गुजरात विधानसभा चुनाव में भारती जनता पार्टी की ‘ऐतिहासिक’ जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विश्वसनीयता और उनके नेतृत्व में लोगों के विश्वास को दिया। ‘‘इस जीत का सबसे बड़ा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनता का भरोसा, उनकी लोकप्रियता और साख को जाता है। पार्टी गुजरात में किसी भी विधानसभा चुनाव की तुलना में सबसे अधिक सीट जीतकर लगातार सातवीं बार सत्ता में आने कीर्तिमान स्थापित किया है। गुजरात में जीत के साथ ही भाजपा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के बाद एकमात्र ऐसी पार्टी बन जाएगी, जिसने लगातार सात बार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की है। 1977 से 2011 तक 34 साल तक पश्चिम बंगाल पर शासन करने वाली माकपा ने भी लगातार सात चुनाव जीते थे।
बीजेपी ने 182 विधानसभा सीटों में से 156 सीटें हासिल की हैं जिसके बाद जीत के सभी रिकॉर्ड टूट गए हैं। गुजरात में इतना बड़ा जनादेश आज तक किसी पार्टी को नहीं मिला है। इस बार गुजरात विधानसभा चुनाव में कोई भी विपक्षी पार्टी बीजेपी को दूर-दूर तक टक्कर देती नहीं दिखी। जहां 2017 के चुनाव में भाजपा को टक्कर देने वाली कांग्रेस 17 सीटों पर ही सिमट कर रह गई वही लिखित रूप से जीत का दावा करने वाले अरविंद केजरीवाल की पार्टी 5 सीटें ही निकाल पाई।
बेशक ! पीएम मोदी के रणनीति के दम पर भाजपा ने गुजरात की सत्ता को अपने हाथों में बरकरार रखा है। लेकिन कांग्रेस का जो हश्र इस चुनाव में हुआ है उससे हर कोई हैरान है क्योंकि कांग्रेस ने उम्मीद से भी अधिक खराब प्रर्दशन किया है। लंबे समय से ऐसा कहा जा रहा है कि कांग्रेस अपने पतन की ओर अग्रसर है लेकिन अब गुजरात के नतीजों ने इस धारणा को और मजबूती दी है। कांग्रेस का हाल ऐसा है कि गुजरात के नतीजों ने हिमाचल प्रदेश के चुनाव को जीतने के जश्न को भी फीका कर दिया है। नतीजें देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जैसे कांग्रेस ने गुजरात में जीतने की कोशिश तक नहीं की। राहुल गांधी भारत जोड़ों यात्रा में व्यस्त रहे, हालांकि वो गुजरात तो आए लेकिन चुनाव को लेकर न तो उनमे कोई जोश दिखा और न ही उनके कार्यकर्ताओं में कोई उत्साह।
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