ग्राउंड रिपोर्टः खुले में शौच मुक्त घोषित गांव मे खोजने पर भी नहीं मिला शौचालय - Yugandhar Times

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Sunday, September 10, 2023

ग्राउंड रिपोर्टः खुले में शौच मुक्त घोषित गांव मे खोजने पर भी नहीं मिला शौचालय

🔴आजादी के बाद भेड़िहरवा टोला मे नही बना शौचालय

🔴प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को आगाज़ किया था स्वच्छ भारत मिशन 

🔴 योजना के तहत वर्ष 2019 तक सभी गांवों को किया जाना था खुले से शौचमुक्त

🔴 संजय चाणक्य 

कुशीनगर। विभाग को वाहवाही लूटने की चस्का कहे या फिर मनबढई। ऐसी क्या मजबूरी रही कि चार वर्ष पूर्व जनपद को खुले में शौचमुक्त घोषित कर दिया है, जबकि तमाम गांवो की जमीनी हकीकत यह है कि आजादी के पचहत्तर वर्ष बीत जाने के बाद भी घरों में शौचालय नहीं हैं। नतीजतन शौच के लिए आज भी लोग गांव के सडकों के किनारे व खेतों में बैठ रुसवाई झेलने के लिए विवश हैं। ओडीएफ गांवों की सच्चाई जानने के लिए युगान्धर टाइम्स की टीम जिले के खड्डा विकास खंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत छितौनी का टोला भेड़ीहरिया पहुची तो वहा के बाशिंदों ने न सिर्फ  शिकायतों की झड़ी लदा दी। बल्कि प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के प्रति उनका गुस्सा भी फूट पडा। 

सनद रहे कि 2 अक्टूबर - 2014 को पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन योजना की शुरुआत की थी।  उस समय प्रधानमंत्री ने कहा था कि वर्ष 2019 मे महात्मा गाँधी के 150वी जयन्ती पर भारत खुले में शौच मुक्त होकर सर्वोत्तम श्रद्घाजंली देगा। यही वजह है कि स्वच्छ भारत मिशन को पुरे देशभर मे व्यापक तौर पर राष्ट्रीय आंदोलन के रूप मे आगाज़ किया गया। अब इसे मजबूरी कहे या वाहवाही लूटने का चस्का या फिर विभाग के जिम्मेदारो की मनबढई, कि शतप्रतिशत जरूरतमंदो को शौचालय का लाभ पहुचाये बगैर ही अक्टूबर - 2019 मे कुशीनगर जनपद को सम्पूर्ण ओडीएफ घोषित कर दिया गया, जबकि जमीन हकीकत यह है कि  जनपद के विभिन्न गांवों मे आज भी पचास फीसदी ग्रामीणों को शौचालय का लाभ मयस्सर नही है। शर्मनाक बात यह है कि जिले मे कुछ ऐसे भी गांव अथवा उस गांव मे ऐसे टोले है जहां आजादी के बाद न तो सरकारी धन से और न ही व्यक्तिगत तौर पर कभी शौचालय बना है। इतना ही नही जिन गांवों में शौचालय का निर्माण कराया भी गया तो वह भी आधे अधूरे ही बने हैं। कहना न होगा कि कुशीनगर जनपद को ओडीएफ घोषित हुए चार वर्ष गुजरने के कगार पर है लेकिन जिले के खड्डा ब्लाक के छितौनी ग्राम पंचायत के टोला भेडीहरिया मे आज भी किसी के घरों में शौचालय नहीं हैं।  महिलाएं, बच्चे व बूढ़े आज भी खुले में शौच करने को विवश हैं। नतीजा यह है कि आये दिन बाहर शौच जाने के दौरान महिलाओं व युवतियों के साथ  आपराधिक घटनाएं होती रहती हैं। ऐसे मे कहना मुनासिब है कि प्रशासन अगर ईमानदारी से प्रधानमंत्री मोदी की प्राथमिकताओ मे शुमार स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच मुक्त अभियान को कागजों के बजाय जमीन पर उतारे तो समाज के अंतिम व्यक्ति भी खुले में शौच और असुरक्षा से मुक्ति पा सकता है। 

