🔴आरोपी को बचाने का किया जा रहा है प्रयास
🔵 संजय चाणक्य
कुशीनगर । इसे रसूख का प्रभाव कहे या धनबल का चमत्कार, कि जिस हास्पिटल ने बीते दिनों प्रेम को असमय काल के गाल में पहुचा दिया उस चिकित्सक व हास्पिटल के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नही की गई है। वजह चाहे जो भी लेकिन सवाल बुनियादी है कि स्वास्थ्य विभाग के विभाग-ए-शहंशाह पडरौना नगर के छावनी में पडरौना - कसया मार्ग पर संचालित बुद्धा हास्पिटल व उसके संचालक डाँ. नंदलाल कुशवाहा के खिलाफ कार्रवाई क्यो नही कर रहे है? वैसे स्वास्थ्य विभाग के गलियारों में इस बात की चर्चा जोरो पर है कि बुद्धा हास्पिटल के संचालक विभाग के मुखिया का खासे ख्याल रखते है, जुबान खुलते ही साहब की हर इच्छा पूरी हो जाती है इस लिए उस हास्पिटल और संचालक पर कार्रवाई की कल्पना करना बेमानी है। इस चर्चाओ में कितनी सच्चाई है यह जांच का विषय है लेकिन इस बात से इंकार करना भी नासमझी होगी कि धुआं वही उठता है जहां आग लगी होती है।
काबिलेगौर है कि बीते दिनो जनपद के पडरौना नगर के पडरौना - कसया मार्ग पर संचालित बुद्धा हास्पिटल के डॉक्टर की लापरवाही के चलते प्रेम की जान चली गई थी। ऐसा आरोप मृतक की पत्नी ने जिलाधिकारी व सीएमओ को शिकायती पत्र देकर लगाया था। बताया जाता है कि चिकित्सक ने पथरी का गलत आपरेशन किया जिसके वजह से प्रेम की मौत हुई । इसके बाद परिजन जब शव लेकर बुद्धा हास्पिटल पहुंचे तो हास्पिटल के संचालक डाॅ. नंदलाल कुशवाहा ने बिना हो-हल्ला किये मामले को समझौता के तहत निपटाने के लिए मृतक प्रेम की पत्नी को 70 हजार रुपये के तीन चेक दिए और दाह संस्कार के बाद इलाज में खर्च बाकी रुपये देने की बात कह कर परिजनो को वापस भेज दिया। संचालक के वायदे के मुताबिक मृतक की पत्नी अपने परिजनो के साथ शेष रकम लेने के लिए जब बुद्धा हास्पिटल पहुची तो संचालक डाँ. नंदलाल अपनी बात से मुकर गये। इसके बाद वह और उनके हास्पिटल पर मौजूद कर्मचारियों ने रीमा देवी को गाली देते हुए दोबारा आने पर जान से मारने की धमकी देकर हास्पिटल से भगा दिया।
🔴 मृतक के पत्नी ने डीएम और सीएमओ से लगायी है न्याय की गुहारपडरौना नगर पालिका व सदर कोतवाली क्षेत्र के जंगल बेलवा निवासी व मृतक प्रेम कुशवाहा की पत्नी रीमा देवी ने जिलाधिकारी व सीएमओ से मिलकर बीते दिनों शिकायती पत्र दिया था। रीमा देवी का कहना है कि वह अपने 32 वर्षीय पति प्रेम कुशवाहा की पेट में दर्द होने पर नगर के छावनी पडरौना-कसया मार्ग पर स्थित बुद्धा हास्पिटल में लेकर गयी थी।रीमा का आरोप है कि वहां मौजूद डॉक्टर ने पेट में पथरी बताकर ऑपरेशन की बात कही। डॉक्टर की बातों पर विश्वास कर उसने ऑपरेशन के लिए अपनी सहमति दे दी। इसके बाद हास्पिटल के लोगो ने अपनी औपचारिकता पूरी कर पैसा जमा कराया फिर डॉक्टर ने ऑपरेशन किया। दूसरे दिन पति प्रेम कुशवाहा की तबीयत बिगड़ गई और पेट फूलने लगा तो डॉक्टर प्रेम को अपनी एंबुलेंस से जिला अस्पताल लेकर पहुंचे और वहां से मरीज को लखनऊ केजीएमयू रेफर करा दिया । केजीएमयू में डॉक्टर ने गलत ऑपरेशन की बात बताई और इलाज शुरू किया। रीमा ने अपनी शिकायत पत्र में आगे कहा है कि 9 सितंबर को प्रेम कुशवाहा की इलाज के दौरान मौत हो गई। घरवाले लाश लेकर बुद्धा अस्पताल पहुचे तो डॉक्टर नंदलाल कुशवाहा ने आनन-फानन मे तीन चेक दिए, जो कुल 70 हजार रुपये के थे। साथ ही डाक्टर ने यह भी कहा कि जाओ दाह संस्कार कर लो। फिर इलाज में जो रुपये खर्च हुए हैं वह मिल जाएंगे। इसके बाद 11 सितम्बर को जब रीमा देवी अपने घरवालों के साथ बुद्धा अस्पताल