🔴 ड्यूटी ज्वाइन करने के नाम पर 70 हजार रुपये की डिमांड
🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर। जिले के स्वास्थ्य विभाग के विभाग-ए- हुक्मरान डाक्टर सुरेश पटारिया अपनी कारस्तानी को लेकर एक बार फिर चर्चा मे है। चर्चा का सबब यह है कि ड्यूटी ज्वाइन कराने के नाम पर सीएमओ ने एक महिला चिकित्सक से 70 हजार रुपये घूस मांगा है। यह आरोप महिला चिकित्सक डॉ. श्वेता दूबे ने लगाया है जो फाजिलनगर सीएचसी पर तैनात है।कहना न होगा कि इसके पहले भी सीएमओ पर पैसा लेकर स्थान्तरण करने, सामानों की खरीद में अनियमितता बरतने और अब ड्यूडी ज्वाइन कराने के नाम पर घूस मांगने का आरोप ने सरकार की भ्रष्टाचार संबंधित जीरो टरलेन्स के दावों को तारतार कर रहा है। बीजेपी विधायक ने सीएमओ के भ्रष्टाचार के खिलाफ न सिर्फ शिकायत की है बल्कि इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाया था जिसकी जांच अभी चल ही रहा है कि उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने फिर सीएमओ पर लगे नए अरोपो की जाँच करने का आदेश दे दिया है।
काबिलेगौर है कि कुशीनगर जिले के फाजिलनगर सीएचसी पर तैनात सविंदा महिला डॉक्टर श्वेता दुबे का आरोप है कि वह छुट्टी के बाद जब ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए पहुंची तो सीएमओ डॉ. सुरेश पटारिया द्वारा ड्यूटी जॉइन कराने के नाम पर 70हज़ार रुपये घुस मांगा गया। महिला डॉक्टर ने बताया कि उनकी तबियत खराब थी जिसके कारण वह तीन महीने ड्यूटी नही कर सकी। स्वस्थ्य होने के उपरांत जब वह ड्यूटी ज्वाइन करने के लिये सीएमओ से मिली तो सीएमओ ने एक शपथ पत्र देने की बात कही और फाजिलनगर के प्रभारी चिकित्साअधिकारी को फोन कर ड्यूटी ज्वाइन कराने को कहा। इसके एवज में 70 हजार रुपयों की डिमांड की हालांकि महिला डॉक्टर ने सेलरी कम होने का हवाला देकर 70 हजार रुपये देने से इंकार कर दिया। महिला डॉक्टर श्वेता दूबे द्वारा लगाए गए आरोप पर सीएमओ डॉ. सुरेश पटारिया ने इसे सिरे से नकारते हुए निराधार आरोप करार दिया । सीएमओ ने कहा कि सविंदा डॉक्टर बिना छुट्टी लिए और बिना जानकारी दिए अपनी ड्यूटी से अनुपस्थिति रही है जो संविदा भर्ती नियम का उलंघन है। मेरे ऊपर महिला डॉक्टर द्वारा लगाए आरोप निराधार हैं। इधर नौ दिन ड्यूटी कराने के बाद महिला सविंदा चिकित्सक श्वेता दूबे को सीएचसी पर ड्यूटी करने रोक दिया गया है। बताया जाता है कि महिला चिकित्सक को फाजिलनगर सीएचसी प्रभारी ने सीएमओ से पुनः मिल कर ड्यूटी ज्वाइन करने की बात कही है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर सविंदा चिकित्सक तीन महीने तक बिना बताये ड्यूटी से गायब थी तो उन्हें नोटिस क्यो नही जारी किया गया?
🔴 जानकार बोलेजानकार बताते है कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी या सविंदा कर्मचारी 24 घण्टे तक अपने ड्यूटी पर नही पहुंचता है तो उसे नोटिस जारी कर उसका स्पष्टीकरण मांगा जाता है। फिर सीएमओ व सुरेश पटारिया ने तीन महीने से अनुपस्थित रही महिला सविंदा चिकित्सक से उनकी अनुपस्थिति होने पर नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण क्यो नही मांगा? यही वजह है कि इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने प्रमुख सचिव स्वास्थ को सीएमओ के खिलाफ लगे आरोपो की जांच कर कार्यवाही के निर्देश दिया है।
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