🔵शिक्षक के बिना विद्यालय, चिकित्सक के बिना चिकित्सालय और ढेबरी युग मे रात गुजारना रेतावासियो की है पहचान
🔴महदेवा, शिवपुर, नरायणपुर, मरचहवा, बसंतपुर सहित तमाम रेता क्षेत्र के गांवो मे आजादी के 75 साल बाद भी बिजली-पानी, सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं का है अभाव
🔵 संजय चाणक्य
कुशीनगर । आजादी के 75 साल बाद भी जिले के रेता क्षेत्र के कई गांव ऐसे हैं जहां के वाशिंदे समस्याओं के मकड़जाल में जकड़े हुए हैं। इन गांवो के लोग आज भी विकास के मुख्य धारा से कोसों दूर है। यहां बिजली-पानी, सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। इन्हें सुलभ जीवनयापन के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में कहना मुनासिब होगा कि समय बदला, सरकारे बदली, हुक्मरान बदले, नही बदली रेतावासियों की बदनसीबी। यही वजह है कि शिक्षक के बिना विद्यालय, चिकित्सक के बिना चिकित्सालय और ढेबरी युग मे रात गुजारना रेतावासियो की पहचान बन गयी है।
🔴 हाथी दांत साबित हो रहा है अस्पताल
कहना न होगा कि चिकित्सकीय सुबिधा के अभाव मे हर वर्ष सर्पदंश प्रसव पीड़ा और जनजनित व अन्य गंभीर बीमारी से सैकड़ों लोग असमय काल के गाल मे समा जाते है जिसका कोई झाकी पारने (हाल जानने) तक नही आता है। बताया जाता है कि दो दशक पूर्व ग्रामीणों के हित को ध्यान मे रखते हुए शिवपुर मे बना अस्पताल शुरूआती दौर मे ही हाथी दांत बनकर रह गया। सबब यह है कि अस्पताल बनने के बाद आज तक कभी यहा चिकित्सक नही आये। बताया जाता है कि यहां तैनात चिकित्सक, अटैचमेंट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खड्डा करा लेते है और जिले के स्टोर से शिवपुर अस्पताल के लिए भेजी गयी दवाए खड्डा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर खपत करते है। दैविक आपदा के समय चिकित्सको की टीम कभी-कभार खानापूर्ति के लिए गांव मे दर्शन जरुर दे देती है। ग्रामीण केशव, धनजंय, रामलखन, बेचन, हीरामन और नथुनी गुस्से मे बोलते है कि पहले तो सिर्फ नेताओं का झूठा आश्वासन मिलता था अब मुट्ठी भर अनाज और नेताओं का झूठा वायदा के सिवाय कुछ नही मिलता है।
🔴 झूठा तेरा वादा
ग्रामीण बताते है कि योगी सरकार के प्रथम कार्यकाल मे सभी ग्रामसभाओ की सडको को ब्लाक मुख्यालय से जोडने का वादा किया गया था लेकिन वह वायदा आज तक पूरा नही हुआ दुर्दशा जस की तस बनी हुई है।
🔴 सडक नही तो वोट नही
रेतावासियो को एक गांव से दुसरे गांव में जाने के लिए नांव का सहारा लेना पडता है। यहां के बाशिंदों को खड्डा ब्लाक मुख्यालय जाने के लिए पहले महराजगंज के सोहगीबरवा जाना पडता है फिर पडोसी राज्य बिहार के नौरंगिया, मदनपुर के उबड-खाबड मार्ग से होते हुए 45 किमी की दूरी तय कर ब्लाक मुख्यालय पहुचना पडता है। इस बार ग्रामीणों ने तय किया बहुत हो गया वादाखिलाफी अबकी बार सडक नही तो वोट नही।
🔴कहा जा रहा है हमारे गांव का विकास मद
शिवपुर गाव के निवासी बेचने कहते है कि एक अदद मार्ग के अभाव में विकास का धन गांव मे पहुचने से पहले रास्ते मे ही दम तोड़ देता हैं। वह सवालिया अंदाज मे बैलते है जब योगी जी की सरकार पूरे प्रदेश में बिना भेद भाव किये चौमुखी विकास कर रही है,तो हमारे रेता क्षेत्र के गांव का विकास मद कहा है क्या हुआ ? आखिर हम लोगो को दुश्वारियों से कब मिलेगी आजादी?
🔴 ग्राम प्रधान बोलेनरायणपुर के ग्राम प्रधान नरसिंह कहते है कि रेताक्षेत्र के लोगो की सुधि लेने वाला कोई नही है। चुनाव के समय मे सभी दल के नेता आते है और मुंगेरीलाल का हसीन सपना दिखा कर चले जाते है। हमलोगों को अपने ब्लॉक मुख्यालय आने के लिए बिहार प्रदेश के रास्ते 45 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है।मार्ग नही होने के कारण बरसात के दिनों 4 माह के लिए खड्डा से संपर्क टूट जाता है।ऐसे में हमे भारी दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है।
🔴पडरौना/कुशीनगर लोकसभा से अबतक निर्वाचित सांसद
🔵देवरिया पूर्वी लोकसभा
1952 रामजी ( सोपा)
1957 काशीनाथ पाण्डेय (कांग्रेस)
1962 काशीनाथ पाण्डेय (कांग्रेस)
🔵पडरौना लोकसभा
1967 काशीनाथ पाण्डेय (कांग्रेस)
1971 गेंदा सिंह (कांग्रेस)
1977 रामधारी शास्त्री (जनता पार्टी)
1980 सीपीएन सिंह (कांग्रेस)
1984 - सीपीएन सिंह (कांग्रेस)
1989 - बालेश्वर यादव (जनता दल)
1991-राम नगीना मिश्र (भाजपा)
1996-राम नगीना मिश्र (भाजपा)
1998 - राम नगीना मिश्र (भाजपा)
1999 - राम नगीना मिश्र (भाजपा)
2004 - बालेश्वर यादव (निर्दल/नेलोपा)
🔵कुशीनगर लोकसभा
2009-आरपीएन सिंह (कांग्रेस)
2014-राजेश पाण्डेय (भाजपा)
2019-विजय कुमार दूबे (भाजपा)
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