🔴नगर के श्रीचित्रगुप्त धाम स्थित श्री चित्रगुप्त मंदिर मे आयोजित श्रीमद्भागवत का दुसरा दिन
🔵 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर । भागवत कथा श्रवण मात्र से पाप से मुक्ति मिलती। जिस स्थान पर कथा होती है वहां भगवान विराजमान होते हैं। भगवत नाम के जाप से सारे विपत्ति नाश हो जाते हैं। इस जगत में भगवत कृपा के बिना कुछ भी संभव नहीं है।
पडरौना नगर के श्री चित्रगुप्तधाम स्थित श्री चित्रगुप्त मंदिर मे आयोजित भागवत कथा के दुसरे दिन सोमवार को श्रोताओं को कथा का रसपान कराते हुए अन्तर्राष्ट्रीय कथा वाचक महर्षि अजयदास महाराज ने कही। उन्होंने कहा कि मनुष्य को समाज में अच्छे काम करना चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है की कर्म ही प्रधान है, बिना कर्म कुछ संभव नहीं होता है, जो मनुष्य अच्छा व सत्कर्म करता है उसे अच्छा फल मिलता है व बुरे कर्म करने वाले को हमेशा बुरा फल मिलता है। इसलिए सभी को अच्छे कर्मो के प्रति आकृष्ट होना चाहिए। कथावाचक महराज ने कहा कि एक मार्ग दमन का है तो दूसरा उदारीकरण का। दोनों ही मार्गो में अधोगामी वृत्तियां निषेध हैं। जैसे कि गोकर्ण ने कथा कही, किन्तु उसके दुराचारी भाई धुंधकारी ने मनोयोग से उसे सुना तो मोक्ष प्राप्त हो गया। भागवत कथा एक ऐसा अमृत है कि इसका जितना भी पान किया जाए आत्मा तृप्ति नहीं होती है।
कथा व्यास जी ने बताया कि भगवान की कथा विचार, वैराग्य, ज्ञान और हरि से मिलने का मार्ग बताती है। उन्होंने कहा कि राजा परीक्षित के कारण भागवत कथा पृथ्वी के लोगों को सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। समाज द्वारा बनाए गए नियम गलत हो सकते हैं किंतु भगवान के नियम ना तो गलत हो सकते हैं और नहीं बदले जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि भागवत के चार अक्षर इसका तात्पर्य यह है कि भा से भक्ति, ग से ज्ञान, व से वैराग्य और त त्याग जो हमारे जीवन में प्रदान करे उसे हम भागवत कहते है।
No comments:
Post a Comment