🔵 डॉ. सुधाकर कुमार मिश्रा
वर्तमान समय में गुणवत्तापूर्ण एवं समावेशी शिक्षा समय एवं देश काल की मांग है। देश के शिक्षा व्यवस्था को समावेशी शिक्षा की अति आवश्यकता है । हाल ही में तमिलनाडु ने शिक्षा के क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रदर्शन किया है ।केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क, 2023 में 100 शीर्ष कॉलेज में सबसे ज्यादा तमिलनाडु के कॉलेज हैं । नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) ने इनके लिए एक पैमाना निर्धारित कर रखा है। इसके तहत पहला-शिक्षण, ज्ञान प्राप्ति और संसाधन चालीस फीसदी, दुसरा-स्नातक स्तर के परिणाम पच्चीस फीसदी, तीसरा- अनुसंधान और व्यवसाय शिक्षा का अभ्यास पन्द्रह प्रतिशत, चौथा-आउटरीच और समावेशिता के तत्व दस फीसदी और पाचवा-धारणा दस प्रतिशत है।
एनआईआरएफ (NIRF) क्रमवार में सहभागिता करने वाले कॉलेजों की संख्या प्रति साल बढ़ रही है ।परिणाम की प्रतिशतता के आधार पर कहा जा सकता है कि उच्च शिक्षण संस्थान उपयुक्त पैमाने पर पीछे चल रहा है ।रैंकिंग के अनुसार अच्छी गुणवत्ता पूर्ण और समावेशी शिक्षा के मामले में तमिलनाडु शीर्ष पर है ;इसके पश्चात राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, केरल और पश्चिम बंगाल आते हैं । उपयुक्त 4 प्रदेश गुणवत्तापूर्ण और समावेशी शिक्षा का 89 प्रतिशत भाग पूरा कर लेते हैं ।भारत के शेष राज्यों का रैंकिंग में स्थान ना होना चिंता का विषय है।
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