🔵तमकुहीराज तहसील के ग्राम जमसडिया में नाद घोठा तोडवाने गयें लेखपाल और पुलिस का मामला
🔴मनबढ लेखपाल की कारस्तानी बना चर्चा का विषय
🔵 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर। जनपद के तमकुहीराज तहसील क्षेत्र में तैनात लेखपाल की मनबढई सर कर बोल रहा है। इस लेखपाल की मनबढई का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह साहब नौकरी मनमौजी तरीके से पूरी दबंगई के साथ करते है इन्हे न तो शासन का खौफ है और न अधिकारियों का डर। यही वजह है कि अपनी ही रिपोर्ट को जब चाहे बदल कर दो पक्षों मे विवाद कराना इनकी आदत बन गयी है।
ऐसी ही एक बानगी तमकुहीराज तहसील अंतर्गत ग्रामसभा जमसडिया मे देखने को मिला, जहां ग्रामीणों का तल्ख तेवर देख लेखपाल अभिजीत कुमार को उल्टे पांव भागना पडा। हुआ यह कि जमसडिया गांव के निवासी मुन्ना चौरसिया के पक्ष में आबादी का रिपोर्ट देने के बाद लेखपाल अभिजीत कुमार अपने दिये गये रिपोर्ट के विपरीत उसी आबादी की भूमि पर दुसरे पक्ष को कब्जा दिलाने के लिए पुलिस को गुमराह कर पुलिस बल लेकर पहुच गये। ग्रामीणों का आरोप है कि इस कार्य के लिए मनबढ लेखपाल ने दुसरे पक्ष से मोटी रकम वसूल की थी। लेकिन उस समय लेखपाल को उल्टे पांव वापस भागना पडा जब वादी मुन्ना चौरसिया ने ग्रामीणो के सामने लेखपाल अभिजीत को वह रिपोर्ट दिखाया जो खुद लेखपाल अभिजीत कुमार ने आबादी का जमीन करार देते हुए मुन्ना चौरसिया के पक्ष मे रिपोर्ट लगाया था। इसके बाद मौके पर मौजूद ग्रामीणों का तेवर लेखपाल के खिलाफ तल्ख होने लगा यह देख लेखपाल को, पुलिस बल के साथ बैरंग वापस लौटना पडा। वादी मुन्ना चौरसिया का कहना है कि ग्रामसभा जमसडिया में सडक के दोनो तरफ उनका अपना भूमि गाटा संख्या 686/038 हे0 है। एक तरफ उनका मकान है और दूसरी तरफ नाद घोठा है। इस पर बीते काफी समय से विपक्षी से विवाद चल रहा था जिसको लेकर विपक्षी ने अपने नंबर पर दिवानी में वाद भी दाखिल कर रखा है। उक्त प्रकरण में विवाद के दौरान हम प्रार्थी के पक्ष में तहसील प्रशासन के आदेश पर वर्तमान लेखपाल अभिजित कुमार ने रिपोर्ट भी लगाया है कि गाटा संख्या 686 हमारा है। इसके वावजूद बीते दिनों लेखपाल विपक्षी के दबाव में दर्जन भर से ज्यादा पुलिस बल के साथ हमारे घर पहुचकर हमारा नाद घोठा तोडने के लिए दबाव बनाने लगे। यह देख ग्राम प्रधान प्रतिनिधि सहित ग्रामीणों ने नाद-घोठा तोडने का आदेश की कापी की मांग की लेखपाल इधर उधर की बात कर धमकाने लगे फिर उनके द्वारा ही दिये गये रिपोर्ट को दिखाया गया लेखपाल अगल-बगल झाकने लगे और पुलिस बल सहित बैरन वापस हो गयें। इस तरयासुजान पुलिस का कहना है कि से लेखपाल द्वारा पैमाईश करने के लिए पुलिस बल की मांग की गयी थी। शान्ति व्यवस्था कायम रखने के उद्देश्य से लेखपाल को पुलिस बल उपलब्ध कराया गया था। यहा बताना जरूरी है कि लेखपाल द्वारा वादी मुन्ना चौरसिया के पक्ष में रिपोर्ट देना और दूसरी ओर प्रतिवादी द्वारा चौहद्दी के भूमि में ही स्टे लेने के बावजूद बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश लिए बगैर पुलिस पुलिस बल के साथ नाद-घोठा तोडवाने पहुचे लेखपाल की कारस्तानी की चर्चा चहुंओर हो रही है।
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