आजम खान और अब्दुल्ला आजम दो अदालत ने सुनाई दो-दो साल की सजा - Yugandhar Times

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Tuesday, February 14, 2023

आजम खान और अब्दुल्ला आजम दो अदालत ने सुनाई दो-दो साल की सजा

🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो 

मुरादाबाद ।समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। पन्द्रह  साल पुराने एक मामले में मुरादाबाद की एमपी-एमएलए कोर्ट ने सोमवार को दोषी करार देते हुए आजम खान और उनके बेटे को दो-दो साल की सजा सुनाई है। इस सजा के बाद स्वार से विधायक अब्दुल्ला आजम की सदस्यता जाना तय हो गया है। कहना ना होगा कि इससे पहले रामपुर सदर विधानसभा से आजम खान की विधायकी चली गई है। हेट स्पीच के मामले में सपा नेता को कोर्ट ने दोषी मानते हुए तीन साल की सजा सुनाई थी। वहीं, इसी मामले में कोर्ट ने सपा के दो विधायकों समेत 7 लोगों को बरी कर दिया है. अदालत ने अमेरोहा से सपा विधायक महबूब अली, पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी (अब कांग्रेस में), बिजनौर से सपा नेता नईम उल हसन, डीपी यादव, राजेश यादव और राकुमार प्रजापति को बरी कर दिया है। कोर्ट ने आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला की जमानत अर्जी मंजूर कर ली साथ ही सजा पर अपील दाखिल करने के लिए एक महीने का समय दिया है।

🔴 क्या है पूरा मामला 

यह मामला 15 साल पुराना है। जनवरी 2008 का है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आजम खान और दूसरे सपा नेता एक वैवाहिक समारोह में शामिल होने जा रहे थे। इस दौरान छजलैट पुलिस ने आजम खान की कार को चेकिंग के लिए रोका था. इस बात को लेकर आजम खान के समर्थक भड़क गए थे. इसके बाद समाजवादी पार्टी  के कार्यकर्ताओं ने काफी हंगामा किया और आजम खान गाडी चेक करने के विरोध में थाने के सामने धरने पर बैठ गये। इस मामले में पुलिस ने 9 लोगों को आरोपी बनाया था. पुलिस ने हंगामा करने वाले सभी लोगों पर सरकारी काम में बाधा डालने और भीड़ को उकसाने के आरोप में केस दर्ज किया था. कोर्ट ने आजम खान और अब्दुल्ला आजम को बवाल और सरकारी काम में बाधा डालने का दोषी माना है. वहीं इस मामले के दूसरे सात आरोपियों को बरी कर दिया गया है। आजतक के जगत गौतम की रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें विधायक और पूर्व मंत्री महबूब अली, विधायक मनोज पारस भी शामिल हैं। 

🔴अब्दुल्ला आजम की जा सकती है विधायकी 

बता दें कि अब्दुल्ला आजम खान स्वार सीट से विधायक हैं। इस 2 साल की सजा के बाद उनकी विधायकी जा सकती है. जैसा कि 2019 के हेट स्पीच केस में पिछले साल ही 3 साल की सजा के बाद रामपुर सीट से आजम खान की विधायकी चली गई थी. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि 2 साल की सजा मिलने पर किसी भी जनप्रतिनिधि की सदस्यता अपने आप खत्म मानी जाएगी।

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