फाजिलनगर व्लाक के परसौनी गांव मे कागजों मे बना शौचालय , लाखो का बंदरबांट , नही हुई कार्रवाई - Yugandhar Times

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Sunday, October 29, 2023

फाजिलनगर व्लाक के परसौनी गांव मे कागजों मे बना शौचालय , लाखो का बंदरबांट , नही हुई कार्रवाई

 

🔵 जांच मे पुष्टि के बाद अब तक नही हुई दोषियों के खिलाफ कार्रवाई

🔴 दोषियों को कौन बचा रहा?

🔵 संजय चाणक्य 

कुशीनगर । सूबे के योगी सरकार में मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शुमार स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत शौचालय निर्माण मे लाखो रुपये के घोटाले की पुष्टि के बावजूद दोषियों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नही किया है, जो अपने आप सवाल है। मजे की बात यह है कि सरकारी मशीनरी सिर्फ सरकारी अभिलेखों में शौचालय निर्माण कराकर न सिर्फ लाखो रुपये डकार गये बल्कि गांव को ओडीएफ भी घोषित कर दिया है।   शौचालय घोटाले का यह खेल जनपद के फाजिलनगर विकास खण्ड के परसौनी गांव मे तत्कालीन ग्राम प्रधान व सचिव के साथ साथ जिम्मेदार अधिकारियों के मिलीभगत से हुई है। कहना न होगा कि इस गांव मे 12 लाख रुपये से अधिक का शौचालय कागजों में बनवाकर धन हजम कर लिया गया है। इसकी जांच मे पुष्टि भी हो गयी है बावज़ूद इसके दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने से जिम्मेदार कतरा रहे है। 

🔴ग्रामीणों के शिकायत पर डीएम ने करायी थी जांच

फाजिलनगर व्लाक के परसौनी गांव के निवासी श्रीकांत सिंह के अगुवाई मे गांव के तकरीबन डेढ दर्जन से अधिक लोगो ने शपथ पत्र के साथ तत्कालीन जिलाधिकारी पत्र देकर वर्ष 2017 से 2020 तक गांव मे बने शौचालयों में धांधली की जांच कराने की मांग की थी। इसको गंभीरता से लेते हुए डीएम ने अपर जिला कृषि अधिकारी को जांच कर रिपोर्ट प्रेषित करने का निर्देश दिया। 

🔴 डोर टू डोर शौचालय की हुई जांच

जिलाधिकारी के निर्देश पर बीते जनवरी माह में गांव जांच करने पहुचे अपर जिला कृषि अधिकारी राकेश पाण्डेय ने डोर टू डोर जाकर स्वच्छता अभियान के तहत सरकारी धन से बने शौचालयों की जांच की। जांच के दरम्यान 316 मे महज 102 शौचालय धरातल पर निर्मित पाये गये। शेष शौचालयों का कही अता-पता नही था लेकिन उन सभी शौचालयों का पैसा निकालकर डकार  लिया गया है। जांच के दौरान गांव के पचास लोग मौके पर नही मिले। ग्रामीणों का कहना है कि जांच के दिन जो लोग नही मिले उनके घर भी शौचालय नही बने थे लेकिन उन सभी के नाम पर शौचालय निर्माण की धनराशि निकाल ली गई है। मौजूदा ग्राम प्रधान भी शौचालय मे हुए घोटाले की बात स्वीकार करते है। प्रधान समेत ग्रामीणों का कहना है कि योगी सरकार में दोषियों के खिलाफ अब कार्रवाई नही होना न सिर्फ अपने आप मे सवाल है बल्कि यह साबित भी करता है कि भ्रष्टाचार की जड कितना मजबूत है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि घोटाले के इस खेल मे ग्राम प्रधान, सेक्रेटरी व जिम्मेदार व उच्च अधिकारी शामिल है इस लिए मामला ठंडे बस्ते मे पडा है।

🔴पीएम मोदी का है ड्रीम प्रोजेक्ट, भ्रष्टाचार के गिरफ्त मे

काबिलेगौर है कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत शौचालय निर्माण पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट मे शुमार है। पीएम मोदी ने 2 अक्टूबर - 2014 को स्वच्छ भारत मिशन नींव रख पूरे देश को खुले मे शौच मुक्त का संकल्प दोहराया था। इसके लिए भारत सरकार ने बकायदे गाइडलाइन भी जारी किया है इसके बावजूद सीएम योगी के गृह जनपद से सटे कुशीनगर जनपद मे  भ्रष्ट जनप्रतिनिधि व अधिकारी पीएम मोदी के सपने पर पानी फेर रहे है।




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