🔴 विशुनपुरा पुलिस की उदासीनता और लापरवाही का मामला
🔵 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर । इसे पुलिस की उदासीनता कहे या फिर लापरवाही।आरोपी किशोरी को दोबारा भगा ले गए। बताया जाता है है पहली बार भगाई गई किशोरी को एक सप्ताह बाद पुलिस ने घरवालों को थाने में बुलाकर सुपुर्द किया था। लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी और किशोरी का मेडिकल परीक्षण कराना उचित नहीं समझा। सिर्फ मुकदमा दर्ज कर अपने दायित्वों का इतिश्री कर लिया था। नतीजतन आरोपियों का हौसला इस कदर बढ गया कि आरोपी युवको ने दोबारा किशोरी को भगा ले गए।
🔴फरियाद लेकर गये पीड़ित पिता को थाने से भगाया
थाने पर शिकायत लेकर पहुंचे पिता को एक दरोगा ने डांट कर भगा दिया। यह कहना है पीडित का। इसके बाद पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक से मिलकर अपनी फरियाद सुनायी और न्याय की मांग करते हुए दरोगा की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया है।
🔴 तीन माह पूर्व भी किशोरी को बहला-फुसलाकर ले गये थे आरोपी
कहना न होगा कि विशुनपुरा थाना क्षेत्र के एक गांव की किशोरी को पड़ोसी गांव के तीन युवक अगस्त माह में बहला फुसलाकर भगा ले गए थे। पिता की तहरीर पर पुलिस ने तीनों युवकों पर मुकदमा दर्ज किया। एक सप्ताह बाद पुलिस ने घरवालों थाने बुलाकर किशोरी को सुपुर्द कर दिया। किन्तु विशुनपुरा पुलिस ने न तो आरोपियों गिरफ्तारी की और न ही किशोरी का मेडिकल परीक्षण कराया। इसके बाद पीड़ित परिवार पर आरोपी युवक केस वापस करने के लिए दबाव बनाने लगे। इसकी जानकारी थाने के दरोगा को किशोरी के पिता ने दिया, लेकिन दरोगा ने पिता की बातों को अनसुना कर दिया। घरवालों को कहने के बाद भी पुलिस किशोरी का मेडिकल परीक्षण कराना उचित नही समझा। यहीं वजह थी कि 8 अक्तूबर को दोबारा किशोरी को तीनों युवक भगा ले गए। आरोप है कि इसकी शिकायत लेकर किशोरी के पिता थाने पहुंचे तो दरोगा ने डांटकर भगा दिया। अभी तक पुलिस ने किशोरी को बरामद नहीं किया है। एसपी से मिलकर पीड़ित परिवार विशुनपुरा थाने में तैनात दरोगा की और बेटी को भगाने वाले आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की।विशुनपुरा थाने के इंस्पेक्टर रामसहाय चौहान का कहना है कि पहली बार किशोरी भागी थी तो केस दर्ज किया गया है। लेकिन मेडिकल परीक्षण नहीं कराए और ना ही किशोरी का बयान दर्ज हुआ। पीड़ित को थाने से डांटकर भगाने की जानकारी नहीं है। किशोरी को जल्द बरामद कर लिया जाएगा।
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