🔴 पूर्व की घटनाओं को लेकर ईओ अमित सिंह पर हुई होती कार्रवाई तो नही होती शनिवार को मारपीट की घटना
🔵 संजय चाणक्य
कुशीनगर । चेयरमैन व कर्मचारियों के साथ मारपीट कर अपनी गुण्डई का खुला प्रर्दशन करने वाले ईओ अमित सिंह की मनबढई को लेकर पिछले माह बोर्ड की बैठक में निंदा प्रस्ताव भी पारित किया गया था। इसके बावजूद ईओ ने अपने कार्यशैली मे कोई सुधार नही लाया। बताया जाता है कि दिसंबर माह मे नगर पंचायत बोर्ड की आयोजित बैठक मे सभी सभासदों ने ध्वनिमत से ईओ के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव पारित कर प्रमुख सचिव नगर विकास को उसकी कापी भी भेजी थी। ऐसी चर्चा है कि बोर्ड की इस कार्रवाई से भी ईओ अमित सिंह न सिर्फ खासे बिदगे हुए थे बल्कि चेयरमैन, सभासद व अपने मातहतों से अन्दर ही अन्दर खफा चल रहे थे।
गौरतलब कि ईओ की मनबढ रवैया व कार्यालय मे शराब पीकर कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट करने के मामले को लेकर 19 दिसंबर को नगर पंचायत अध्यक्ष जेपी गुप्ता की अध्यक्षता मे बोर्ड की बैठक आयोजित की गई थी जिसमे सदस्यों ने ईओ अमित सिंह के कुल सात माह के कार्यकाल पर आक्रोश व्यक्त करते हुए निंदा प्रस्ताव पारित किया था।
🔴बोर्ड की बैठक मे की गयी ईओ के कारनामे पर चर्चा
बोर्ड की बैठक मे सदस्यों ने ईओ द्वारा सात माह के अपने कार्यकाल मे कोई निविदा प्रक्रिया को अमल में नहीं लाने, अधिशासी अधिकारी अमित सिंह द्वारा शासकीय कार्यों में रूची नहीं लिए जाने के कारण नगर में विकास कार्य न होना, सफाई कार्यों का निरीक्षण नहीं किया जाना, नशे की हालत में निकाय के कर्मचारियों से मार-पीट करना, अध्यक्ष के निर्देशों का पालन नहीं किया जाना एंव अध्यक्ष से अमर्यादित भाषा में बात करना, बोर्ड की सहमति के बिना मनमाने तरिके से कार्य करना, कार्यालय में बैठकर आम जनमानस की समस्याओं की सूनवाई नहीं करना, अध्यक्ष के अनुमति के बिना वित्तीय क्रिया कलापों को सम्पादित करना, विपक्षी पार्टीयों से मिलकर राजनिति करने के साथ-साथ बोर्ड द्वारा पारित किये गये प्रस्तावो को विपक्षी पार्टीयों से विवादास्पद बनाना आदि विन्दुओं पर चर्चा करते हुए सदस्यों ने ईओ अमित सिंह के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया था।
🔴प्रमुख सचिव को भेजा गया है निंदा प्रस्ताव की कापी
कहना ना होगा कि मनबढ ईओ अमित सिंह के खिलाफ पारित निंदा प्रस्ताव की कापी बोर्ड द्वारा प्रमुख सचिव नगर विकास को भी भेजी गयी है। लेकिन उच्च अधिकारियों द्वारा अब तक कोई कार्रवाई न होने के कारण ईओ अमित सिंह की गुण्डई सिर चढकर बोल रहा है। सवाल यह नही है कि निंदा प्रस्ताव के बावजूद अमित सिंह अपने कार्यशैली मे सुधार क्यो नही ला रहे है सवाल यह है कि कर्मचारियों के साथ मारपीट करने, नगर के विकास कार्यों मे रोडा बनने व शराब पीकर कार्यालय मे जनप्रतिनिधियों के साथ दुर्व्यवहार करने के मामले लगातार उजागर होने के बाद आखिरकार अमित सिंह के खिलाफ कार्रवाई क्यो नही की जा रही है जबकि चेयरमैन सत्तारूढ़ पार्टी से है। ऐसे में कहना लाजमी होगा कि ईओ के मनबढई के कारण ठप पडे नगर के विकास कार्य का मुद्दा लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए मुसीबत न बन जाए।
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