🔴 नगर पंचायत ने भी की उपेक्षा 

बतादे कि छितौनी ग्राम पंचायत का  भेड़ीहरिया वर्तमान समय में नगर पंचायत छितौनी का हिस्सा बन गया है जो वार्ड संख्या - छह जानकी नगर के नाम से जाना जाता है। टोला से वार्ड मे तब्दील इसकी आबादी तकरीबन एक हजार से अधिक है। बावजूद इसके यहा के लोग आजादी के बाद से उपेक्षा की दंश झेल रहे है। यह बात दीगर है कि पहले ग्राम पंचायत से उपेक्षित थे और अब  नगर पंचायत से शौचालय के अभाव मे जलालत झेल रहे है। यही हाल जनपद के तमकुहीराज विकास खंड के ग्रामसभा बरवाराजा पकड़ के टोला जमुवान का है।  करीब 12 सौ से अधिक की आबादी वाले इस टोले में आजादी के बाद सरकारी धन से महज दस फीसदी घरों में ही शौचालय बने हुए है। वह भी पूर्ण नही, आधे-अधूरे ही है। वैसे कागजों मे सभी शौचालय उपयोगी बताये जा रहे है लेकिन जमीनी हकीकत य. है कि ठेकेदार व विभाग के जुगलबंदी से भ्रष्टाचार की भेट चढे आधे-अधूरे शौचालयों की पोल खोल रही है।  यहां शौचालय के लिए सभी पात्र व जरूरतमंद है लेकिन शौचालय न होने व आधे-अधूरे निर्माण के कारण महिला, बुढे, बच्चे खुले में शौच करने के लिए लाचार है। 

🔴 बोले ग्रामीण 

वर्तमान में नगर पंचायत छितौनी का वार्ड संख्या छह जानकी नगर एंव पूर्व मे भेड़िहरवा टोला के निवासी किशुनदेव कुशवाहा, रामरत्न चौहान, गोबरी प्रसाद, शोभी निषाद, मानदेव, जंगली, श्रीचौहन, ननकू, सुखराम, मीना देवी, मुन्नी देवी आदि से जब मीडिया ने बातचीत की तो उनका गुस्सा फूट पडा। वह एक स्वर मे बोले अरे साहब... हम लोगो का दुख-दर्द सुनने वाला कोई नही है। उन्होंने कहा कि यहां की आबादी एक हजार से अधिक है सौ-सवा सौ घर है लेकिन एक भी घर मे शौचालय नही है। सभी लोग जलालत झेलते हुए खुले में शौच जाने को मजबूर है। वह शांत नही हुए तल्ख लहजे मे अपनी पीडा सुनाते हुए बोले पुरा टोला-मुहल्ला घूम लिजिए कही आपको विकास दिखाई दे रहा हो तो बताइये। आजादी के बाद से यहा आज तक कोई विकास कार्य हुआ ही नही है तो दिखेगा क्या?

🔴 जिम्मेदार बोले

नगर पंचायत छितौनी के अध्यक्ष अशोक निषाद से जब वार्ता किया गया तो उन्होंने बडे ही निर्लज्जता से कहा  आज तक इस टोले मे कोई शौचालय नही बना, और आगे भी शौचालय बनने की कोई संभावना नही दिख रही है क्योंकि वजट नही है। इसी क्रम मे जब अधिशासी अधिकारी सीमा राय से बात की गयी तो  वह बोली आप बीडीओ से क्यो नही पूछते कि वहा शौचालय क्यो नही बना। पूर्व मे यह ग्रामसभा मे शामिल था हाल मे ही नगर पंचायत में शामिल हुआ है। वह अध्यक्ष से दो कदम आगे बढकर बडे ही गैरजिम्मेदाराना लहजे मे बोली अभी फिलहाल नगर पंचायत द्वारा कोई योजना नही है कि शौचालय निर्माण कराया जाये।

🔴 उठ रहे सवाल

मीडिया द्वारा किये गये पड़ताल मे ग्रामीणों ने बताया कि आजादी के बाद भेडीहरिया टोला मे किसी का शौचालय नही बना और कभी बना भी तो आधा-अधूरा निर्माण कर छोड दिया गया। इसके अलावा ग्रामीणों का यह भी कहना है कि इस टोले मे कोई विकास कार्य नही हुआ है। सडक, नाली बिजली, पानी की समस्याए सुरसा की तरह मुह बाये खडी है। अब सवाल यह उठता है कि जब भेडीहरिया टोला छितौनी ग्राम सभा का हिस्सा रहा तो वहा कि ग्राम प्रधानों ने क्या किया यहा के बाशिंदों को मूलभूत सुविधाएं क्यो नही उपलब्ध कराया गया ? दुसरा सवाल यह है कि भेडीहरिया टोला जब नगर पंचायत छितौनी का हिस्सा बना तो फिर नगर पंचायत ने अब तक इस टोला-मुहल्ला में क्या विकास कराया है? नगर पंचायत की ओर से अब तक इस मुहल्ले के विकास व यहा रहने वाले नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कितना धन खर्च किया गया है। जिस तरह से ईओ सीमा राय गैरजिम्मेदाराना जबाब दे रही है उससे तो स्पष्ट है कि अब तक पर्व की भेडीहरिया टोला वर्तमान की जानकी नगर मुहल्ले मे नगर पंचायत की ओर से कोई विकास कार्य नही कराये गये है तो फिर सवाल यह उठता है कि   ग्राम पंचायत से नगर पंचायत मे शामिल गांवो के विकास के लिए शासन द्वारा आवंटित धन कहा खर्च किये गये है। सवालों का फेहरिस्त लंबी है जिस पर विन्दुवार जांच समय की मांग है।



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