🔴जाली नोट मामले मे गृह मंत्रालय भी जमाये हुए है नजर
🔴अब तक ग्यारह अभियुक्त जा चुके है सलाखों के पीछे
🔴 संजय चाणक्य
कुशीनगर । राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों मे रहा नकली नोट मामले में रियल स्टेट कम्पनियों व मदरसे की संदिग्ध भूमिका का साक्ष्य जब से जांच एजेंसियों के हाथ लगा है तब से जिले के रियल स्टेट कम्पनियों व मदरसे के लोगो की दिन का चैन और रातो की नींद हराम हो गयी है। यही वजह है कि कानून के घेरे से बचने के लिए कोई राजनीतिक जुगाड़ लगाने मे जुटा है तो कोई अपनी समाज सेवा का किस्सा प्रचारित कर जांच एजेंसियों के रडार से बचाना चाहता है। अब सवाल यह उठता है कि जाली नोट मामले मे जांच की जद में आने के बाद अपनी समाज सेवा का कार्य प्रसारित करने के पीछे राज क्या है? आम लोगों का मानना है कि इसके पीछे कही जांच एजेंसियों को भ्रमित करने का कोई उद्देश्य तो नही है। अनुमान चाहे जो भी हो जांच के बाद ही सच्चाई सामने आयेगी।
🔴रियल स्टेट कम्पनी के मालिक का अलग-अलग बयान
रियल स्टेट कारोबार मे जाली नोटों की खपत होने की बात उजागर होने के बाद मीडिया ने कसया स्थित रेडहिल रियल स्टेट कम्पनी के मालिक आलमगीर से बातचीत किया। आलमगीर ने बताया कि उन्हे अब तक न तो कोई नोटिस मिला है और न ही किसी ने कोई पूछताछ की है जबकि रेडहिल के मालिक आलमगीर पिछले तीन अक्टूबर को प्रकाशित खबर '' जांच की जद मे रियल स्टेट कम्पनियां, मचा हडकंप '' शीर्षक से प्रकाशित खबर मे अपना पक्ष देते हुए कहा था कि उनकी कम्पनी की जांच चल रही है, कानून पर पुरा भरोसा है। जाली नोटों के कारोबारियों से कोई लेना-देना नही है और न ही उनसे दूर - दूर तक कोई संपर्क और संबध है। इसी खबर मे उनके सहयोगी द्वारा खबर प्रकाशित करने नोटिस भेजवाने की धमकी दी गयी थी। अब सवाल यह है कि आखिरकार रेडहिल रियल स्टेट कम्पनी के सीएमडी आलमगीर मीडिया को अलग-अलग दो तरह का बयान क्यो दे रहे है ? जाली नोट प्रकरण से संबंधित स्थानीय पुलिस व जांच एजेंसियों द्वारा उनसे कोई पूछताछ नही की गयी और उन्हें कोई नोटिस नही मिला था तो उन्होने मीडिया से यह क्यो कहा कि जाच चल रही है कानून पर उन्हें पूरा भरोसा है। हालाकि इस संबंध में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कोई संतुष्ट पूर्ण जबाब नही दिया बस इतना कहा कि हमे जानकारी नही था, लगा की हमारी कम्पनी की भी जांच चल रही है लेकिन जब पता किया तो ऐसा कुछ नही है। उन्होंने कहा हम कही से गलत नही है। हम कानून के साथ है और जांच मे जो भी सहयोग होगा वह करेगे।
नोट - अगले अंक में पढे पांच लाख से पांच साल में बने अरबपति
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