🔴 संजय चाणक्य
कुशीनगर। थानेदार अंकल ! पापा रोज शराब पीकर घर आते है। प्लीज इनका शराब छुडवा दीजिए अंकल । आठ वर्षीय मासूम की आवाज जैसे ही थानाध्यक्ष के कानो मे पडी वह विचलित हो उठे। वह मासूम को अपने पास बुलाये और उसके सिर पर हाथ फेरते हुए उसकी पूरी बात सूने। मासूम की गुहार ने थानाध्यक्ष को अन्दर से इतना झकझोर दिया कि वह फौरन उस बच्चे के पिता को न सिर्फ थाने मे तलब होने का निर्देश दिया बल्कि उस मासूम की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उसके पढाई का सारा खर्च उठाने की जिम्मेदारी अपने कंधो पर ले लिया। इतना ही नही उन्होंने बच्चे की पठन-पाठन की सारी सामग्री खरीदकर दिया।
काविलेगौर हो कि मंगलवार को दोपहर तकरीबन दो बजे कसया थाना परिसर में पहुंचा आठ वर्षीय मासूम थानेदार डॉ.आशुतोष तिवारी के सामने अपने पिता पर आरोपो की झड़ी लगा दी। मासूम ने थानेदार से कहा कि थानेदार अंकल ! पापा रोज शराब पीकर घर आते है। आप प्लीज! शराब की दुकान बंद कर दीजिए। ताकि पापा शराब पीना छोड दे। थाना प्रभारी ने मासूम के सिर पर हाथ फेरते हुए पूछा, क्या बात है बेटा। मासूम फिर आगे कहता है पापा के शराब पीने की वजह से पूरा परिवार परेशान है। मासूम यही नही रुका, उसने आगे कहा अंकल ! यह सिर्फ मेरी समस्या नही है मेरे जैसे लाखो बच्चे इस समस्या से जूझ रहे है और उनके घर शराब को लेकर कलह मच रहा है। इसलिए मैं परेशान होकर आपके के पास पापा की शिकायत करने के लिए आया हूँ। मासूम की बाते सुन थानेदार भावुक हो गए, उन्होंने तत्काल मासूम के पिता को थाने बुलाया और समझाते हुए शराब न पीने की शपथ दिलवायी।
🔴थानेदार ने मासूम को लिया गोद
थानाध्यक्ष कसया डॉ. आशुतोष कुमार तिवारी को आठ वर्षीय मासूम की पीडा ने इस कदर झकझोर दिया कि वह भावुक हो उठे। उसकी बातो को गंभीरता से सुनने के बाद उन्होंने तत्काल न सिर्फ पिता को थाने पर बुलाकर समझा-बुझाया और शराब न पीने की शपथ दिलाई बल्कि उस मासूम की पढाई का सारा खर्च भी अपने कंधो पर उठाने की जिम्मेदारी ले ली। उन्होंने मासूम का हौसलाअफजाई करते हुए मन लगाकर पढने की नसीहत दी, और फिर मासूम के पिता से कहा कि तुम्हारा बेटा बहुत होनहार है इसे मै गोद ले रहा है इसके पढाई में कभी किसी चीज की कमी नही आयेगी। थानाध्यक्ष डाॅ. तिवारी ने कहा कि प्रतिभाशाली बच्चों के प्रति समाज का यह दायित्व है कि उन्हे आगे बढने मे सहयोग करे गरीबी व आर्थिक तंगी प्रतिभावान बच्चों के आगे बढने मे रकावट न बने। इसके बाद थानेदार ने उस मासूम के पढाई से संबंधित सामग्री खरीदवाकर मंगवाया और उस मासूम को देते हुए एक फिर मन लगाकर पढने की बात दोहराई और पिता-पुत्र को घर भेजवाया। थाना प्रभारी डाॅ. आशुतोष तिवारी के संवेदनशीलता और उनके इस कृत्य का क्षेत्र मे चहुंओर सराहना की जा रही है
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