🔵पुत्र की कामना और उनकी दीर्घायु के लिए भगवान तपन की उपासना
🔴 छठ महापर्व का प्रथम अर्घ्य
🔵 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर। भगवान सूर्य की उपासना का महापर्व छठ के तीसरे दिन शुक्रवार को व्रती महिलाओं ने तेजस्वी और सुंदर काया वाले पुत्र की कामना और उनकी दीर्घायु के लिए भगवान भास्कर की उपासना की। शाम के समय सज धज कर नदी, ताल पोखरों व कुंड के घाट पर पहुंची महिलाओं ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर घाट पर विधि विधान से पूजन-अर्चन किया। चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व के आखिरी दिन सोमवार को महिलाएं सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर उपवास तोडेगी
🔴लोक आस्था और सू्र्य उपासना का पहला अर्घ्य
लोक आस्था और सू्र्य उपासना के पर्व चैती छठ के तीसरे दिन रविवार को पहला अर्घ्य दिया गया। शाम के समय डूबते हुए भगवान सूरज को नदियों के किनारे जल चढ़ाया गया। पडरौना नगर सहित जनपद के सभी छठ घाटों पर हजारों की संख्या मे श्रद्धालुओं ने आस्ताचलगामी होने वाले भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया और पूजा-अर्चना की।
🔴जिले के घाटों पर उमड़ा आस्था का सैलाबसूर्योपासना के महापर्व छठ पूजा के अवसर पर सेवरही, हाटा, कसया, कप्तानगंज, खड्डा तहसील क्षेत्र के सैकड़ों घाटों पर रविवार की सायं छठव्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। यहा घाटों पर उमडी आस्था का सैलाब भगवान आदित्य को नमन करता रहा।
🔴 छठ मैया करती है सबकी मुरादे पूरी
ऐसी मान्यता है कि सूर्य देव की अपराधना से सभी मनोकामना पूर्ण होती है। इस पर्व में कठोर नियमों का पालन किया जाता है तथा स्वच्छता एवं पवित्रता का खास ध्यान रखा जाता है। सुबह से ही व्रती महिलाएं ठेकुआ, कसार आदि पकवान बनाने के साथ डाला सजाने में जुट गईं। गांवों में एक घर से दूसरे घर पूजा सामग्रियों का आदान प्रदान हुआ।
🔴 भरा गया कोसीभगवान तपन ( सूर्य) के उपासना का प्रमुख त्योहार छठ को लेकर हर तरफ खुशियों का माहौल रहा रविवार की रात्रि में व्रती महिलाओं ने कोसी भरकर मन्नते मांगी। इस दौरान महिलाओं ने समूह में घंटों गीत गाया। जिनके घर कोसी भरे जाने का रस्म अदायगी की गयी उनके घर आसपास की महिलाएं समूह में पहुंच कर आयोजन को चार चांद लगा रही थी।
🔴 पानी मे तैरते दीये से जगमग हो उठे घाट
छठ पूजन के अवसर पर गांव से लेकर शहर तक घाटों पर श्रद्धा का सैलाब दिखा। जिले के प्रमुख बाजार व कस्बों समेत नगरीय क्षेत्र के रंग-बिरंगी रोशनी से नहा उठे घाटों का नजारा देखने लायक था। भक्ति भाव से ओत प्रोत हर कोई बस भगवान भाष्कर की ओर ही निहार रहा था। आंखों से ओझल होने तक टकटकी लगाए व्रती महिलाएं पानी में खड़ा होकर अर्घ्य दे रही थीं। क्षण भर में ही हर ओर पानी में तैरते दीयों से जगमग हो रहे घाटों की शोभा आकर्षण का केंद्र बनी रही। सुरक्षा की बाबत सभी घाटों पर पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
🔴घाटों पर सुरक्षा के इंतजाम
षष्ठी छठ के तीसरे दिन पर्व को लेकर व्रती माताएं घाट से लेकर विभिन्न नदियों के तटों, तालाब और जलाशयों पर पहुंची और भगवान भास्कर की विधिवत पूजा-अराधना की। घाटो पर छठ पूजा के पारंपरिक गीत गूंजते रहे। जिले के सभी छठ घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे।
🔴उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होगा समापन
खरना के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया। पर्व के चौथे और अंतिम दिन यानी सोमवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद श्रद्धालुओं का व्रत संपन्न हो जाएगा। इसके बाद व्रती महिलाएं अन्न-जल ग्रहण कर 'पारण' करेंगी। हिंदू परंपरा के अनुसार, कार्तिक और चैत्र माह में छठ व्रत का आयोजन होता है। इस दौरान व्रती भगवान भास्कर की अराधना करते हैं।
🔴छठ गीतों की रही धूमछठ की संध्या अर्ध्य को लेकर जगह-जगह छठ गीत से पूरा वातावरण गुंजयमान रहा। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में संध्या अर्ध्य को लेकर छठ घाटों पर भारी संख्या भीड़ रही। सोमवार को सुबह उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने के साथ छठ महापर्व का समापन होगा।
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