🔴मामले मे छोटी मछलियां जेल, बडी मछलियां पुलिस की कार्रवाई से दूर
🔴आयुष्मान भारत योजना मे हुए खेल का पुलिस ने खुलासा कर चार कर्मियों को भेज चुकी है
🔴 संजय चाणक्य
कुशीनगर । पीएम मोदी की अति महत्वाकांक्षी योजनाओं मे शुमार आयुष्मान भारत योजना के संचालन मे लगे जिम्मेदार अपनी तिजोरी भरने की गरज से योजना मे वर्षों से पलीता लगा रहे थे। जनपद की पुलिस ने इस मामले का खुलासा कर छोटी मछलियों को दबोचकर सलाखों के पीछे भेज दिया है लेकिन अभी भी बडी मछलियां पुलिस की कार्रवाई से दूर है। सवाल यह उठता है कि प्रधानमंत्री के महत्वाकांक्षी योजना का मानिटरिंग करने वाले स्वास्थ्य महकमा के विभाग-ए-शहंशाह कि भूमिका क्या रही ? क्या सचमुच वह इस खेल के हिस्सेदार नही है? जानकारों का दावा है कि इस खेल मे सीएमओ और नोडल अधिकारी के सहमति और संलिप्तता के बिना संविदाकर्मी सुनियोजित तरीके से इस खेल को अंजाम दे ही नही सकते है। हलांकि पुलिस की जांच अभी चल रही है उम्मीद है कई बडे चेहरे बेनकाब हो सकते है।
काबिलेगौर है कि आम लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा मुहैया कराने के लिए मोदी सरकार ने 23 सितम्बर -2018 को आयुष्मान भारत योजना पूरे देश में लागू किया था, लेकिन यह जनकल्याणकारी योजना भी स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार व इस योजना से जुडे कर्मचारियों के स्वार्थपूर्ण रवैया के कारण जिले मे घोटाले की दलदल में फंसती नजर आ रही है। बीते बुधवार को कुशीनगर जनपद कि पुलिस ने भारत सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना मे वर्षों से घपले का खेल कर रहे स्वास्थ्य विभाग के संविदाकर्मी व आयुष्मान योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) और जिला संपरीक्षक (डिस्ट्रिक्ट ऑडिटर) सहित चार व्यक्तियों को गिरफ्तार कर मीडिया के सामने इनके काले-कारनामे का खुलासा किया था। इनके पास से पुलिस को दो लाख 10 हजार रुपये नकद, प्रयोग में लाए जाने वाले तीन लैपटॉप सहित करीब 13 लाख रुपये की सामग्री भी बरामद की है। पुलिस की जांच में यह तथ्य सामने आया है कि पकडे गये आयुष्मान भारत योजना से जुड़े संविदाकर्मी अस्पताल संचालकों से अवैध वसूली के लिए ब्लैकमेल करते थे। उनकी बातें न मानने पर यह लोग आयुष्मान भारत योजना के पोर्टल पर छेड़छाड़ कर अस्पताल की प्रोफाइल पर अश्लील फोटो और वीडियो अपलोड कर उस अस्पताल का आयुष्मान योजना निरस्त करा देते थे। पुलिस ने इन चारो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। सलाखों के पीछे भेजे गये संविदाकर्मी व आयुष्मान योजना जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) डाॅ. दीपक कुशवाहा को पुलिस इस खेल का मास्टर माइंड बता रही है लेकिन विभागीय सूत्रों का दावा है कि पुलिस बिना किसी दबाव मे निष्पक्ष जांच करती है तो पर्दे के पीछे से इस खेल को अंजाम दे रहे विभाग के जिम्मेदार सहित अन्य बडे चेहरे बेनकाब होने से नही बच सकते है।
🔴सीएमओ द्वारा क्यो नही किया गया कार्रवाई ?
