🔵नौ दिन का है नवरात्र, अगले सोमवार को होगा पूर्णाहुति
🔴मंगलवार को मनाई जाएगी विजयादशमी
🔵 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर । श्राद्ध व पितृ पक्ष के समाप्ति के साथ ही 15 अक्टूबर, रविवार से शारदीय नवरात्र आरंभ हो रहा हैं। हिंदू धर्म में नवरात्र का बहुत बड़ा महत्व बताया गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन माता पार्वती कैलाश पर्वत से धरती पर अपने मायके आती हैं। इस वर्ष देवी का आगमन आश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि पर 15 अक्टूबर को होगा और विदाई दशमी तिथि यानी 24 अक्टूबर को होगी। आचार्यों के अनुसार, इस बार नवरात्र में बेहद दुर्लभ शुभ संयोग बन रहा है। इस बार नवरात्र में सर्वार्थसिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग एकसाथ बनते नजर आएंगे।
गौरतलब है कि शारदीय नवरात्र रविवार से शुरू हो रहा हैं। इसके लिए कई दिनों से चल रही तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। मंदिरों और पूजा पंडालों में स्थापना के लिए बन रही मूर्तियों को अंतिम रूप देने में मूर्तिकार जुटे हैं। नवरात्र के लिए देवी मंदिरों की साफ-सफाई और रंग-रोगन के साथ ही उन्हें बिजली की रंग-बिरंगी झालरों और फूलों से सजाया गया है। नवरात्र की पूर्व संध्या से ही शहर का वातावरण देवी भक्ति से सराबोर हो उठा। बाजारों में रौनक बढ़ गई है। इसके अलावा श्रद्धालुओं ने घर में कलश स्थापना के लिए शनिवार सुबह से ही घर की साफ-सफाई में जुटे रहे। प्राचीन बुढ़िया माई मंदिर, दुर्गा मंदिर, खिरकिया दुर्गा मंदिर, खह्नवार स्थित दुर्गा मंदिर, मैनपुर कोट स्थित दुर्गा मंदिर, रामकोला के धर्मसमधा दुर्गा मंदिर समेत जिले के सभी देवी मंदिरों में श्रद्धालु साफ-सफाई और रंगरोगन के काम में लगे रहे। मंदिर को बिजली की रंगबिरंगी झालरों से सजाया गया है। कलाकारों ने स्थापना के लिए तैयार की गई मूर्ति को वस्त्र आभूषण पहना कर अंतिम रूप देने में जुटे हैं। शारदीय नवरात्र के लिए बाजार में भी शनिवार को काफी रौनक रही। लोगों ने अपने घरों में स्थापना के लिए देवी प्रतिमाओं के अलावा मिट्टी के कलश, मूर्तियों के वस्त्र खरीदा। चुनरी, झंडे और अन्य पूजन सामग्री बेचने वाली दुकानों पर खरीदारों की भारी भीड़ रही। इसके अलावा फल मिठाइयों और फलाहार में इस्तेमाल होने वाली खाद्य सामग्री भी खूब बिकीं।
🔴 कलश स्थापना का मुहूर्तश्रीचित्रगुप्त मंदिर के पीठाधीश्वर की माने तो नवरात्र में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 15 अक्टूबर को दिन में 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक है। इसी मुहूर्त में कलश स्थापना शुभ रहेगी। पंडालों में सप्तमी शनिवार को प्रतिमा स्थापित कर मांँ कालरात्रि की पूजा-अर्चना की जाएगी।
🔴 सोमवार के दिन म उपासना के लाभ
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार,इस बार माता के भक्तों को मां की उपासना करने के लिए पूरे नौ दिनों का समय मिलेगा, जिसमें दो बार सोमवार पड़ेगा। इस सर्वसिद्धि योग को बेहद शुभ माना जा रहा है। माना जाता है कि सोमवार के दिन मां दुर्गा की उपासना करने से साधक को उसके द्वारा की गई पूजा का कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है।
🔴ग्रामीण क्षेत्रों में भी नवरात्र की तैयारी पूर्ण
नवरात्र को लेकर जिले कसया, हाटा, खड्डा, कप्तानगंज, तमकुहीराज, नेबुआ नौरंगिया, दुदही, सुकरौली के अलावा सेवरही क्षेत्र के दुर्गा मंदिरों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के मंदिरों में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। छतुवनिया माता मंदिर अवदान टोला, बेलवा माता मंदिर, जालपा माता मंदिर कत्तौरा, सोना भवानी मंदिर ठकरहा, काली माता मंदिर आंबेडकरनगर, बसई देवी भवानी मंदिर जगदीशपुर, पिण्डी भवानी मंदिर जानकीनगर, डीह भवानी मंदिर दवनहा, गुलेरिया माता मंदिर सुमही संतपट्टी, बनही माता मंदिर मेहदीया, अष्टभुजी भवानी मंदिर व्रह्मपुर समेत जवाहर नगर, गांधी नगर, राजपुर बगहा, सुमही संग्रल, टिकुलिया, मिश्रौली, पिरोजहा, पिपराघाट, जंगलीपट्टी, अहिरौलीदान, विरवट कोंन्हवलिया, बभनौली, तिवारी पट्टी, पकड़ीयार पूरबपट्टी, अहिरौली हनुमान सिंह स्थित दुर्गा मंदिरों में साफ-सफाई के साथ रोशनी आदि सजाने का कार्य शनिवार को पूरा कर लिया गया है।
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