🔴 सरकार की कानो तक किन्नर समाज की बात पहुचाने लिए हेमांगी सखी ने लिया चुनाव लडने का निर्णय
🔵 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
वाराणसी । देश की पहली किन्नर महामंडलेश्वर हेमांगी सखी वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगी। अखिल भारत हिंदू महासभा ने हेमांगी सखी को बनारस से टिकट दिया है। कहना न होगा कि अखिल भारत हिंदू महासभा ने अभी बीस लोकसभा सीटों का लिस्ट जारी किया हे। इसमे किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी का नाम भी शामिल है। हिमांगी किन्नरों के सम्मान और समान अधिकार की लडाई लड रही है वह पांच भाषाओं में भागवत कथा सुनाती है। वह 12 अप्रैल को बनारस पहुंचेंगी और बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद लेकर अपने चुनाव प्रचार की शंखनाद करेंगी।
बतादे कि पीएम मोदी लगातार तीसरी बार वाराणसी से चुनाव लड रहे है। बनारस मे एक जून को अतिंम चरण मे मतदान किये जायेंगे। अखिल भारत हिंदू महासभा ने पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी लोकसभा क्षेत्र के साथ 19 अन्य सीटों पर भी प्रत्याशियों का ऐलान किया है। महामंडलेश्वर हेमांगी सखी ने कहा कि पूरे देश में किन्नर समाज की स्थिति दयनीय है। किन्नर समाज के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं की गई है। किन्नर समाज अपनी बात लोकसभा और विधानसभा में कैसे रखेगा? किन्नर समाज का नेतृत्व कौन करेगा? किन्नर समाज की भलाई के लिए मैंने धर्म से राजनीति की ओर रुख किया है। महामंडलेश्वर ने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में नहीं हैं, उन्होंने भी धर्म का काम किया है। हमारा प्रयास सिर्फ इतना ही है कि हमारी बात सरकार के कानों तक पहुंचे। इसीलिए वाराणसी संसदीय सीट से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।
🔴 अर्द्धनारीश्वर को भूल गई सरकार
महामंडलेश्वर हिमांगी ने कहा कि सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दिया है। हम इसकी सराहना करते हैं, बेटियां जगतजननी का स्वरूप हैं लेकिन सरकार अर्द्धनारीश्वर को भूल गई। यह नारा हम भी सुनना चाहते हैं, वह दिन कब आएगा? केंद्र सरकार ने ट्रांसजेंडर पोर्टल जारी कर दिया लेकिन क्या किन्नरों को इसके बारे में पता है। जो सड़क पर भीख मांग रहे हैं, उनको पता ही नहीं है कि उनके लिए कोई पोर्टल भी है।उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार ने पोर्टल जारी किया तो प्रचार क्यों नहीं किया ? किन्रर बोर्ड बनाने से कुछ नहीं होता है। सरकार को किन्नर समाज के लिए सीट आरक्षित करनी पड़ेगी, तब जाकर स्थितियां बदलेंगी।आज भाजपा सरकार ने किन्नरों के लिए अपने दरवाजे खुले रखे होते तो शायद महामंडलेश्वर हेमांगी सखी को यह कदम नहीं उठाता पड़ता। हिंदू महासभा ने किन्नरों को मुख्य धारा में लाने और अपनी बात समाज के सामने रखने के लिए मुझे प्रत्याशी घोषित किया है। यह पहल देश की हर पार्टी को करनी होगी।
🔴 पांच भाषाएं जानती है हिमांगी
महामंडलेश्वर हिमांगी सखी के पिता गुजराती और मां पंजाबी थीं। इनका बचपन महाराष्ट्र में बीता। कई स्थानों पर आने-जाने की वजह से इन्होंने पांच भाषाओं पर अपनी मजबूत पकड बना ली। हिमांगी सखी हिंदी, अंग्रेजी, पंजाबी, गुजराती और मराठी में भागवत कथा सुनाती हैं। उनका यह मानना है कि भागवत कथा हर किसी को सुननी और समझनी चाहिए। हिमांगी के अनुसार भागवत सुनने की प्रक्रिया में भाषा बाधा न हो इसलिए वह श्रोताओं को उनकी भाषा में भागवत कथा सुनाती हैं। हिमांगी के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं। उनके फैन और फॉलोवर्स की काफी संख्या है।
🔴बैंकाक, सिंगापुर, मारीशस, मुंबई, पटना सहित 50 से अधिक जगहो पर कर चुकी है भागवत कथाएं
माता-पिता का निधन के बाद बहन की शादी हो गई। इसके बाद हिमांगी वृंदावन पहुंचीं और वहां जाकर शास्त्रों का अध्ययन शुरू कर दिया। फिर गुरू के आदेश पर वह धर्म प्रचार के लिए वापस मुंबई लौटीं। मुंबई मायानगरी है तो यहां हिमांगी सखी ने फिल्मों में काम करने का भी प्रयास किया। कई रोल किए लेकिन मन नहीं रमा तो वापस धर्म प्रचार के काम में जुट गईं। वहीं से भागवत कथा सुनाने का सिलसिला शुरू हुआ। वह अब तक बैंकाक, सिंगापुर, मारीशस, मुंबई, पटना आदि जगहों पर 50 से अधिक भागवत कथाएं कर चुकी हैं। देश-विदेश में पूरे वर्ष उनका कार्यक्रम होता रहता है। हिमांगी सखी को महामंडलेश्वर की उपाधि पशुपतिनाथ पीठ अखाड़े से मिली है। यह अखाड़ा नेपाल में है। वर्ष 2019 में प्रयागराज में हुए कुंभ में नेपाल के गोदावरी धाम स्थित आदिशंकर कैलाश पीठ के आचार्य महामंडलेश्वर गौरीशंकर महाराज ने उन्हें पशुपतिनाथ पीठ की तरफ से महामंडलेश्वर की उपाधि दी थी।
🔴हिन्दू महासभा द्वारा 20 प्रत्याशियों का ऐलान
वाराणसी से महामंडलेश्वर किन्नर हिमांगी सखी, सीतापुर से ऋषि कुमार त्रिवेदी, खनऊ से अश्वनी कुमार श्रीवास्तव, देवरिया से अशोक श्रीवास्तव, बागपत से पूजा, मिर्जापुर से मृत्युंजय सिंह भूमिहार, संत कबीर नगर से रमाकांत पांडे, गोंडा ऋषभ श्रीवास्तव, सलेमपुर से महामंडलेश्वर आनंद स्वरूप महाराज, बलिया से राजू प्रकाश श्रीवास्तव, गाजियाबाद से सचिन पुराण चौधरी, गौतम बुद्ध नगर से रणवीर चौधरी, फतेहपुर से कांता प्रसाद द्विवेदी, उन्नाव से उमेश बाजपेई, गोरखपुर से सुधांशु सिंह श्रीवास्तव, डुमरियागंज से दिवाकर विक्रम सिंह, बांदा चित्रकूट नवीन कुमार उपाध्याय, प्रयागराज से संजय श्रीवास्तव, आगरा से अनिकेत अग्रवाल, आजमगढ़ से पूनम चौबे को प्रत्याशी बनाया गया है।
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