🔴गलत आपरेशन के वजह से रीमा की उजड गयी सुहाग
🔵 पडरौना नगर के पडरौना - कसया मार्ग पर संचालित बुद्धा हास्पिटल का मामला
🔴 मृतक के पत्नी ने डीएम व सीएमओ से न्याय की गुहार
🔵 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर । जनपद के पडरौना नगर के पडरौना - कसया मार्ग पर संचालित बुद्धा हास्पिटल के डॉक्टर की लापरवाही के चलते एक युवक की जान चली गई। आरोप है कि चिकित्सक ने पथरी का गलत आपरेशन कर दिया जिसके वजह से युवक की मौत हो गई। इसके बाद परिजन जब शव लेकर बुद्धा पहुंचे तो हास्पिटल के संचालक डाॅ. नंदलाल कुशवाहा ने मामले को समझौता के तहत निपटाने के लिए 70 हजार रुपये के तीन चेक दिए और दाह संस्कार के बाद इलाज में खर्च बाकी रुपये देने की बात कह कर परिजनो को वापस भेज दिया। संचालक द्वारा अपनी बात से मुकरने के बाद पीड़ित परिवार जिलाधिकारी व सीएमओ को शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगाते हुए हास्पिटल व संचालक के खिलाफ विधिक कार्रवाई करने की मांग की है।
पडरौना नगर पालिका व सदर कोतवाली क्षेत्र के जंगल बेलवा निवासी व मृतक प्रेम कुशवाहा की पत्नी रीमा देवी ने जिलाधिकारी व सीएमओ से मिलकर दिये गये अपने शिकायती पत्र मे कहा है कि वह अपने 32 वर्षीय पति प्रेम कुशवाहा की पेट में दर्द होने पर नगर के छावनी पडरौना-कसया मार्ग पर स्थित बुद्धा हास्पिटल में लेकर पहुंची। रीमा का आरोप है कि वहां मौजूद डॉक्टर ने पेट में पथरी बताकर ऑपरेशन की बात कही। डॉक्टर की बातों पर विश्वास कर उसने ऑपरेशन के लिए अपनी सहमति दे दी। इसके बाद हास्पिटल के लोगो ने अपनी औपचारिकता पूरी कर पैसा जमा कराया फिर डॉक्टर ने ऑपरेशन किया। दूसरे दिन पति प्रेम कुशवाहा की तबीयत बिगड़ गई और पेट फूलने लगा तो डॉक्टर प्रेम को अपनी एंबुलेंस से जिला अस्पताल लेकर पहुंचे और वहां से मरीज को लखनऊ केजीएमयू रेफर करा दिया ।केजीएमयू में डॉक्टर ने गलत ऑपरेशन की बात बताई और इलाज शुरू किया। रीमा ने अपनी शिकायत पत्र में आगे कहा है कि 9 सितंबर को प्रेम कुशवाहा की इलाज के दौरान मौत हो गई। घरवाले लाश लेकर अस्पताल पहुंचे।
🔴 डाक्टर ने दिया 70 हजार रुपये चेकप्रेम की मौत के बाद परिजन जब शव लेकर बुद्धा हास्पिटल पहुचे को डॉक्टर नंदलाल कुशवाहा ने आनन-फानन मे परिजनो को तीन चेक दिए, जो कुल 70 हजार रुपये के थे। साथ ही डाक्टर ने यह भी कहा कि जाओ दाह संस्कार करो। इलाज में जो रुपये खर्च हुए हैं। वह मिल जाएंगे। रीमा देवी का कहना है कि 11 सितम्बर को जब वह अपने घरवालों के साथ बुद्धा अस्पताल पहुंचीं तो वहा डॉक्टर नंदलाल कुशवाहा और मौजूद कर्मचारियों ने गाली देते हुए दोबारा आने पर जान से मारने की धमकी दी।
🔴 खेत बेचकर इलाज कराने के बाद भी नही बची जान
रीमा देवी के मुताबिक बुद्धा हास्पिटल के डॉक्टर द्वारा पथरी का गलत आपरेशन करने के वजह से वह अपने पति की जान बचाने के लिए खेत बेचकर 15 लाख रुपये इलाज में मे खर्च किया। इसके बावजूद, उसके पति की जान नहीं बच सकी। अस्पताल में हुए ऑपरेशन और जिला अस्पताल से रेफर किए गए मरीज के साक्ष्य और दिए गए चेक की फोटोकापी लगाकर रीमा ने जिलाधिकारी व सीएमओ से शिकायत पत्र देकर हास्पिटल व संचालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
🔴 बोर्ड पर नामी-गिरामी डाक्टरों का नाम देखकर पहुची थी हास्पिटलमृतक की पत्नी रीमा का कहना है कि अस्पताल पर लगे नामी-गिरामी डॉक्टरों का नाम देखने के बाद वह अपने पति का ऑपरेशन कराने का निर्णय लिया था, लेकिन एक भी डॉक्टर अस्पताल पर आते नहीं हैं।
🔴 दोषी नही तो 70 हजार दिया क्यो?
