आरटीआई के आवेदन को बोझ न समझें अधिकारी - राज्य सूचना आयुक्त - Yugandhar Times

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Wednesday, October 18, 2023

आरटीआई के आवेदन को बोझ न समझें अधिकारी - राज्य सूचना आयुक्त

🔴 राज्य सूचना आयुक्त की अध्यक्षता मे आयोजित कार्यशाला व समीक्षा बैठक 

🔵 युगान्धर टाइम्स व्यूरो 

कुशीनगर । राज्य सूचना आयुक्त सुभाष चंद्र सिंह ने सभी विभागों के जन सूचना अधिकारियों और प्रथम अपील अधिकारियों को निर्देशित किया कि सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त आवेदनों को बोझ न समझें तथा इन आवेदनों में मांगी गई सूचनाओं को तीस दिनों के निर्धारित समय अवधि के भीतर प्रदान करें। उन्होंने कहा कि आवेदक द्वारा मांगी गई सूचना देने मे वही भाव रखे जो स्वयं इस अधिनियम के तहत मांगी गई सूचना की प्राप्ति की अपेक्षा रखता है। इस लिए स्वयं को आवेदक के स्थान पर रखकर सूचना का जबाव अविलंब देना चाहिए । 

सूबे के राज्य सूचना आयुक्त सुभाष चंद्र सिंह बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में राज्य सूचना आयोग द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से सूचना का अधिकार अधिनियम पर आयोजित एकदिवसीय कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे थे। कार्यशाला में जिले भर के जन सूचना अधिकारियों तथा प्रथम अपील अधिकारियों ने भाग लिया। राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि सरकारी व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में आरटीआई एक्ट एक बहुत बड़ा कदम है। सभी कार्यालयों में इस अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों की अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सभी अधिकारी अपने कार्यालय से संबंधित विभिन्न योजनाओं और प्रक्रियाओं की जानकारी पारदर्शी ढंग से स्वयं ही विभिन्न माध्यमों जैसे वैबसाइट, सूचना पट्ट इत्यादि पर आम जनता के समक्ष रखेंगे तथा इसे लगातार अपडेट करते रहेंगे तो आम नागरिकों को आरटीआई के तहत आवेदन की जरुरत ही नहीं पड़ेगी।  सूचना आयुक्त ने कहा कि जन सूचना अधिकारी को आवेदनों पर तुरंत निर्णय लेना चाहिए। अगर यह आवेदन दूसरे कार्यालय को हस्तांतरित किया जाना है या वांछित सूचना आरटीआई एक्ट के दायरे में नहीं आती है तो उस पर भी अधिकारी अपने विवेक के अनुसार निर्णय लें। हर कार्यालय में आरटीआई आवेदनों से संबंधित एक अलग रजिस्टर मैंटेन किया जाना चाहिए। जिसमे सूचना का विषय, सूचना के लिए आवेदन किये गये तिथि, सूचना उपलब्ध कराने की तिथि आदि विवरण दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों का मार्गदर्शन करते हुए बताया कि आरटीआई एक्ट एक बहुत ही सरल एवं स्पष्ट कानून है। इससे अधिकारियों को घबराना नहीं चाहिए।


जिलाधिकारी उमेश चंद्र मिश्रा ने कार्यशाला के आयोजन तथा समीक्षा बैठक के लिए राज्य सूचना आयुक्त के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा सभी अधिकारी कार्यालय स्तर पर आए हुए आरटीआई का जबाव त्वरित दे इस कार्यालय स्तर पर लंबित न रखे। एडीएम वैभव मिश्रा ने आरटीआई की निगरानी एवं बेहतरी के लिये प्रदेश स्तर पर एक पोर्टल बनाने का सुझाव दिया।

इस अवसर पर  मुख्य चिकित्साधिकारी डाँ. सुरेश पटारिया, अपर पुलिस अधीक्षक रितेश कुमार सिंह  वन क्षेत्राधिकारी, समस्त उप जिलाधिकारी सहित सभी विभागों के जन सूचना अधिकारियों व जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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