेट कम्पनियों के माध्यम से जमीन के खरीद फरोख्त मे खपत हुआ है। ऐसा जांच एजेंसियों के हाथ लगे पुख्ता सबूत मिलने से पता चला है। ऐसे मे नकली नोटों को खपाने मे रियल स्टेट कम्पनियों की भूमिका संदिग्ध होने से इंकार नही किया जा सकता है। जनपद मे इस बात कि चर्चा जोरो पर है कि जिले मे संचालित रियल स्टेट कम्पनी की भूमिका भी संदिग्ध हो सकती है। यही वजह है कि पुलिस और जांच एजेंसियों के रडार पर यहा के रियल स्टेट कारोबारी भी है जो जांच की जद मे है। इसको लेकर रियल स्टेट कम्पनी के लोगों में हडकंप मचा हुआ है। अब देखना दिलचस्प होगा कि कानून के लंबे हाथ से देश की अर्थव्यवस्था से खिलवाड़ करने वाले लोग बचते है या फिर सलाखों के पीछे जाते है।
🔴जांच एजेंसी के हाथ लगी अहम सुराग
नकली नोट प्रकरण की जांच कर रही जांच एजेंसियों द्वारा विभिन्न स्रोतों से जुटाई गयी जानकारी व साक्ष्य से यह बात सामने आ रही है कि सलाखों के पीछे भेजे गए नकली नोटों के कारोबारियों ने रियल स्टेट कम्पनियों के जरिए जमीन की खरीद फरोख्त में जाली नोटो को खपाया है। सूत्र बताते है जांच एजेंसी को रियल स्टेट में जाली करेंसी की खपत होने की पुख्ता सबूत मिलने के बाद रियल स्टेट कारोबार से जुड़े लोगो में हड़कंप मचा हुआ है। ऐसी चर्चा है कि जाली नोटो के कारोबारियों ने जाली करेंसी के कारोबार से रियल स्टेट का एक बड़ा सिंडिकेट तैयार किया है। इस गिरोह से जुड़े अभियुक्तों द्वारा नकली नोटो से होने वाली काली कमाई को जमीन की खरीद फरोख्त में लगाने का पुख्ता सबूत मिलने के बाद जांच एजेंसी बड़ी कार्रवाई की ओर बढ़ रही है।
🔴 रियल स्टेट कम्पनी के मालिक बोले
जनपद में संचालित एक रियल स्टेट कम्पनी के मालिक से इस संबंध मे जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि उनकी कम्पनी की जांच चल रही है, कानून पर पुरा भरोसा है। जाली नोटों के कारोबारियों से कोई लेना-देना नही है और न ही उनसे दूर - दूर तक कोई संपर्क और संबध है।
🔴 खबर छपी तो भेजवायेगे नोटिस
जनपद में संचालित जिस रियल स्टेट कम्पनी के मालिक ने मीडिया से वार्ता के दौरान खुद को कानून पर भरोसा जताते हुए जाली नोटो के कारोबारियों से दूर-दूर तक कोई संबंध व संपर्क न होने की बात कही उसी कम्पनी के एक सहयोगी ने दुसरे के माध्यम से मीडिया को धमकाते हुए कहा कि खबर छपी तो हम नोटिस भेजवायेगें। अब सवाल यह उठता कि जब उस रियल स्टेट कम्पनी के खिलाफ पुलिस और जांच एजेंसी जांच कर रही है तो फिर खबर क्यो नही छपेगी ? सवाल यह भी उठता है कि जब कम्पनी के मालिक को कानून पर भरोसा है और जाली नोटों के कारोबार में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से संलिप्तता नही है तो फिर उस कम्पनी के अन्य सहयोगी मीडिया को डराने की गरज से यह क्यो कह रहे है कि खबर छपी तो नोटिस भेजवायेगें। कही दाल में कुछ काला तो नही है या फिर पूरी दाल ही काली है यह जांच एजेंसियों के निष्पक्ष जांच के बाद ही स्पष्ट होगा।
नोट- रियल स्टेट से जुडे नकली नोटों के कारोबार से संबंधित खबर पार्ट-(2) अगले अंक मे.... ।
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