🔴तेज बुखार के कारण 29 सितंबर को जिला अस्पताल में भर्ती हुआ था मासूम साहबजादे
🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर । मेडिकल कालेज का दर्जा प्राप्त संयुक्त जिला चिकित्सालय के पीआईसीयू मे भर्ती चार साल के मासूम की मौत के बाद परिजनों ने जमकर बवाल काटा। आरोप है कि चिकित्सक की लापरवाही के कारण बच्चे की मौत हुई है। इसको लेकर तीमारदारो ने वार्ड मे तोडफ़ोड़ की और चिकित्सक की घुनाई की। इस दौरान अफरा तफरी का माहौल बना रहा। सूचना पाकर मौके पर पहुची रवीन्द्रनगर पुलिस ने आक्रोशित परिजनो को समझा-बुझाकर शांत किया।
बतादे कि पडरौना नगर के बसाहिया बनबीरपुर निवासी फिरोज के चार वर्षीय पुत्र तेज बुखार से पीडित था जिसे घर वाले 29 सितंबर को मेडिकल कॉलेज का दर्जा प्राप्त संयुक्त जिला चिकित्सालय लेकर पहुंचे जहां चिकित्सको ने मासूम को पीआईसीयू मे भर्ती कर इलाज शुरू किया। बताया जाता है कि बुधवार की रात अचानक बच्चे की तबीयत बिगड़ गई और इलाज के दरम्यान की बच्चे की मौत हो गयी।
🔴चिकित्सक पर लगा लापरवाही का आरोपमासूम की मौत के बाद वार्ड में मौजूद माँ अपने कलेजे के टुकड़े की मौत की खबर घर वालो को दी। कुछ देर बाद दर्जनों की संख्या मे मृतक के घर वाले जिला अस्पताल पहुंच गये और चिकित्सक पर लापरवाही कि आरोप लगाते हुए हंगामा कर तोड शुरू कर दिया। इस दौरान वहा मौजूद डाक्टर कृष्ण मोहन को देख परिजनो का गुस्सा सातवे आसमान पर पहुच गया। परिजनो ने मासूम की मौत का जिम्मेदार डाँ. कृष्णमोहन को ठहराते हुए पिटाई कर दी। पीआईसीयू वार्ड मे तोडफ़ोड़ व हंगामा के वजह से वहा भर्ती अन्य बच्चों के तीमारदारो मे अफरा-तफरी मच गया।
🔵 पीआईसीयू वार्ड मे तोडफ़ोड़
मासूम की मौत के गुस्साए परिजनों ने पीआईसीयू वार्ड के बेड संख्या -चार के वेंटिलेटर मशीन, मॉनिटर, सिरिंज पंप, ऑक्सीजन चेंबर आदि तोड़ दिया। बताया जाता है कि वार्ड मे हुए हंगामा व तोडफ़ोड़ के दरम्यान वार्ड में तीस बच्चे भर्ती थे जो उपद्रव के कारण काफी डरे व सहमे हुए थे। स्वास्थ्यकर्मी की सूचना पर पहुंची रवीन्द्रनगर पुलिस ने नाराज लोगों को वार्ड से बाहर निकाला। तब जाकर माहौल सामान्य शांत हुआ।
🔴मृतक के पिता और 25 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्जरविंद्रनगर इंस्पेक्टर राजेश मिश्र का कहना है कि डॉक्टर कृष्ण मुरारी की तहरीर पर मृतक साहबजादे के पिता फिरोज और 25 अज्ञात लोगों पर मारपीट, सरकारी कार्य मे बाधा डालने और तोड़फोड़ करने का मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि चिकित्सक का कहना है कि बच्चे को तेज बुखार था. जांच रिपोर्ट आने के बाद उसे मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर कर दिया गया था, लेकिन घरवाले बच्चे को ले नही गए।
🔴परिजनों का आरोप चिकित्सक ने लगाया गलत इंजेक्शन
मृतक साहबजादे के पिता फिरोज का कहना था कि जब बच्चे को भर्ती कराया गया, तब उसकी तबीयत ठीक नहीं थी. इलाज के बाद उसकी तबीयत में सुधार हो रहा था। उन्होंने आरोप लगाया कि शाम को सिस्टर ने इंजेक्शन लगाया, इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. स्टॉर्फ नर्स ने फोनकर डॉक्टर को बुलाया और बच्चे को गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया. फिरोज ने कहा कि इस घटना के दो घंटे पूर्व एक और बच्चे की मौत हुई थी. घटना की निष्पक्ष जांच कराई जाए। अस्पताल प्रशासन द्वारा अपनी गलती छिपाने के लिए फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया है।
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