🔵फाजिलनगर विकास खण्ड के परसौनी गांव मे शौचालय घोटाले का मामला
🔴 डीएम ने गांव का दौरा कर वास्तविक स्थिति की ली जानकरी, डीपीआरओ को दिया निर्देश
🔵 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर। सूबे के योगी सरकार मे स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत जनपद के फाजिलनगर विकास खण्ड क्षेत्र के ग्रामसभा परसौनी में पन्द्रह लाख रुपये से अधिक धनराशि की शौचालय घोटाले के मामले मे डीएम ने कडा रुख अपनाया है। जिलाधिकारी ने शौचालय का निर्माण न करने वाले पूर्व प्रधान ,सचिव व अन्य संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए मुकदमा दर्ज कराकर वसूली कराने निर्देश डीपीआरओ को दिया है। कहना न होगा कि बीते दिनो युगान्धर टाइम्स सहित लखनऊ से प्रकाशित समाचार पत्रों ने प्रमुखता से इस खबर को उठाया था। इसको गम्भीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने शुक्रवार को गांव का निरीक्षण कर यह निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि जनपद फाजिलनगर व्लाक के परसौनी गांव के निवासी श्रीकांत सिंह के अगुवाई मे गांव के तकरीबन डेढ दर्जन से अधिक लोगो ने शपथ पत्र के साथ तत्कालीन जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर वर्ष 2017 से 2020 तक गांव मे बने शौचालयों में धांधली की जांच कराने की मांग की थी। इसको संज्ञान लेते हुए तत्कालीन जिलाधिकारी ने अपर जिला कृषि अधिकारी को जांच कर रिपोर्ट प्रेषित करने का निर्देश दिया था।
🔴 अपर जिला कृषि अधिकारी ने घर-घर की थी जांचजिलाधिकारी के निर्देश पर जनवरी माह में परसौनी गांव में जांच करने पहुचे अपर जिला कृषि अधिकारी राकेश पाण्डेय ने घर-घर जाकर स्वच्छता अभियान के तहत सरकारी धन से बने शौचालयों की जांच की थी। जांच के दरम्यान 316 शौचालयों के सापेक्ष महज 102 शौचालय धरातल पर निर्मित पाये गये। शेष शौचालयों का कही अता-पता नही था ऐसा प्रतीत हुआ कि उन सभी शौचालयों का पैसा निकालकर डकार लिया गया है। विभागीय सूत्रों ने कहा कि घोटाले के इस खेल मे ग्राम प्रधान, सेक्रेटरी व जिम्मेदार उच्च अधिकारी शामिल है इस लिए मामला ठंडे बस्ते मे पडा था।
🔴 खबर का असर
बतादे कि कि बीते दिनो युगान्धर टाइम्स व लखनऊ से प्रकाशित समाचार पत्रों ने '' फाजिलनगर व्लाक के परसौनी गांव मे कागजों मे बना शौचालय , लाखो का बंदरबांट , नही हुई कार्रवाई '' व '' कागजों मे बना शौचालय, लाखो रुपये का हुआ बंदरबांट '' नामक शीर्षक से खबर प्रमुखता से उठाया था। इसे जिलाधिकारी रमेश मिश्रा ने गंभीरता से लेते हुए शुक्रवार को परसौनी गांव में पहुंचे जहां ग्रामीणों से बातचीत कर शौचालय की वर्तमान स्थित की जानकारी ली और निरीक्षण किया।
🔴डीएम ने मौके पर जांच अधिकारी से की पूछताछनिरीक्षण के दरम्यान जिलाधिकारी ने जांच अधिकारी अपर जिला कृषि अधिकारी से शौचालयों की वास्तविक स्थिति के बारे मे पूछताछ की। जांच अधिकारी ने बताया की वर्तमान में 353 शौचालयों के सापेक्ष 137 शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है जो लगभग 16 लाख 50 हजार रुपये की धनराशि है, शेष निर्माणाधीन अवस्था में है। जिलाधिकारी ने निर्माणाधीन शौचालय की सूची अलग बनाकर प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया। डीएम ने 137 शौचालय का निर्माण न होने के मामले को गंभीरता लेते हुए किस्त भुगतान होने के बावजूद शौचालय का निर्माण न करने पर पूर्व प्रधान , सचिव तथा अन्य संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर मुकदमा दर्ज कराकर वसूली कराने का निर्देश जिला पंचायती राज अधिकारी को दिया। डीएम ने तल्ख लहजे में कहा कि निर्माणाधीन शौचालय की गुणवत्ता अच्छी और मानक के अनुरूप होनी चाहिए।
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