🔴आडियो की आवाज मीडिया नही कर रही पुष्टि, जांच की आंच से दूर दागी पुलिसकर्मी, मामला लीपापोती
🔴 कुशीनगर जनपद के बरवापट्टी पुलिस की कारस्तानी
🔵 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर । अपराधियों मे कानून का खौफ और आम आदमी की सुरक्षा को लेकर योगी सरकार चाहे जितना भी संकल्पित हो, लेकिन कुशीनगर पुलिस पर इसका कोई असर नही दिख रहा है। वजह यह है कि बीते दिनो शराब तस्करो पर कार्रवाई करने के बजाय पुलिस के जिम्मेदार द्वारा शराब पकड़वाने वाले युवक को धमकाकर शराब तस्करो के साथ मिलकर कमाने-खाने का नसीहत देते हुए वायरल आडियो चर्चा का विषय बना हुआ है ऐसा न करने पर फर्जी मुकदमा दर्ज कर जेल का हवा खिलाने की पुलिसिया धौस भी जमाया जा रहा है। खाकी की कारस्तानी के आडियो व घटना संबंधित वीडियो सोसल मीडिया पर खूब सुर्खियों मे रही है। इसके बावजूद अब तक पुलिस कि छवि धूमिल करने व सूबे के वजीरेआला के दावे को पलीता लगाने वाली पुलिस अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नही की गयी। यही वजह है कि सूबे के वजीरेआला के कानून व्यवस्था को लेकर तरह-तरह की कानाफूसी की जा रही है।
मामला जनपद के बरवापट्टी थाना क्षेत्र का है और आडियो मे पुलिस कप्तान का नाम लेकर युवक को धमकाने वाली आवाज थानाध्यक्ष की बतायी जा रही है जिसकी पुष्टि युगान्धर टाइम्स नही कर रहा है।
🔴 फ्लैशबैकबतादे कि बीते रविवार की आधी रात को शराब लेकर जा रहे तस्करों की गाड़ी को गांव वालों ने घेर लिया था। तस्कर खुद को घिरता देख अस्सी पेटी शराब वही गेहूं की खेत में छोड़कर भाग गए थे। सूचना पर पहुंची बरवापट्टी पुलिस ने शराब की पेटी लेकर थाने चली आयी और अगले दिन पुलिस ने खेला करते हुए अज्ञात तस्करों पर मुकदमा दर्ज कर 48 पेटी शराब बरामद करने का दावा किया। मजे की बात यह है कि पुलिस की कारस्तानी को उस समय एक युवक ने वीडियो बनाकर अपने मोबाइल मे कैद लिया था जिसमे तस्करो द्वारा छोडी गयी अस्सी पेटी शराब दिख रहा है। कहना न होगा कि जब बरवापट्टी पुलिस ने 32 पेटी शराब का घपला कर 48 पेटी शराब दिखाकर अपना पीठ थपथपाने लगी तो वह युवक सोशल मीडिया पर खाकी के कारनामे को अपलोड कर बरवापट्टी पुलिस की कलई खोलकर रख दिया। बताया जाता है कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को पुलिस अधीक्षक ने संज्ञान लिया और प्रकरण को जांच कराया जिसमे यह बात सामने आयी कि वीडियो मे पुलिस की कारगुजारी का पोल खोलने और वीडियो वायरल करने वाले युवक का पिता हिस्ट्रीशीटर है और उसके खिलाफ बारह केस दर्ज है। शायद यही वजह है कि 32 पेटी शराब घपला करने वाली बरवापट्टी पुलिस पर कोई कार्रवाई नही की जा रही है।
🔴 विधि विशेषज्ञ बोले
दर्शनशास्त्र के जानकार व विधि विशेषज्ञ हाईकोर्ट के अधिवक्ता प्रदीप शुक्ला का कहना है कि पिता अपराधी है तो इसका कतई यह मतलब यह नही हुआ कि पुत्र भी अपराधी होगा और उसे समाज मे सम्मान नही मिल सकता। अगर वह साक्ष्य के साथ अपराध व भ्रष्टाचार से संबंधित मामले सार्वजनिक करता है और जांच में प्रकरण की सत्यता की पुष्टि होती है तो उस पर कार्रवाई सुनिश्चित होनी चाहिए न कि यह कहकर मामले को खारिज किया जा सकता है कि उक्त व्यक्ति के पिता अपराधी व हिस्ट्रीशीटर है।
