🔵सरस हास्पिटल में बीते माह भी चिकित्सक की लापरवाही से हुई थी एक व्यक्ति की मौत
🔴कार्रवाई करने से खौफ खाते है सीएमओ इस लिए नही होती है सरस हास्पिटल के खिलाफ कार्रवाई
🔵संजय चाणक्य
कुशीनगर । अपनी लापरवाही को लेकर हमेशा चर्चा मे रहने और मरीजों की जिन्दगी से खिलवाड़ करने वाला पडरौना नगर के छावनी मे संचालित सरस हास्पिटल के चिकित्सक की लापरवाही ने एक नवजात की जान ले ली। परिजनो का आरोप है कि नवजात की मौत के बाद हास्पिटल के जिम्मेदार शिशु को एनआईसीयू में रखकर आधे घंटे तक इलाज कर परिजनों से बच्चे को ठीक करने की बात करते रहे, फिर पोल खुलने के भय से हास्पिटल प्रबंधन ने आनन-फानन में मृत्यु नवजात को रेफर कर दिया। पीडित ने हास्पिटल प्रशासन व चिकित्सक के खिलाफ तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। बताया जाता है कि बीते माह भी इस हास्पिटल मे चिकित्सक की लापरवाही से एक व्यक्ति की मौत हुई थी। मजे कि बात यह है कि इस हास्पिटल के खिलाफ कार्रवाई करने से सीएमओ भी खौफ खाते है।
प्रसूता के पति अनिल चौरसिया ने मीडिया के सामने कैमरे पर सरस हास्पिटल के जिम्मेदारो पर गंभीर आरोप लगाया है। प्रसूता के पति का कहना है कि हास्पिटल प्रशासन द्वारा नार्मल डिलीवरी कराने का दावा कर उनकी पत्नी को भर्ती किया गया। शाम छह बजे तक हम हास्पिटल के लोगो से पत्नी की स्थिति की बारे में पूछते रहे जिस पर हास्पिटल के लोग यह कहते रहे कि अभी डिलीवरी मे समय है। रात्रि दस बजे डाक्टर बनकर बैठी जीएनएम व उनकी बहन खुशबू ने डिलीवरी कराया तो बच्चा मरा हुआ पैदा हुआ और बच्चे को लेकर एनआईसीयू मे रख दिया गया। अनिल ने बताया कि जब उन्होंने वहा मौजूद लोगो से बच्चे की स्थिति के बारे में पूछा तो बताया गया कि बच्चे की स्थिति क्रिटिकल है अगर आप यहां से संतुष्ट है तो बच्चे को यही रहने दीजिए हम लोग ठीक कर देंगें। मृतक नवजात के पिता ने आगे कहा कि करीब आधे घंटे बाद हास्पिटल के लोगो ने कहा कि बच्चे की स्थिति नाजुक है आप एंबुलेंस बुलाकर गोरखपुर या फिर डाॅ. देवशरण को दिखा सकते है। इसके बाद वह लोग ही एंबुलेंस बुलाये फिर हम डाॅ. देवशरण के पास गये जहां डाॅ. देवशरण ने बताया कि नार्मल डिलीवरी के चक्कर मे ज्यादा जोर-जबरदस्ती व अत्यधिक दवा इंजेक्शन देने के कारण बच्चा पेट मे ही मर गया है। इसके बाद वह मृत्यु बच्चे को लेकर सरस हास्पिटल पहुंचे।
🔴धमकी और पैसा देकर मामला रफा-दफा करने का प्रयासअनिल का कहना है कि जब वह हास्पिटल के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए तहरीर दिया तो हास्पिटल प्रशासन द्वारा पैसा लेके मामला रफा दफा करने के लिए बोला गया, जब परिजनो ने मैनेज करने से मना कर दिया तो हॉस्पिटल के तरफ से धमकी दी जाने लगी। अनिल चौरसिया का कहना है डाॅ. देवशरण के पास से मृत्यु बच्चे को लेकर परिजनो के साथ जब वह दोबारा सरस हास्पिटल पहुचे तो एक तरफ हास्पिटल के लोग मैनेज की बात कर रहे थे। वही दूसरी तरफ हॉस्पिटल के डायरेक्टर आदर्श धर दूबे व आशीष धर दूबे परिजन से बीटीएस पर अंगूठा लगवा रहे थे। अनिल का कहना है कि पडरौना कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर हास्पिटल व चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। न्याय नही मिलने पर वह मुख्यमंत्री के दरबार मे गुहार लगायेगें।
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