मिलकर रंग लगाना तो कहना होली है... - Yugandhar Times

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Monday, March 6, 2023

मिलकर रंग लगाना तो कहना होली है...

🔴विमर्श की 46 मासिक काव्य गोष्ठी संपन्न

🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो 

कुशीनगर। " मिलकर रंग लगाना तो कहना होली है अंग से अंग मिलाना होली है, रंग भर भर मारो पिचकारी, जी भर कर नहलाना तो कहना होली है। "

दुदही से पधारी कवित्री रुबी गुप्ता की होली की यह गीत सुन पूरा हाल तालियों की गडगराहट से गूंज उठा। अवसर था होली के पूर्व विमर्श साहित्यक संस्था के तत्वावधान मे रविवार को  कार्यक्रम के संयोजक डा.अजय शुक्ल के आवास पर आयोजित कव्य गोष्ठी।

कवि सम्मेलन का आगाज मंटू पाठक  मां वैष्णो देवी जागरण परिवार व कवि अश्विनी द्विवेदी द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वन्दना " सुर सार शारदे तार तार दे जग का उद्धार कर दे।" को श्रोताओं ने तालियों की गडगराहट के साथ इस्तकबाल किया। इसके बाद संचालक व संस्था के अध्यक्ष आरके भट्ट ने आकाश महेशपुरी को आमंत्रित किया।

नेता नोटो की गड्डी से खेल रहे है खेल जोगिरा सा रा रा रा..आकाश महेशपुरी की ओर से नेताओ पर प्रस्तुत की गई पक्तियों को श्रोताओं ने ताली बजाकर सराहा। कडी को आगे बढाते हुए पडरौना के युवा कवि सुजीत पाण्डेय ने श्रोताओं को अपनी उपस्थिति का एहसास कराते हुए .

जिन्दा हो जिन्दादिल किरदार से जीना..ये चार दिन की जिन्दगी है प्यार से जीना..। 

मनभावन पंक्ति प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लूटी वरिष्ट कवि एवं नेहरू इंटरमीडिएट कॉलेज मनसाछापर के पूर्व प्रधानाचार्य मदन मोहन पांडेय ने पढ़ा,जब से तू मेरी हो ली है हर रोज हमारी होली है। संतोष संगम ने मधुर गीत प्रस्तुत किया। अवध किशोर अवधू ने शानदार हास्य व्यंग की रचना पढ़ी। अश्वनी द्विवेदी ने अपनी कविता प्रस्तुत करते हुए पढा,"जिंनगी के सईहारे के सीख, कबो ना हिम्मत हारे के सीख।" 


डाक्टर दिव्या शुक्ला ने अपनी रचना कुछ इस प्रकार प्रस्तुत की, " हर दिन ही महिला दिवस है, महिला बिन सब कुछ विकट है।" परंपरागत होली गीतों की प्रस्तुति भोजपुरी के मशहूर कवि मधुसूदन पांडे एवं मंटू पाठक के साथ पूजा लकी पाण्डेय ने की। इस अवसर पर बलराम राय, रेणुका चौहान रुबी गुप्ता अशोक शर्मा, उगम चौधरी मगन, बेचू बीए, नूरुद्दीन नूर, डॉक्टर अक्स वारसी, शंभू सजल, कृष्णा श्रीवास्तव मोहन पांडेय भ्रमर, सार्जेंट अभिमन्यु पांडे, जितेंद्र पांडे जोहर, हरेंद्र पांडे, नंदलाल सिंह कांतिपति, सत्य प्रकाश शुक्ल "बाबा", सुजीत कुमार पांडे जय कृष्ण शुक्ल, आर के भट्ट बावरा, गोमल यादव, अनुराग मिश्र, दीपक मिश्र, असलम निजामी, अरशद सफीर, आदि ने अपनी कविताएं प्रस्तुत की।गोष्ठी की अध्यक्षता यूएनपीजी कॉलेज पडरौना के पूर्व आचार्य एवं पूर्व विभागाध्यक्ष हिंदी डॉक्टर प्रेमचंद सिंह ने की ,जबकि बतौर मुख्य अतिथि जनपद कुशीनगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुरेश पटारिया रहे। विशिष्ट अतिथि अजय प्रताप नारायण अध्यक्ष अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति उत्तर प्रदेश, डॉ आर के गुप्ता वरिष्ठ रेडियोलॉजिस्ट रहे। इस अवसर पर पत्रकार संजय चाणक्य, मोहम्मद नईम , राज सिंह, अब्दुल मजीद , पवन मिश्रा,आफताब आलम, आदित्य दीक्षित, मोहम्मद असलम, आदित्य प्रकाश श्रीवास्तव, खुर्शीद आलम, अनुराग श्रीवास्तव, मधु सिंह संजना, सहित बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित रहे। आगंतुक अतिथियों का डॉ अजय शुक्ला ने आभार व्यक्त किया।

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