🔵 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर । श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दुसरे दिन पडरौना शहर में परंपरागंत डोल मेला शुक्रवार की रात से शुरू होकर शनिवार की सुबह संपन्न हो गया। धार्मिक डोल मेला मे आर्केस्ट्रा के जरिए नर्तकियो ने खूब अश्लीलता परोसी और युवक ट्रैक्टर - टाली पर चल रहे आर्केस्ट्रा के पीछे पूरी रात थिरकते रहे। अखाड़ा खिलाड़ियों के हैरतअंगेज करतब लोगों को खूब भायी। हालांकि बार-बार बिजली कटौती के कारणमेले की रौनक फीकी होती रही और सडको पर अंधेरा कायम होता रहा।
काबिलेगौर है कि हर साल की तरह इस बार भी पडरौना नगर के छावनी, सुभाष चौक, बेलवा चुंगी, कसेरा टोली, तुरहा टोली,दरबार रोड, तिलक चौक तुरहाटोली, समेत सभी अखाड़ों के खिलाड़ी डोल की पूजा-अर्चना के बाद रात के ग्यारह बजे से नगर भ्रमण के लिए निकले। अखाड़ा दल आर्केस्ट्रा के साथ मुहल्लों में भ्रमण के बाद नगर के सुभाष चौक पहुंचे और वहां से प्रमुख मार्गों से होकर शहर का भ्रमण किये। लोगों ने जगह-जगह डोल में स्थित भगवान श्रीकृष्ण की मूर्तियों की विधिवत पूजा-अर्चना की। हालांकि इधर कुछ वर्षों से डोल मेला मे आर्केस्ट्रा नर्तकियो के अश्लील व फूहड़ नृत्यगान पर प्रतिबंध के बाद भी पिछले साल की तरह इस भी बार डोल मेला मे भक्ति गीतो को दरकिनार कर जमकर अश्लीलता परोसी गयी। नतीजा यह रहा कि मेला मे बहुत कम झांकियां भक्तिभाव में सराबोर नजर आया।
🔴 टकटकी लगाये देखते रहे और करते रहे दायित्वों का निर्वहनमजे की बात यह है कि पुलिस और पीएसी के जवान सभी धार्मिक डोल व अखाड़ों के साथ मुस्तैदी से तैनात रहे और विभिन्न अखाड़ा समितियो द्वारा बाहर से बुलाये गये आर्केस्ट्रा मे नर्तकियो के फूहड नृत्य के जरिए परोसी जा रही अश्लीलता को मुस्तैद खाकी के जवान टकटकी लगाये देखते रहते हुए अपने दायित्वों का निर्वहन करते रहे ।
🔴हैरतअंगेज करतब देख मंत्रमुग्ध हुए लोग
शहर की सड़कों पर हुई रात भर चहल कदमी के दौरान कुल एक दर्जन अखाड़ों के कलाकारों ने हैरतअंगेज कारनामे दिखाकर खूब वाहवाही बटोरी।अखाड़ों के कलाकारों ने डंडा भांजते, शीशा के नुकीले भाग पर लेटते, भाला पर सोते, आग के गोलों से खेलते हुए कारनामे दिखाकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मेले में घूूमने के लिए न सिर्फ शहर के लोग शामिल हुए थे, बल्कि देहात क्षेत्रों से भी आए लोगों ने मेले का जमकर लुत्फ उठाया। मेले को सकुशल संपन्न कराने के लिए कई थानों की पुलिस, पीएसी व महिला पुलिसकर्मी तैनात रहीं। बड़े-बड़े ट्रालियों पर आर्केस्ट्रा का मंच लगा था। हालांकि आर्केस्ट्रा में नाचने के दौरान कुछ जगहों पर हल्की नोकझोंक भी हुई, लेकिन मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों के चलते कोई बड़ी घटना नहीं हो सकी। कहना न होगा कि शुक्रवार को पडरौना में डोल मेला था लेकिन पूरी रात बिजली रानी का आंख मिचौली जारी रहा। शाम के बाद तो बिजली कई बार आई और गई। नतीजतन दूर दराज से मेला देखने के लिए आए लोग अंधेरे में काफी परेशान हुए।
🔴डोल मेला से लुप्त हो रही है धार्मिक झांकियांधार्मिक व पारम्परिक डोल मेला अब आर्केस्ट्रा के बालाओं के अश्लील डांस की रौंनक बन कर रह गयी है। नतीजतन रातभर चले मेला मे मर्यादा तार-तार होती रही। मेला के नाम पर नंगा नाच खुलेआम दिखाया जा रहा है। इसके बावजूद धर्म और संस्कृति के ठेकेदार बनने वाले संगठन व मेला संचालक धृतराष्ट्र बने बैठे हैं। यही वजह है कि इस बार डोल मेला मे अखाडो के पीछे झांकियां कम दिखी और जिन अखाडो मे झांकियां दिखी उसमे रौनक नही दिखी।
उम्दा रिपोर्टिंग !
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