🔵आइसक्रीम बनाते वक्त फैक्ट्रियों में न सिर्फ गाइडलाइन की उड़ायी जा रही है धज्जियाँ बल्कि शुद्धता की भी नही है कोई गारंटी
🔴बेधड़क बिक रही शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मिलावट का जहर
🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर । गर्मी शुरू होते ही जनपद के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध रूप से चल रही आइसक्रीम फैक्ट्रियों की बाढ़ आ गई है। खाद्य विभाग की उदासीनता व आपसी सांठगाठ के चलते तमाम आइसक्रीम फैक्ट्रियां बिना लाइसेंस के अनाधिकृत रूप से चल रही हैं। मजे की बात यह है कि आइसक्रीम बनाते वक्त इन फैक्ट्रियों में न सिर्फ गाइडलाइन की धज्जियाँ उड़ायी जा रही है बल्कि शुद्धता की भी कोई गारंटी नही है। नतीजतन आइसक्रीम के नाम पर शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को मीठा जहर परोसा जा रहा हैं। जिसके सेवन से बच्चों में बीमारी फैलने की आशंका बढ़ गई है।
पडरौना नगर के छावनी मुहल्ले मे एक आवास मे चल रहे मानक विहीन आइसक्रीम फैक्ट्री पर नजर दौडायें तो यह फैक्ट्री भाजपा से ताल्लुक रखने भीखम प्रसाद द्वारा संचालित किया जाता है। आवासीय भवन मे चल रहे फैक्ट्री मे आइसक्रीम बनने की कोई गाइड लाइन नही है। पाउडर के दूध से तैयार किये जा रहे इस फैक्ट्री मे बनने वाले आइसक्रीम की शुद्धता की जांच करने का कोई पैमाना नही है और न ही विभाग द्वारा कभी इसकी जांच की जाती है। आवासीय भवन मे चल रहे फैक्ट्री के ठीक बगल में गाय व कुत्ते का आशियाना है जहां गंदगी का अंबार है वैसे तो गंदगी जहां आइसक्रीम बन रहा है वहा भी है लेकिन इसकी जांच करने की जहमत कभी विभाग द्वारा नही उठाया गया। सूत्र बताते है कि भाजपा के पदाधिकारी होने का धौस और रुतबा का प्रयोग भीखम प्रसाद खूब करते है इस लिए विभाग के लोग इनके फैक्ट्री के तरफ आख नही तरेरते है। इसी तरह बकुलहा मे वेद प्रकाश मिश्र का बिना लाइसेंस का आइसक्रीम फैक्ट्री संचालित होता है। यहां सफाई का मतलब ही चहुंओर ओर गंदगी ही गंदगी फैला हुआ है पाउडर वाले दूध से बन रहे आइसक्रीम और वहा रखे गये वर्तनो पर मक्खिया भनभना रही थी। यही तमाम बोरे और दो बाइक रखे गये थे। नियम कानून और सफाई का मतलब यहां कुछ नही। इसी तरह नगर के कटनवार रोड पर संतोष पाण्डेय द्वारा अपने घर मे ही आइसक्रीम फैक्ट्री का संचालन किया जाता है। यहा भी हर सामान खुले मे जमीन पर पसरा हुआ पाया गया। यहा भी न तो कोई मानक का ध्यान रखा जाता है और न ही कोई शुद्धता की गारंटी है। मजे की बात यह है कि घर मे चल रहे फैक्ट्री की बच्चो से निगरानी करने वाला कोई नही है। यहां बनने वाली आइसक्रीम में दूषित पानी तथा स्वास्थ्य को हानि पहुंचाने वाले रासायनिक पदार्थ व रंग मिलाए जाते हैं।
लाइसेंस की वैधता एक वर्ष पूर्व ही खत्म हो गया है। एफएसएसएआई लाइसेंस पर किसी जिम्मेदार अधिकारी का हस्ताक्षर भी नही है। इसके अलवा किसी भी आइसक्रीम कारोबारी के पास न तो सेलट्रैक्स मे रजिस्ट्रेशन है और न ही जीएसटी रजिस्ट्रेशन है। इसी तरह परसौनी मे केशव निषाद के अलावा गोड़रिया धरहोरा, खिरकिया टोला, मठिया चौराहा, बावली, रामकोला, आदि स्थानों पर बिना लाइसेंस के फैक्ट्रियां चल रही हैं। इन फैक्ट्रियों मे नाबालिग बच्चों से काम कराया जाता है। वहीं इन फैक्ट्रियों में बनने वाली आइसक्रीम में दूषित पानी तथा स्वास्थ्य को हानि पहुंचाने वाले रासायनिक पदार्थ व रंग मिलाए जाते हैं।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी सच्चिदानंद गुप्त ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। एक टीम गठित कर मौके पर भेजी जाएगी, जो लाइसेंस व मानक की जांच करेगी। उसके बाद कार्यवाही की जाएगी। अगर किसी की संलिप्तता पाई गई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
🔴जनपद मे अनाधिकृत रूप से संचालित हो रहे आइसक्रीम फैक्ट्रियों से संबंधित खबर अगले अंक पार्ट-2 मे पढे। इससे संबंधित आप कोई जानकारी देना चाहते है तो साक्ष्य के साथ मेरे वाट्सएप नम्बर 9919528245 उपलब्ध करा सकते है।
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