बाढ़ विस्थापित अजयनगर का एसडीएम ने किया निरीक्षण - Yugandhar Times

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Friday, July 26, 2024

बाढ़ विस्थापित अजयनगर का एसडीएम ने किया निरीक्षण

 

🔵42 वर्ष पूर्व विस्थापित बाढ़ पीड़ितों को घरौनी दिलवाने का मामला

🔴डीएम के निर्देश पर  गांव पहुंचे एसडीएम तमकुही

🔵युगान्धर टाइम्स व्यूरो 

कुशीनगर। जनपद के तमकुहीराज तहसील क्षेत्र के ग्राम बभनौली अजयनगर में सीलिंग भूमि में 42 वर्षों से बसे ग्रामीणों के आवासीय भूखंड को सामूहिक आबादी दर्ज कराकर घरौनी दिलाने के संबंध में डीएम कुशीनगर उमेश मिश्र को दिए गए प्रत्यावेदन के पश्चात स्थलीय निरीक्षण करने गुरुवार को भरी दुपहरिया में एसडीएम तमकुहीराज विकास चंद ने कड़ी धूप में पूरे गांव का निरीक्षण किया। निरीक्षण में एसडीएम ने पाया कि बाढ़ विस्थापितों को वर्ष 1981 में जिला प्रशासन द्वारा कालोनी के रूप में व्यवस्थित ढंग से बसाया गया है।

इस मामले में डीएम को ग्रामीणों द्वारा दिये गए प्रत्यावेदन में कहा गया है कि वर्ष 1981 में तत्कालीन पडरौना तहसील अंतर्गत ग्रामसभा अमवाखास के विस्थापित बाढ़पीड़ितों को देवरिया के पूर्व डीएम सुबोध नाथ झा व पडरौना-कसया के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अजय कुमार उपाध्याय द्वारा सम्प्रति तमकुहीराज तहसील अंतर्गत बभनौली स्थित सेवरही चीनी मिल, सेवरही से अतिरिक्त घोषित यानी सीलिंग भूमि अराजी नंबर 501/7.9240 में लगभग 300 परिवारों को बसाया गया था। इस गांव में तमकुहीरोड-कसया मुख्य पीडब्ल्यूडी मार्ग के दक्षिण हर विस्थापित परिवार के दरवाजे तक आने-जाने के लिए उत्तर-दक्षिण 20 कड़ी चौड़े 18 संपर्क मार्ग व गांव के बीच पूरब-पश्चिम 40 कड़ी चौड़ा मार्ग ग्रामीणों की सुविधा के लिए आरक्षित हुए। तत्समय ग्रामीणों के पेयजल व दैनिक दिनचर्या के लिए सोलर पैनल से संचालित वाटर पम्प स्थापित किया गया था। तब से विस्थापित बाढ़पीड़ित ग्रामीण रिहायशी झोपड़ियां व अधकच्चे पक्के घर बनाकर रह रहे हैं। 1982 में जब तत्कालीन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अजय कुमार उपाध्याय का स्थानांतरण हुआ, तो ग्रामीणों ने उन्हें समारोहपूर्वक भावभीनी विदाई देते हुए विस्थापित टोले का नाम अजयनगर घोषित कर दिया। तब से यह टोला पूरे जिले में आमजन व सरकारी अभिलेखों में भी अजयनगर, बभनौली के नाम से ही प्रसिद्ध है। 1981 में यह गांव कालोनी के स्वरूप में बसाया गया था। कालांतर में पडरौना से पृथक होकर तमकुहीराज स्वतंत्र तहसील के रूप में अस्तित्व में आया। वर्तमान में अजयनगर, बभनौली पूरी तरह से व्यवस्थित हो चुका है। हर व्यक्ति के दरवाजे पर पहुंचने के लिए सड़क व जलनिकासी के लिए नाली का निर्माण हो चुका है। बिजली के खंभे व स्ट्रीट लाइट भी लग चुका है। चूंकि इस टोले में व्यवस्थित हर ग्रामीण कृषि भूमि से वंचित हैं। अमवाखास के खेत गंडक नदी की धारा में विलीन हो चुके हैं। अब ये सभी ग्रामीण कृषि योग्य भूमि से वंचित है।इनके पास रोजगार का भी कोई अन्य साधन नहीं है। चूंकि ग्रामीण पिछले 42 वर्षों से सीलिंग भूमि में अवस्थित हैं, इस कारण इन्हें स्वरोजगार के लिए भी ऋण नहीं मिल पा रहा है। इस प्रत्यावेदन के निस्तारण के लिए डीएम श्री मिश्र ने एडीएम व एसडीएम से स्थलीय निरीक्षण के आधार पर आख्या मांगी। जिसके क्रम में गुरुवार को एसडीएम तमकुजीराज विकास चंद अपराह्न 2 बजे गांव में पहुंचे और ग्राम प्रधान प्रतिनिधि संजय कुमार राय, राजेश्वर राय, सुनील राय व ग्रामीणों के साथ गांव के बीच 40 कड़ी सड़क से पूरे गांव का निरीक्षण कर उक्त गाटे की चौहद्दी का भी निरीक्षण किया। इस दौरान एसडीएम श्री चंद ग्रामीणों से उनकी आजीविका, खेती और अजयनगर के विस्थापित होने की परिस्थितियों से भी अवगत हुए। तत्पश्चात उन्होंने मौके पर लेखपाल व राजस्व निरीक्षक से उक्त गाटे के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगा।



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