🔵खोया हुआ मोबाइल मिला, लेकिन पुलिस ने नही बताया कहा से बरामद किया मोबाइल
🔴 विभिन्न क्षेत्रों मे खोये हुए 103 मोबाइल को पुलिस ने कहा सै किया बरामद, बना सवाल
🔵 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर । बीते दिनों खोये हुए मोबाइल पाकर मोबाइल स्वामियों के चेहरे भले ही खिल उठे हो लेकिन यह बात सार्वजनिक नही हुई है कि पुलिस ने यह सभी मोबाइल कहा से और किसके पास से बरामद की है। इसको लेकर जनपद में चर्चाओ का बाजार गर्म है। मजे की बात यह है कि पुलिस ने बकायदे प्रेस कांफ्रेंस कर मीडिया से मुखातिब होकर 103 मोबाइल, मोबाइल स्वामियों को वितरित किया लेकिन एक भी मुजरिम पुलिस हिरासत मे नही दिखे।
काबिलेगौर है कि सोमवार को पुलिस लाइन सभागार मे आयोजित प्रेसवार्ता में जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से खोए हुए 103 मोबाइल को अपर पुलिस अधीक्षक अभिषेक त्यागी ने मीडिया के समक्ष सार्वजनिक कर मोबाइल स्वामियों को सुपुर्द किया था। गुम हो चुके मोबाइल को पाने की उम्मीद छोड चुके मोबाइल स्वामियों को जब उनका मोबाइल उनके हाथ मे मिला तो उनके चेहरे खिल उठे। लोगो के चेहर पर खुशी देखकर बेशक कुशीनगर पुलिस भी मन ही मन गदगद हो रही थी और अपने इस कामयाबी पर अपनी पीठ थपथपा रही थी। लेकिन उस समय पुलिस निरुत्तर हो गयी जब मीडिया ने सवाल किया कि यह सभी मोबाइल कहा और किसके पास से बरामद की गयी। हालांकि अपर पुलिस अधीक्षक ने मीडिया को भरमाने का प्रयास किया। एडिशनल एसपी ने पूछे गये सवाल का जबाव देते हुए बताया कि यह मोबाइल साइबर सेल जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से ढूढकर लायी है। अब सवाल यह उठता है कि विभिन्न क्षेत्रों मे लोगो के गुम हुए मोबाइल को क्या साइबर सेल सड़क और झाड़ियों से बरामद की थी। स्वाभाविक सी बात है मोबाइल गुम हुआ हो या फिर चोरी हुआ हो वह किसी न किसी व्यक्ति के हाथ मे ही होगा फिर पुलिस ने जिन लोगों के पास से मोबाइल बरामद किया उसको हिरासत मे क्यो नही लिया? क्यो नही उस व्यक्ति का नाम सार्वजनिक किया? नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के एक युवक और रामकोला थाना क्षेत्र की एक महिला ने पुलिस लाइन में सबके सामने मीडिया के कैमरा पर अपना बयान दर्ज कराया कि उनका मोबाइल उनके घर से चोरी हुआ था तो फिर यह मोबाइल कहा से बरामद की गयी इस सवाल से पुलिस कैसे बच सकती है।आम तौर पर मोबाइल गुम होता है तो कोई न कोई व्यक्ति उस मोबाइल को पाता है। वह व्यक्ति उस मोबाइल को या तो खुद इस्तेमाल करता है या फिर औने-पौने दाम मे किसी दूसरे व्यक्ति के हाथों बेचे देता है। ऐसे में साइबर सेल जब सर्विलांस के जरिए मोबाइल को ढूढते हुए लोकेशन के जरिए निश्चित स्थान पर पहुंची तो क्या निश्चित स्थान पर पुलिस टीम को यह सभी मोबाइल हवा मे लटकते हुए मिला? ऐसे कई सवाल हैं जिनका जवाब देने से एएसपी अभिषेक त्यागी बचते दिखे।
🔴 दर्ज शिकायतों के आधार पर पुलिस ने खोजा मोबाइल
पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभागार में एएसपी अभिषेक त्यागी ने मोबाइल स्वामियों को उनका मोबाइल पहचान कराने के बाद उन्हें सुपुर्द कर दिया। इसमें रीयलमी के 18, रेडमी के 28, वीवो के 16, ओप्पो के 15, इनफिनिक्स के 7, सैमसंग के 5, पोको के 3, टेक्नो के 2, आईक्यू के 1 मोटोरोला के 1 मोबाइल को पुलिस ने बरामद किया लेकिन ये मोबाइल कहाँ से और किसके पास से बरामद किया गया। पुलिस ने मीडिया यह नहीं बताया। बरामद किए गए कुल मोबाइल फोन की कीमत तकरीबन 24 लाख रुपये बताई जा रही है। एएसपी साउथ अभिषेक त्यागी ने पत्रकारों को बताया कि विभिन्न थाना क्षेत्रों से बरामद किए मोबाइल, गायब हुए थे, जिसकी शिकायत सीआइआर पोर्टल पर मोबाइल स्वमियों की ओर से दर्ज कराई गई थी।
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