🔴वीडियो के बाद हुआ था आडियो वायरलगौरतलब है कि वायरल वीडियो मे एक युवक बरवापट्टी पुलिस पर शराब तस्करी कराने का आरोप लगाया था। वीडियो मे युवक दावा कर रहा है कि पुलिस ने अस्सी पेटी के बजाय अड़तालिस पेटी शराब की बरामदगी दिखाकर यह जानते हुए कि तस्कर कौन है बावजूद इसके अज्ञात लोगो पर मुकदमा दर्ज किया। ऐसा करने के पीछे पुलिस की मंशा यह थी कि शराब तस्करों से उसे बँधी बंधाई मोटी रकम मिलती है। इधर मामला सार्वजनिक होने के बाद एसपी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जाँच करने का आदेश जारी कर दिया जिसको लेकर संलिप्त पुलिसकार्मियों के हाँथ पाँव फूल गए। इसके बाद थानाध्यक्ष अपने पुरे लावा लश्कर के साथ आरोप लगाने वाले युवक के घर पहुँच गयी। वायरल आडियो में थानाध्यक्ष, पुलिस कप्तान का नाम लेकर पहले युवक को खूब डराती-धमकाती है और बयान बदलने के लिए दबाव बनाती। फिर उस युवक को यह सलाह देती है कि दोनों लोग मिलकर कमाओ-खाओ आपस में लड़ाई का कोई मतलब नहीं है। उक्त युवक का आरोप है कि उसे जबरिया पकडकर थाने लें जाया गया और तब तक नहीं छोड़ा गया जब तक उससे अपने मन मुताबिक बयान पर पुलिस ने उस युवक से हस्ताक्षर नहीं करवा ली। बताया जाता है कि जब यह वाक्या चल रहा था तो थानाध्यक्ष ने सबसे पहले युवक का मोबाइल अपने चालक मंटू के पास जमा करवा दिया था लेकिन इसी दौरान किसी अन्य व्यक्ति ने इन सारी गतिबिधियों को अपने सेलफ़ोन में रिकार्ड कर लिया। ऑडियो क्लिप में आवाज थानाध्यक्ष की है या नही इसकी पुष्टि हम नही कर रहे है। लेकिन यह आवाज अगर थानाध्यक्ष की है तो यह अत्यंत शर्मनाक है।
🔴 हौसला बुलंद
यहा बताना जरूरी है कि बीते दिनो चैटिंग कांड में क्लीन चिट मिलने के बाद इन पुलिसकर्मियों का हौसला बुलंद है। इन्हे इस बात का गुमान है कि वह योगी सरकार मे कुछ भी करेगे उनका बाल बांका नहीं होने वाला है। बताना मुनासिब है कि बीते वर्ष 28 अक्टूबर को चैटिंग का जो स्क्रीन शाट वायरल हुआ था उसमे जाँच अधिकारी ने इसी तरह से बचाव किया था जैसे अभी इस मामले में बचाव का किया जा रहा है।चैटिंग के स्क्रीन शाट में तस्करों ने अपना गाड़ी नंबर सेंड किया था और उसमे दूसरी तरफ से एक मिस्ड काल पड़ा हुआ नजर आ रहा था जो यह बयां कर रहा था कि पुलिस के तरफ से भी तस्करों को काल किया गया था। साइबर सेल इस मासले को बडी आसानी से तहकीकात कर सकता था कि पुलिस के मोबाइल पर मैसेज भेजनें वाला व्यक्ति कौन था लेकिन इस मामले में आरोपी पुलिसकर्मियों को क्लीन चिट दे दिया गया। सूत्रों का कहना है कि यह जाँच ऐसे लोगो के हाथो में थी जिनके ऊपर झूठी गवाही देने के मामले में कोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था। ऐसे में इस जांच में न्याय की उम्मीद करना ही बेमानी था।
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