बहनो ने भाई की कलाई पर बाधा प्यार डोर, की दीर्घायु की कामना - Yugandhar Times

Breaking

Friday, September 1, 2023

बहनो ने भाई की कलाई पर बाधा प्यार डोर, की दीर्घायु की कामना

🔴उल्लास के साथ मनाया गया रक्षाबंधन का त्योहार 

🔵 युगान्धर टाइम्स व्यूरो 

कुशीनगर । भाई-बहन के पवित्र व अटूट प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार गुरुवार को पूरे जिले में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बहनों ने अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनके दीर्घ जीवन और सुखद भविष्य की कामना की। इस दौरान भाइयों ने भी बहनों की रक्षा का संकल्प लेते हुए उपहार भेट किया। 

काबिलेगौर हे कि गुरुवार को सुबह से ही रक्षाबंधन के त्योहार को लेकर घर-घर में उल्लास का माहौल रहा। भोर मे ही बहनें स्नान ध्यान कर राखी बांधने व भाइयों का मुंह मीठा कराने की तैयारियों में जुटी दिखीं। मुहूर्त के हिसाब से दिन के आठ बजे तक राखी बांधे जाने का सिलसिला जारी रहा। इस दौरान भाई भी दूर दराज स्थित अपने ससुराल में रहने वाली अपनी बहनों के घर जाने के लिए तड़के से ही घर से निकल पड़े। शहर से लेकर ग्रामीण इलाके तक की सड़कों पर चहल-पहल काफी बढ़ गई। इस दौरान शहर और कस्बाई इलाके में रक्षा बंधन के मधुर गीत बजते रहे।बहना ने भाई की कलाई पर प्यार बांधा है..., भइया मेरे राखी के बंधन को न भुलाना..., से लेकर ये राखी बंधन है ऐसा..., जैसे गीत ने माहौल में उत्साह भर दिया।

🔴राखी  गिफ्ट और मिठाई की दुकानों पर सुबह तक दिखी भीड़

रक्षाबंधन के दिन गुरुवार को सुबह तक राखी की दुकानों पर लोगों की भीड़ देखी गई। दिन के आठ बजे तक शहर की दुकानों पर लोग राखी खरीदते नजर आए।  पर्व को देखते हुए राखी, गिफ्ट कार्नर तथा मिठाई की दुकानें भी सुबह पांच बजे सजधज गयी थी।

🔴पूर्णिमा पर ही क्यों मनाते हैं रक्षाबंधन ?

पौराणिक कथा के अनुसार जब भगवान विष्णु राजा बलि के साथ पाताल लोक में रहने चले गए तब देवी लक्ष्मी चिंतित हो उठी. पति को वापस लाने के लिए नारद जी देवी लक्ष्मी से कहा कि आप राजा बलि को राखी बांधकर भाई बना लीजिए और वरदान के रूप में भगवान विष्णु को मांग लीजिए. देवी लक्ष्मी ने भेष बदलकर राजा बलि को राखी बांधी और विष्णु जी को मांग लिया. संयोग से उस दिन सावन पूर्णिमा थी. ऐसा माना जाता है कि तभी से भाई- बहन का पवित्र पर्व रक्षाबंधन मनाया जाने लगा. कहते हैं कि सबसे पहले देवी लक्ष्मी ने ही राखी बांधने की शुरुआत की थी। 

🔴महाभारत काल से जुडा है रक्षाबंधन त्योहार  

रक्षाबंधन को लेकर महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्ण और द्रौपदी से जुड़ी एक कथा प्रचलित है. जब इंद्रप्रस्थ में शिशुपाल का वध करने के लिए भगवान  श्रीकृष्ण ने सुदर्शन चक्र चलाया था. उसी दौरान  श्रीकृष्ण को भी उंगली में चोट आई थी. उस समय द्रोपदी ने अपने साड़ी का पल्लू फाड़ के भगवान के उंगली पर बांध दिया. तब श्रीकृष्ण ने द्रोपदी को वचन दिया था कि वह उसकी रक्षा करेंगे. भगवान ने चीर हरण के वक्त द्रौपदी को दिया वचन निभाया और उनकी लाज बचाई।




No comments:

Post a Comment

Post Top Ad

Responsive Ads Here