बुद्धा हास्पिटल के संचालक व आरोपित डाक्टर नंदलाल कुशवाहा से जब मीडिया ने बातचीत तो उन्होंने साफ शब्दों मे कहा आरोप सभी निराधार है। उन्होंने बताया कि प्रेम कुशवाहा के गाल ब्लैडर में पथरी था जिसका 16 फरवरी को आपरेशन किया गया था। आपरेशन के बाद मरीज की तवीयत बिगड़ने पर यह हमारी जिम्मेदारी है कि उसे अच्छे सेंटर पर भेजे उसे वहा पहुचा दिया गया। तकरीबन सात महीने बाद प्रेम की मौत हुई है। इसमे हम कहा दोषी है। यह पूछे जाने पर कि आपने सत्तर हजार रुपये परिजनों को क्यो दिये? तो डाँ कुशवाहा ने कहा उन्होंने सुलह-समझौता के लिए परिजनो को सत्तर हजार रुपये का चेक दिया था। अब सवाल यह उठता है कि जब बुद्धा हास्पिटल प्रेम की मौत का जिम्मेदार नही है तो फिर हास्पिटल के संचालक ने मृतक के परिजनों से किस बात के लिए सुलह-समझौता किया ? मृतक के परिजनों को संचालक ने 70 हजार रुपये का चेक देकर मामले को क्यो दबाने का प्रयास किया ? मृतका के पत्नी का कहना है कि बुद्धा हास्पिटल के बोर्ड पर नामी-गिरामी डाक्टरों का नाम देखकर वह अपने पति का इलाज कराने वहा पहुची थी लेकिन कोई डाक्टर वहा नही आते है तो फिर स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार क्या कर रहे है यह भी एक जांच का विषय है जिसकी निष्पक्ष जांच पीड़िता को न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण बिन्दु साबित हो सकती है।
🔴 संचालक खुद को बताते है सीएमओ का मित्र
कहना न होगा कि चिकित्सक की लापरवाही व गलत आपरेशन के वजह से प्रेम कुशवाहा की जान गयी जैसा की मृतक की पत्नी ने सीएमओ व डीएम को दिये गये पत्र मे आरोप लगाया है। सूत्रों का दावा है कि सीएमओ से न्याय की उम्मीद करना बेमानी है वजह यह है कि बुद्धा हास्पिटल के संचालक डाक्टर नंदलाल कुशवाहा खुद को सीएमओ का मित्र बताते है ऐसा आम लोगो मे चर्चा है। चर्चाओ के बाजार मे जिस बात की चर्चा जोरो पर है अगर वह सत्य है तो फिर सीएमओ द्वारा डाॅ नंदलाल के खिलाफ कार्रवाई की कल्पना करना भी ठीक वैसा ही है जैसे चलनी मे पानी भरना। ऐसे मे मृतक प्रेम का परिवार सिर्फ और सिर्फ जिलाधिकारी के कार्रवाई व मीडिया की नैतिक जिम्मेदारी पर आस लगाये बैठी है।
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