जैसा कि चर्चा है कि निजी अस्पताल के संचालकों ने स्वास्थ्य महकमा के विभाग-ए-शहंशाह डा. सुरेश पटारिया और स्थानीय पुलिस प्रशासन को प्रार्थना पत्र देकर इस मामले की शिकायत दर्ज करायी तो पुलिस प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच की और आयुष्मान भारत योजना मे बट्टा लगा रहे अपनो की कलई खोलकर रख दिया, लेकिन सीएमओ द्वारा अस्पताल संचालकों के शिकायत पत्र पर क्या कार्रवाई की गयी किसी को कुछ नही मालूम है। ऐसे मे सवाल लाजिमी है कि सीएमओ ने अस्पताल संचालकों के शिकायत पर कार्रवाई क्यो नही की? कही ऐसा तो नही कि खुद का गिरेहवान बचाने के लिए सीएमओ इस मामले को अपने स्तर से निपटाने मे जुटे थे। वजह चाहे जो भी हो लेकिन बडे मामले में सीएमओ डा. सुरेश पटारिया कोई कार्रवाई नही करते है इसकी एक बानकी विदेश भेजने वाले कबुतरबाजो से मिलकर नियम विरुद्ध व अवैध तरीके से मेडिकल रिपोर्ट जारी करने वाले कुमकुम डायग्नोस्टिक सेन्टर व सेवा डायग्नोस्टिक सेन्टर है, जिनके खिलाफ आज तक स्वास्थ्य महकमा द्वारा कोई कार्रवाई नही की गयी। बतादे कि पडरौना नगर के सुभाष चौक स्थित कुमकुम डायग्नोस्टिक सेन्टर व साहु सिनेमा परिसर मे संचालित सेवा डायग्नोस्टिक सेन्टर सहित रामकोला रोड स्थित एक डायग्नोस्टिक सेन्टर द्वारा कबुतरबाजो के साथ मिलकर विदेश जाने वाले बेरोजगारों का अवैध तरीके से मेडिकल रिपोर्ट जारी किया गया था जिसका खुलासा ठगी गिरोह का पर्दाफाश के दौरान बीते दिनों पुलिस कप्तान ने किया था । यहां बताना जरूरी है कि जनपद मे कोई भी डायग्नोस्टिक सेन्टर विदेश जाने वालो का मेडिकल करने के लिए अधिकृत नही है ऐसा स्वास्थ्य महकमा का दावा है। इसके बावजूद कुमकुम और सेवा डायग्नोस्टिक सेन्टर द्वारा नियम विरुद्ध व फर्जी तरीके से विदेश जाने वाले युवाओं का मेडिकल रिपोर्ट जारी किया गया। बावजूद इसके इन डायग्नोस्टिक सेन्टरो के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नही की गई।
🔴 क्या है आयुष्मान भारत योजना
कहना ना होगा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभार्थियों और उनके आश्रितों को पांच लाख रुपये तक सालाना मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान किए जाने का प्रावधान है। इस योजना के तहत अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में कोरोना, कैंसर, गुर्दा रोग, हृदय रोग,डेंगू,चिकुनगुनिया, मलेरिया डायलिसिस, घुटना व कूल्हा प्रत्यारोपण, नि:संतानता, मोतियाबिंद और अन्य चिह्नित गंभीर बीमारियों का नि:शुल्क उपचार किया जाता है।
🔴योजना के क्रियान्वयन के लिए जिले मे चयनित है 78 हास्पिटल
आयुष्मान भारत योजना के तहत कुशीनगर जनपद में 14 लाख से अधिक लाभार्थी हैं। मौजूदा समय में जिले में कुल 78 अस्पताल इस योजना के क्रियान्वयन के लिए चयनित किये हैं, इनमें 46 सरकारी और 32 निजी अस्पताल हैं। जिले में इन अस्पतालों में प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना से आंख का ऑपरेशन, हाइड्रोसील, हार्निया सहित विभिन्न प्रकार के ऑपरेशन और बीमारियों का इलाज होता है।
🔴जिम्मेदारो का तिजोरी भरने का बना साधन
बेशक ! आयुष्मान भारत योजना गरीब व जरुरतमंद लोगों को निशुल्क इलाज कर लाभान्वित करने के लिए लागू की गई है, लेकिन कुशीनगर जिले में यह योजना जिम्मेदारो का तिजोरी भरने का साधन बनकर रह गया है।
🔴 योजना के तहत पात्र परिवार मिलता है लाभ
इस योजना के तहत प्रत्येक पात्र परिवार को प्रतिवर्ष 5 लाख तक के नि:शुल्क उपचार का लाभ, योजना से संबद्ध देशभर के किसी भी चिह्नित सरकारी या निजी अस्पताल में मुफ्त ईलाज की सुविधा, भर्ती होने से 7 दिन पहले तक की जांच, भर्ती के दौरान उपचार व भोजन और डिस्चार्ज होने के 10 दिन बाद तक का चेकअप व दवाएं नि:शुल्क उपलब्ध कराने का प्राविधान है।
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