🔵 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
नई दिल्ली। मोदी कैबिनेट ने बुधवार को एक राष्ट्र एक चुनाव यानि कि '' वन नेशन-वन इलेक्शन '' को मंजूरी दे दी है। अगर यह बिल दोनों सदन से पास हो जाता है, तो इससे कुल 543 लोकसभा सीट और सभी राज्यों की कुल 4130 विधानसभा सीटों पर एक साथ चुनाव कराने का रास्ता खुल जाएगा। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक देश एक चुनाव को लेकर अपनी प्रतिक्रिया भी दी है।
🔴 पीएम मोदी ने बोले
कैबिनेट मीटिंग में एक देश एक चुनाव के बारे में पीएम मोदी ने कहा, "यह लोगों की लंबे समय से लंबित मांग रही है और हम इसे लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए लाए हैं। इसका कोई राजनीतिक मकसद नहीं है।" उन्होंने कहा, "महत्वपूर्ण पहलू देश के लोगों को ओएनओपी की नाविक विशेषताओं के बारे में शिक्षित करना होगा। हमने केवल उसी का सम्मान किया है जो देश के लोग बहुत लंबे समय से चाहते रहे हैं। लगातार चुनाव, शासन और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कानून व्यवस्था पीछे रह जाती है और यह किसी भी देश के लिए अच्छा नहीं है।"
🔴एक महत्वपूर्ण कदम है- पीएम मोदी
पीएम ने कहा कि, "मैं इस प्रयास की अगुआई करने और विभिन्न हितधारकों और विभिन्न हितधारकों से परामर्श करने के लिए हमारे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की सराहना करता हूं। यह हमारे लोकतंत्र को और भी अधिक जीवंत और सहभागी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।" पीएम मोदी पहले भी कह चुके हैं कि वन नेशन वन इलेक्शन आज के समय में देश की जरुरत है। केंद्र सरकार वन नेशन वन इलेक्शन बिल को शीतकालीन सत्र में संसद से पास कराएगी, जिसके बाद यह कानून बन जाएगा
🔴 32 राजनीतिक दलों का मिला समर्थन
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के मुद्दे पर 62 पार्टियों से संपर्क किया था और इस पर जवाब देने वाले 47 राजनीतिक दलों में से 32 ने एक साथ चुनाव कराने के विचार का समर्थन किया, जबकि 15 दलों ने इसका विरोध किया। रिपोर्ट के अनुसार, कुल 15 पार्टियों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी।
🔴पहले फेज में लोकसभा और विधानसभा चुनाव
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसके बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा-पहले फेज में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव होंगे और इसके 100 दिन बाद स्थानीय निकायों के चुनाव कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कमेटी के सुझावों पर देश भर में चर्चा होगी। सभी से आह्वान है कि इस पर अपनी जरूर दें। इस व्यवस्था से लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी, खर्च बचेंगे।
🔴एक साथ चुनाव कराने से क्या होगा लाभ
चुनाव पर होने वाले करोड़ों के खर्च से बचत।बार बार चुनाव कराने से मिलेगा निजात।फोकस चुनाव पर नहीं बल्कि विकास पर होगा।बार-बार आचार संहिता का नही पडेगा असर । काले धन पर लगेगा लगाम ।
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