स्वास्थ्य विभाग की मेहरबानी से झोलाछाप डाक्टरों का फलफूल रहा है कारोबार - Yugandhar Times

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Monday, June 12, 2023

स्वास्थ्य विभाग की मेहरबानी से झोलाछाप डाक्टरों का फलफूल रहा है कारोबार

🔴 डिग्री नहीं, फिर भी अस्पताल खोलकर कर रहे मरीजों का इलाज और ऑपरेशन

🔴बोर्ड पर फर्जी डॉक्टरों के नाम से झांसे में आ रहे मरीज, इलाज में लापरवाही से कई लोगों की हो चुकी है मौत

🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो 

कुशीनगर। स्वास्थ्य विभाग के मेहरबानी के कारण जनपद के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के लोगो  की जिंदगी झोलाछाप डॉक्टरों के हवाले हैं। शहर में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और पीएचसी पर सरकारी चिकित्सको की उदासीन रवैया कारण शहरवासी फर्जी व झोलाछाप चिकित्सकों की शरण में जाने के लिए मजबूर हैं। शहर के गली-मोहल्लों के साथ-साथ खिरकिया बांसी,सेवरही दुदही कोटवा, छहूं चौराहा, जटहा,बसाहिया दुदही व जनपद के अन्य हिस्सों में ऐसे क्लीनिक अथवा मेडिकल स्टोर हैं, जहां इलाज और ऑपरेशन किया जा रहा है। ऐसी चर्चा है कि जिले के  विभिन्न क्षेत्रों में लगभग पांच सौ क्लीनिक बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे हैं। पुश्तैनी दवाखानों के नाम से मरीजों को लूटा जा रहा हैं। इन क्लीनिक में बैठने वाले चिकित्सक हाईस्कूल या इंटरमीडिएट हैं। कई क्लीनिक ऐसे हैं जिनमें निजी महंगे अस्पतालों के एजेंट चिकित्सक बनकर बैठे हुए है। बुखार,पेट दर्द आदि आम बीमारियों की दवा वह अपने पास से देते है और हालात बिगड़ने या भंयकर बीमारी होने पर मरीज को निजी अस्पताल में भेजकर अस्पताल संचालकों से कमीशन लेते हैं। 


काबिलेगौर है कि जनपद में झोलाछाप डॉक्टरों का धंधा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मेहरबानी से चल रहा हैं। कोरमपूर्ति के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभियान के नाम पर दो - चार अवैध हास्पिटलो को सील कर विभाग - ए-शहंशाह खुद अपना पीठ थपथपाते है और कुछ दिनो बाद मोटी रकम वसूलकर सील किये गये अस्पताल को खोल देते है, ऐसा आम लोगो का कहना है। यही वजह है कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों मे अवैध रूप से दुकान खोलकर आम लोगो की जिन्दगियों से खिलवाड़ करने वाले म अप्रशिक्षित व झोलाछाप चिकित्सकों का धंधा फल फूल रहा हैं। सूत्र बताते है अब जिले के पडरौना, कसया हाटा, सहित तमकुहीराज, दुदही, फाजिलनगर, खड्डा, रामकोला , कप्तानगंज,नेबुआ नौंरगिया, मंसाछपरा, खिरकिया, जटहा बजार, कोटवा आदि प्रमुख बाजारों में बिना डिग्रीधारी अस्पताल खोलकर बडे-बडे डाक्टरों का बोर्ड पर नाम लिखवाकर खुद  इलाज कर  रहे है। इतना ही नही झोलाछाप डाक्टर बोर्ड पर विशेषज्ञ डाक्टरो के समान अपनी डिग्रियां लिखवाकर लोगों को ठगी का शिकार भी बना रहे हैं। इन क्षेत्रों में कई झोलाछाप भी सक्रिय हैं। इनके इलाज से अक्सर मरीजों की या तो हालत बिगड़ जाती है या जान चली जाती है। खिरकिया बांसी,सेवरही दुदही कोटवा, छहूं चौराहा, जटहा,बसाहिया दुदही व जनपद के अन्य हिस्सों में ऐसे क्लीनिक अथवा मेडिकल स्टोर हैं, जहां इलाज और ऑपरेशन किया जाता है। किसी ने टिनशेड डालकर तो किसी ने भारी गंदगी के बीच में ही अस्पताल खोल रखा है, जहां ऑपरेशन तक किया जा रहा है। इनके बोर्ड पर डिग्रियां देख लोग सहज ही झांसे में आ जाते हैं,लेकिन स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कभी इनकी डिग्रियों की जांच नहीं की जाती है। अधिकतर का स्वास्थ्य विभाग में पंजीकरण भी नहीं है। इनके इलाज से जब मरीज की हालत बिगड़ जाती है तो उन्हें रेफर कर दिया जाता है। कई मरीजों की दूसरे अस्पताल पहुचने से पहले ही मौत भी हो जाती है।


