कुशीनगर : चुनावी रणभूमि मे स्वामी प्रसाद मौर्य ठोक सकते है ताल - Yugandhar Times

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Sunday, March 17, 2024

कुशीनगर : चुनावी रणभूमि मे स्वामी प्रसाद मौर्य ठोक सकते है ताल

 

🔵 कांग्रेस के टिकट पर स्वामी प्रसाद मौर्य के चुनाव लड़ने की लगायी जा रही है कयास

🔴चुनाव मे उठ सकता है मौर्या के विवादित बयान का मुद्दा 

🔵संजय चाणक्य 

कुशीनगर। कई बार दल-बदल कर सत्ता सुख हासिल करने के बाद खुद की पार्टी बनाकर लोकसभा के रणभूमि मे ताल ठोकने  के लिए जोर-आजमाइश करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार चर्चा में है। राजनीतिक गलियारों मे चर्चा की वजह यह है कि स्वामी प्रसाद आईएनडीआई गठबंधन का हिस्सा बनकर कुशीनगर से चुनावी मैदान मे ताल ठोक सकते है। 

काबिलेजिक्र है कि राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य की कांग्रेस से बातचीत चल रही है। ऐसी कयास लगायी जा रही है कि स्वामी प्रसाद कांग्रेस का दामन थाम कर कुशीनगर से कांग्रेस के टिकट पर   चुनाव लड़ सकते हैं।  हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी किसी नेता का कोई बयान सामने नहीं आया है। बताया जाता है कि स्वामी प्रसाद मौर्य से बीते रविवार को लखनऊ में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने मुलाकात की थी। इस दौरान दोनों नेताओं में लोकसभा चुनाव को लेकर आईएनडीआई गठबंधन पर विधिवत चर्चा हुई थी। इस मुलाकात की जानकारी खुद कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने सोशल मीडिया एक्स के जारिए दी थी। उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि दोनों ने औपचारिक भेंटवार्ता में आईएनडीआई गठबंधन के विस्तार पर सकारात्मक चर्चा की गई। 

🔴कांग्रेस अपने हिस्से की दे सकती है एक सीट 

कयास के दौर मे यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के आईएनडीआई गठबंधन में शामिल होने स्थिति में सीट  बंटवारें को लेकर पेंच फंस सकता है। वजह यह है कि सपा की ओर से स्वामी प्रसाद मौर्य को एक भी सीट न दिए जाने की संभावना जताई जा रही है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस अपने हिस्से की एक सीट स्वामी प्रसाद को दे सकती है इन संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है। 

🔴 तीन बार रह चुके पडरौना के विधायक रहे चुके हैं

कहना ना होगा कि स्वामी प्रसाद मौर्य कुशीनगर जनपद के पडरौना विधानसभा सीट से लगातार तीन बार विधायक रह चुके है। वह पहली बार वर्ष 1996 में बतौर विधायक, विधानसभा पहुंचे थे। स्वामी प्रसाद मौर्य वर्ष 2009 में  बसपा के टिकट पर कुशीनगर से लोकसभा चुनाव लडा था और   कांग्रेस प्रत्याशी आरपीएन सिंह से  करारी हार का सामना किया था।

🔴 चुनाव मे उठेगा देवी-देवताओं पर मौर्या द्वारा किया गया घटिया टिप्पणी का मुद्दा 

स्वामी प्रसाद मौर्य हमेशा विवादित बयानों के वजह से चर्चा मे रहे है। वह रामचरित मानस और हिन्दू  देवी-देवताओं के खिलाफ घटिया टिप्पणी कर पहले भी कई बार अपनी धू-धू करा चुके है। उनके विवादित बयान हर बार सनातन धर्म के मानने वाले लोगो को आघात पहुंचाता रहा है। वह बीते दिनो जब सपा मे थे उस समय माता लक्ष्मी पर विवादित बयान देते हुए कहा था कि दुनिया में कहीं भी चार हाथ वाले बच्चे पैदा नहीं होते तो माता लक्ष्मी कैसे हो गईं? इससे पहले उन्होंने हरदोई में कहा था कि जिसको तुम हिंदू राष्ट्र बोलते हो वह भारत राष्ट्र है। यह भारत कभी भी न हिंदू राष्ट्र था, न है और न रहेगा इसलिए हिंदू राष्ट्र की मांग करने वाले देशविरोधी हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य यह भी कह चुके है कि रामचरितमानस में दलितों और महिलाओं का अपमान किया गया। तुलसीदास ने ग्रंथ को अपनी खुशी के लिए लिखा था। करोड़ों लोग इसे नहीं पढ़ते। इस ग्रंथ को बकवास बताते हुए स्वामी ने कहा था कि सरकार को इस पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। इतना ही नही स्वामी प्रसाद मौर्य शादियों में गौरी-गणेश की पूजा न करने की बात भी कह चुके हैं। उन्होंने कहा था कि यह व्यवस्था दलितों और पिछड़ों को गुमराह करने और उन्हें गुलाम बनाए रखने के लिए बनाई गई है।

🔴 रामायण व महाभारत को पाठ्यक्रम मे शामिल करने पर क्या बोले थे मौर्य 

एक्स ( ट्यूटर) पर एक पोस्ट में बीते दिनों स्वामी प्रसाद मौर्य ने यहां तक कह दिया था कि क्या एनसीईआरटी और सरकार, रामायण और महाभारत को पाठ्यक्रम में शामिल कर सीता, शूर्पणखा व द्रोपदी जैसी महान देवियों को क्रमशः अग्नि परीक्षा के बाद भी परित्याग, वैवाहिक प्रस्ताव पर नाक-कान काटने की त्रासदी और द्रोपदी जैसी अन्य तमाम देवियों के चीरहरण को बढ़ावा देना चाहती है?'स्वामी प्रसाद मौर्य इतने पर भी नहीं रुके थे। उन्होंने आगे लिखा था, 'एक ने भाई को भाई से लड़ाने का काम तो दूसरे ने भाई-भाई को आपस में लड़ाया। क्या सरकार पारिवारिक विद्यटन को और भी बढ़ावा देने के पक्षधर है?' ऐसे मे कहना मुनासिब होगा कि मौर्य अगर चुनाव मैदान मे ताल ठोकते है तो उनके बिगडे बोल और हिन्दू देवी-देवताओं पर किये गये घटिया टिप्पणी का खामियाजा भी झेलना पडेगा।


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