🔴बिहार एसटीएफ और पुलिस की संयुक्त टीम ने दो नक्सलियों को किया गिरफ्तार
🔴 एसटीएफ ने एके-47, पांच मैगजीन और बड़ी संख्या में किया कारतूस बरामद
🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर। जनपद से सटे पडोसी राज्य बिहार की सीमा में नक्सली गतिविधियां संचालित करने वाले पांच लाख रुपये के इनामी नक्सली और उसके एक साथी को बिहार एसटीएफ और पुलिस की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया है। इन दोनों की निशानदेही पर दो एसटीएफ ने एके-47, पांच मैगजीन और बड़ी संख्या में कारतूस बरामद किया है।
बेतिया के डीआईजी द्वारा मीडिया को दी गई जानकारी के मुताबिक बिहार प्रांत के सारण जिला में गंडक नदी के दियारा क्षेत्र से बिहार एसटीएफ व पुलिस ने नक्सली रामबाबू उर्फ राजन उर्फ प्रहार और रामबाबू पासवान को गिरफ्तार किया है। राजन के ऊपर 40 तो उसके साथी पर 30 मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस पिछले 22 वर्षों से इन दोनो की तलाश कर रही थी। कुशीनगर जनपद की सीमा से सटे बिहार के बगहां क्षेत्र में यह नक्सली सक्रिय था। उन्होंने बताया कि बिहार एसटीएफ के विशेष दस्ता ने उत्तर बिहार पश्चिम जोनल कमेटी के सचिव एवं बिहार सरकार की ओर से वर्ष 2013 से घोषित पांच लाख रुपये के इनामी कुख्यात वांछित नक्सली रामबाबू राम उर्फ राजन उर्फ प्रहार उर्फ निखिल को जिला पूर्वी चंपारण एवं उसके दस्ता के जोनल कमांडर रामबाबू पासवान उर्फ धीरज को सारण जिला के गंडक नदी के दियारा क्षेत्र से छापा मारकर गिरफ्तार किया गया है। इन दोनों नक्सलियों के निशानदेही पर दो एके-47, पांच मैगजीन, 460 कारतूस व नकद 50 हजार रुपये बरामद किए गए हैं।
🔴नक्सली वारदात को अंजाम देने में कुख्यात है राजन
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, गिरफ्तार नक्सली राजन अपने सदस्यों के साथ मिलकर पूर्वी चंपारण जिला के मधुबन ब्लॉक, थाना व मधुबन एसबीआई में विध्वंसक घटना किया था। बैंक के गार्ड की हत्या कर दी थी। इसके अलावा सदस्यों के साथ मिलकर वर्ष 2013 में मुजफ्फरपुर जिला के देवरिया थाना अंतर्गत विधायक प्रतिनिधि भोला सिंह की हत्या एवं वर्ष 2018 में बगहां जिला अंतर्गत मलकौली पंचायत के पूर्व मुखिया मनोज कुमार सिंह पर हमला कर उनकी हत्या कर दी थी। वर्ष 2019 में गया जिला के लुटुआ थाना क्षेत्र के पुलिस टीम पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें कोबरा के एक एसआई की मृत्यु हो गई थी। 2020 में लौकरिया थाना क्षेत्र में पुलिस व एसटीएफ के संयुक्त ऑपरेशन में चार नक्सली मारे गए थे। वहां से फरार होने में राजन सफल रहा। राजन के विरुद्ध विभिन्न थानों में करीब 40 मुकदमे, जबकि रामबाबू पासवान के खिलाफ 30 मुकदमे दर्ज हैं।
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