🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर । जनपद के नेबुआ नौरंगिया थाने में वर्ष 2021 में संगीन धाराओं में दर्ज कराए गए एक मामले में पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक को दिए गए साक्ष्यों के आधार पर दर्ज किये गये मुकदमे को फर्जी बताते हुए न्याय की गुहार लगाई है । खास बात यह है कि मामले में तत्कालीन थानाध्यक्ष को कठघरे में खड़ा करते हुए पीड़ित ने एफआईआर दर्ज करने के दौरान फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किए जाने की बात कही है ।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2021 में जिले के नेबुआ नौरंगिया थाने पर मु.अ.संख्या 285/2021 के तहत धारा 376 डी व 5/6 पाक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया था । मामले में रामकोला क्षेत्र के सिंगहा निवासी सामाजिक कार्यकर्ता आशीष मणि त्रिपाठी पुत्र स्व . मंगल तिवारी और कुछ अन्य को नामजद किया गया था । सूचना के मुताबिक मामले में पुलिस की भूमिका शुरु से ही संदिग्ध रही और उस पर दुर्भावनापूर्ण से काम करने का आरोप भी लगा था । बाद में पीड़ित ने दर्ज मामले में अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए उच्च न्यायालय की शरण ली , जहां से उन्हें गिरफ्तारी पर रोक लगाने का आदेश प्राप्त हो सका । पीड़ित आशीष मणि ने पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल से मिलकर अपना प्रार्थना पत्र दिया और न्याय की गुहार के साथ ही अपने उपर द्वेषपूर्ण के साथ मुकदमा दर्ज करने वालों पर फर्जी साक्ष्य लगाने के जुर्म में मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही करने की गुहार लगायी है। एसपी को दिए पत्र के साथ ही उन्होंने अपने उपर पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराने वाली युवती के बालिग होने का प्रमाण भी लगाया है । साथ ही बताया कि तत्कालीन थानाध्यक्ष पवन सिंह और उनके सहयोगियों ने दुर्भावनावश फर्जी मार्कशीट के आधार पर अपने निकट के लोगों के साथ मिलकर उन्हें इस षडयंत्र में फसाने का कुचक्र रचा था ।
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