🔴 केस- एक

तुर्कपट्टी थाना क्षेत्र के गड़हिया में संचालित अवैध अस्पताल में बीते वर्ष 2022 के अगस्त माह के पहले सप्ताह मे एक महिला की ऑपरेशन के बाद मौत हो गई। महिला को पेटदर्द हुआ था। दिखाने के बाद ढेर सारी दवाइयां लिख दी गई और पथरी बताकर ऑपरेशन कर दिया गया। इसके तुरंत बाद ही महिला की मौत हो गई

🔴 केस संख्या - दो 

गुरवलिया बाजार में 18 अगस्त - 2020 मे बंगाल की एक नर्तकी की इलाज के दौरान मौत हुई थी। इसके बाद आर्केस्ट्रा संचालक और परिजनों ने डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए खूब बवाल काटा। इसके बाद सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस  डॉक्टर को हिरासत मे लेकर विधिक कार्यवाही कर मामले को शांत कराया  था। 


🔴 केस  संख्या - तीन

18 जुलाई 2022 को कसया थाना क्षेत्र के महुई  बुजुर्ग के भैसा डाबर टोला निवासी पप्पू पटेल की सात वर्षीय बेटी अंशिका  को हल्का बुखार था। परिजन टेकुआटार के मेडिकल स्टोर पर दवा कराने ले गए। मेडिकल स्टोर संचालक के इंजेक्शन लगाने के बाद बच्ची की मौत हो गई। इस पर घरवालों ने हंगामा खड़ा कर दिया। मौके पर पहुची पुलिस ने मेडिकल स्टोर संचालक के बेटे को हिरासत में लेकर विधिक कार्यवाही करते हुए लोगो को  समझा-बुझाकर शांत कराया। घटना 18 जुलाई वर्ष 2022 का है। 

🔴केस संख्या - चार

तुर्कपट्टी थाना क्षेत्र के छहूं चौराहे पर बिना लाइसेंस के चल रहे मेडिकल स्टोर को 29 जून - 2022 को  सील किया गया । इसी तरह 10 अक्तूबर को राष्ट्रीय बाल आयोग के निर्देश पर सीएमओ डॉ. सुरेश पटारिया और तमकुहीराज सीएचसी के अधीक्षक डॉ. अमित राय ने पुलिस के साथ मेडिकल स्टोर छापेमारी की तो मेडिकल स्टोर के बगल के कमरे में तीन मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा था। इलाज करने वाले के पास न तो कोई डिग्री थी और न दवा बेचने का लाइसेंस था। इसके बाद पुलिस ने मरीजों के जिन्दगी से खिलवाड़ करने वाले झोलाछाप डाक्टर को  हिरासत में ले लिया था।

 🔴 सीएमओ बोले 

मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ. सुरेश पटारिया का कहना है कि शिकायतों के आधार पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। ऐसे लोगों पर एफआईआर भी दर्ज कराया जाता है। अभी हाल ही में एक मेडिकल स्टोर पर कार्रवाई हुई है। संचालक पर मुकदमा पंजीकृत हो चुका है। आगे भी स्वास्थ्य विभाग अवैध अस्पतालों पर शिकंजा कसेगा

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