पहुंचीं तो वहा डॉक्टर नंदलाल कुशवाहा और मौजूद कर्मचारियों ने गाली देते हुए दोबारा आने पर जान से मारने की धमकी दी। रीमा देवी बताती है कि बुद्धा हास्पिटल के डॉक्टर द्वारा पथरी का गलत आपरेशन करने के वजह से वह अपने पति की जान बचाने के लिए खेत बेचकर 15 लाख रुपये इलाज में मे खर्च किया। इसके बावजूद, उसके पति की जान नहीं बच सकी। उन्होंने बताया कि अस्पताल में हुए ऑपरेशन और फिर हालत बिगड़ने पर पति को जिला अस्पताल पहुंचाकर वहां से रेफर किए गए साक्ष्य और दिए गए चेक की फोटोकापी लगाकर बुद्धा हास्पिटल के संचालक नंदलाल कुशवाहा के खिलाफ वह जिलाधिकारी व सीएमओ से शिकायत की है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
🔴 अब तक क्यो नही हुई
कहना न होगा कि बुद्धा हास्पिटल मे आपरेशन के बाद जब प्रेम की हालत बिगड़ने लगी तो हास्पिटल के संचालक डाँ. नंदलाल मरीज को जिला अस्पताल भेजकर वहा से प्रेम को लखनऊ केजीएमयू रेफर कराया जहां केजीएमयू में डॉक्टर ने रीमा देवी को गलत ऑपरेशन की बात बताई और इलाज शुरू किया लेकिन प्रेम की जान नही बचा सके। इसके बाद सुलह-समझौते के नाम पर बुद्धा हास्पिटल के संचालक डाँ.नंदलाल कुशवाहा ने मृतक प्रेम की पत्नी को 70 हजार रुपये का चेक देकर मामले को शांत करने का प्रयास किया। इतना ही नही नंदलाल कुशवाहा ने दाह संस्कार के बाद प्रेम के इलाज मे खर्च हुए धनराशि को देने का वायदा रीमा व उसके परिजनो से भी किया था। सवाल यह है कि चिकित्सकीय लापरवाही के कारण प्रेम की असमय हुई मौत के जिम्मेदार बुद्धा हास्पिटल व उसके संचालक नही है तो फिर डाँ. नंदलाल कुशवाहा ने तबीयत बिगड़ने के बाद प्रेम को जिला अस्पताल भेजकर वहा से केजीएमयू लखनऊ रेफर क्यो कराया ? अगर प्रेम की मौत का जिम्मेदार बुद्धा हास्पिटल नही है तो फिर अस्पताल के संचालक नंदलाल कुशवाहा ने 70 हजार रुपये का चेक रीमा देवी क्यो दिया ? इतना ही नही अगर बुद्धा हास्पिटल के चिकित्सकीय लापरवाही से प्रेम की मौत नही हुई तो फिर डाँ. नंदलाल ने दाह संस्कार के बाद प्रेम के इलाज मे खर्च हुए रुपये देने का वायदा रीमा देवी से क्यो किया ? यह तमाम बुनियादी सवाल है जो बुद्धा हास्पिटल व उसके संचालक को किसी भी सूरत में दोषमुक्त करार नही करती है ऐसे मे स्वास्थ्य विभाग के मुखिया बुद्धा हास्पिटल व संचालक नंदलाल कुशवाहा के खिलाफ कार्रवाई करने से क्यो कतरा रहे है। कही ऐसे तो नही कि विभाग के मुखिया मित्र धर्म निभाते हुए यह भूल गये है कि एक विधवा व उसके दो मासूम बच्चो की टकटकी निगाहें न्याय की उम्मीद लगाकर बैठी है। क्योंकि संचालक डाँ नंदलाल खुद को सीएमओ का मित्र बताते है। ऐसे मे हास्पिटल व संचालक के खिलाफ कार्रवाई मे हिलाहवाली तमाम यक्ष प्रश्न को जन्म देते है।
🔴 सीएमओ बोलेइस संबंध में मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ. सुरेश पटारिया का कहना है कि जांच चल रही है अभी रिपोर्ट नही मिली है रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जायेगी। यह पूछे जाने पर कि बीते दिनो मार्ग दुर्घटना में घायल एक युवक के जिला अस्पताल में भर्ती होने के बाद दलालों द्वारा वहा से बुद्धा हास्पिटल में भर्ती कराए जाने व इलाज के दौरान चिकित्सक की लापरवाही से 3 सितंबर को युवक की हुई मौत के मामले मे भी बुद्धा हास्पिटल के खिलाफ जांच चल रही है उसमे अब तक क्या कार्रवाई हुई है इस पर सीएमओ ने कहा कि वह रिपोर्ट भी अभी नही आयी है, जैसे ही रिपोर्ट आयेगी कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी।
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