बच्चा बदलने को लेकर मचा बवाल, हास्पिटल सील, डाक्टर पर मुकदमा दर्ज - Yugandhar Times

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Friday, October 6, 2023

बच्चा बदलने को लेकर मचा बवाल, हास्पिटल सील, डाक्टर पर मुकदमा दर्ज

 

🔵जीवनदीप हास्पिटल मे बच्चा बदलने का सनसनीखेज मामला 

🔴रात्रि दस बजे चिकित्सक रवि जायसवाल पर दर्ज हुआ मुकदमा 

🔵 युगान्धर टाइम्स व्यूरो 

कुशीनगर । जनपद के पडरौना नगर के जटहरोड स्थित जीवनदीप हास्पिटल मे डाँ. रवि जायसवाल व स्टाफ के मिलीभगत से बच्चा बदलने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल के स्टाफ बच्चा बदलकर उनको बेटा की जगह किसी दुसरे की बेटी थमा दिया। वह जब इसकी शिकायत डाँ. रवि जायसवाल से किये तो चिकित्सक ने उनके साथ बदसलूकी व गाली-गलौज कर उन्हें हास्पिटल से बाहर निकाल दिया। इसके बाद परिजनो ने  हास्पिटल पर खूब हंगामा किया। अस्पताल के संचालक डाँ. रवि जायसवाल ने स्टाफ द्वारा डिस्चार्ज करते समय लडका के जगह लडकी देने की बात स्वीकार किया। काफी देर तक चले हंगामे के बाद प्रशासन ने हास्पिटल को सील कर दिया। परिजन संचालक पर कार्रवाई करने की जिद्द पर अडे रहे। इसके बाद कोतवाली पुलिस ने  रात्रि तकरीबन दस बजे  डाक्टर रवि जायसवाल के विरुद्ध अपहरण सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। तब जाकर परिजनों का गुस्सा शांत हुआ। पुलिस ने लिखा-पढी कर बदले गये बच्चे को उनके परिजनो को सुपुर्द कर दिया है।

काबिलेगौर है कि पडरौना नगर के जटहरोड पर  बाल रोग विशेषज्ञ डाँ. रवि जायसवाल जीवनदीप के नाम से अपना निजी हास्पिटल संचालित करते है। बताया जाता है कि गुरुवार को शाम स्टाफ द्वारा एक साथ दो बच्चों के डिस्चार्ज स्लिप तैयार किया गया उसके बाद लडकी के परिजनो लडका और लडके के परिजनो को लडकी थमाकर अस्पताल से छुट्टी कर दी गयी। इसी दरम्यान लडके के परिजनो ने यह आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया कि अस्पताल के स्टाफ ने बच्चा बदल कर लडके की जगह उन्हें लडकी दे दिया है। हो-हल्ला देख वहा भीड इकट्ठा हो गयी।

🔴 एक अक्टूबर को जीवनदीप हास्पिटल में भर्ती हुआ था नवजात 

कहना न होगा कि रामकोला थाना के विजयीपुर तिराहा निवासी दीपू की पत्नी अंजली को 29 सितंबर को सीएचसी पर सामान्य प्रसव से बेटा पैदा हुआ। बच्चे की धड़कन कम होने के कारण डॉक्टर ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। इलाज के दौरान आराम नहीं मिलने पर एक दलाल के बहकावे में आकर परिजन एक अक्टूबर को उस बच्चे को लेकर पडरौना के जटहां रोड स्थित जीवनदीप अस्पताल पहुंचे जहा चिकित्सक ने बच्चे को भर्ती कर इलाज शुरू किया। इलाज के दौरान बच्चे की तबीयत में सुधार हुआ। गुरुवार को चिकित्सक ने बच्चे को डिस्चार्ज कर दिया। उसके बाद अस्पताल प्रशासन द्वारा परिजनों  से 38 हजार रुपये इलाज के नाम पर खर्च धनराशि जमा कराया गया। परिजनों का आरोप है कि जब नवजात को डिस्चार्ज किया गया तो स्टाफ नर्स ने उन्हें बेटे की जगह बेटी थमा दिया। परिजनों का कहना है कि इसकी शिकायत लेकर वह डाँ. रवि जायसवाल के पास पहुचे तो वह गाली-गलौज कर उन्हें हास्पिटल से धक्का देकर गेट से बाहर निकलवा दिया। फिर इसको लेकर हंगामा शुरू हुआ। पुलिस के आने पर अंजली का बेटा मिला। पुलिस बेटे को लेकर थाने चली गई और दोनों पक्षों को भी वहीं चलने को कहा, लेकिन तीमारदार अस्पताल संचालक डाँ. रवि जायसवाल पर कार्रवाई और हास्पिटल को सील करने की मांग पर अडिग रहे। इसके बाद प्रशासन ने जीवनदीप हास्पिटल को सील कर दिया। इसके बावजूद परिजन देर रात तक पुलिस की मौजूदगी में डाक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर धरना पर बैठे रहे। रात्रि तकरीबन दस बजे कोतवाली पुलिस ने परिजनो के तहरीर के आधार पर जीवनदीप हास्पिटल के संचालक व बाल रोग विशेषज्ञ डाँ. रवि जायसवाल के खिलाफ अपराध संख्या - 948/23 धारा - 363,504 व 506 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया। उसके बाद परिजन धरना से उठे। 

🔴 डाक्टर ने स्वीकार किया हुई है गलती

बच्चा बदलने के बाद परिजनों द्वारा किये गये हंगामे की जानकारी जब मीडिया को हुई तो प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुडे पत्रकार जीवनदीप हास्पिटल पहुंचे। पत्रकारो ने मामले से संबंधित पूछताछ की तो अस्पताल संचालक व शिशु एंव बालरोग विशेषज्ञ डाँ. रवि जायसवाल ने स्वीकार किया कि स्टाफ द्वारा डिस्चार्ज करते समय परिजनो को लडका के जगह लडकी सौप दिया गया। यह बहुत बडी भूल हुई है। 

🔴 बोले इंस्पेक्टर 

पडरौना के कोतवाल राजप्रकाश सिंह ने बताया कि बच्चा बदलने को लेकर विवाद हुआ है। बच्चा मिल गया परिजनो को सुपुर्द कर दिया गया। अस्पताल को सील कर परिजनो के तहरीर के आधार पर चिकित्सक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।


 

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