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Saturday, November 19, 2022

शोध के लिए वैज्ञानिक आनंद को किया गया अमेरिका मे सम्मानित

🔴नैनोपिच कॉम्पिटिशन मे अमेरिकी वैज्ञानिकों को कडी टक्कर देने के बाद बने विजेता

🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो 

कुशीनगर।  जनपद के फाजिलनगर विकास खण्ड क्षेत्र के महुअवा देवरिया निवासी आनंद कुमार गुप्ता ने अमेरिका में अपनी प्रतिभा का  लोहा मनवाकर विश्व पटल पर देश का नाम रोशन किया है। आनंद को नैनोटेक्नोलॉजी में विश्व की सबसे बड़ी एवं प्रतिष्ठित संस्था सस्टेनेबल नैनोटेक्नोलॉजी ऑर्गनाइजेशन ने उनके द्वारा किये गए शोध एवं अनुसंधान कार्य के लिए अमेरिका मे सम्मानित किया है। 

कुशीनगर के एक छोटे से गांव महुआवा के आनंद कुमार गुप्ता पुत्र प्रेम प्रकाश गुप्ता भारतीय मिट्टी और जल संरक्षण अनुसंधान संस्थान, देहरादून, उत्तराखंड में वैज्ञानिक है एवं वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय प्रतिनियुक्ति पर अमेरिका में नैनोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में शोध कार्य कर रहे है। सस्टेनेबल नैनोटेक्नोलॉजी ऑर्गनाइजेशन ने श्री गुप्ता को उनके द्वारा किए गए अनुसंधान के लिए नैनोपिच कॉम्पिटिशन में विजेता के रूप मे पुरस्कृत किया गया। इस प्रतियोगिता में उन्होंने अमेरिकी वैज्ञानिकों को कड़ी टक्कर दी। आनंद को अमेरिका के वाशिंग्टन मे आयोजित कार्यक्रम मे पुरस्कार के रूप में एक लाख रुपये व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया है। पर्यावरण विज्ञान मे परास्नातक एवं एमफिल के गोल्ड मेडलिस्ट हैं आनंद भारत सरकार से डीएसटी इंस्पायर जेआरएफ की फेलोशिप कर चुके है।वह वर्ष 2014 में वैज्ञानिक के पद पर कृषि मंत्रालय द्वारा चयनित हुए थे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आनंद की बीस से ज्यादा शोध पत्र व दो किताबें भी प्रकाशित हो चुकी है। हाल ही में झारखंड राज्यपाल ने उनि युवा वैज्ञानिक के पुरस्कार से नवाजा है। आज वह देश में ही नहीं  बल्कि अमेरिका में भी अपने अनुसंधान से अपने देश और गांव का नाम रोशन कर रहे हैं।  उन्होंने भारत के लिए पराली की समस्या को नैनो टेक्नोलॉजी के माध्यम से दूर करने के लिए सफल अनुसंधान किया है। वह आगे के शोध करने के लिए अमेरिका गये है। शोध कार्य पूर्ण करके जल्द ही वतन वापस लौटेंगे। वह भारत के लिए काम करना चाहते है।  और देश को नैनो टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अग्रनी बनाना चाहते है। 

एक पर्यावरण वैज्ञानिक के तौर पर आनंद ने कहा कि हम जंगलों को नष्ट कर रहे हैं और अपने खेतों का गलत ढंग से इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे प्राकृतिक संसाधनों (पानी, खनिज, वन, रेत, पत्थर आदि) की कमी, पर्यावरण क्षरण, सार्वजनिक स्वास्थ्य, जैव विविधता के नुकसान भूमि प्रदूषण, गरीबों के लिए आजीविका सुरक्षा प्रमुख चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।  उन्होंने कहा जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने के लिये भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिक निरंतर प्रयाश्रत है। आनंद की इस सफलता के लिए डॉ. उदय नारायण गुप्ता, पूर्व ब्लाक प्रमुख, सेवरही, श्री राजू राय, चेयरमैन गन्ना समिति, श्री संजय गुप्ता, पूर्व ब्लाक प्रमुख, तमकुहीराज, श्री सुरेन्द्र राय, चेयरमैन गन्ना विकास परिषद् सेवरही, श्री ओम प्रकाश गुप्ता, सहायक निदेशक, डॉ आलोक कुमार गुप्ता, वैज्ञानिक एवं श्री प्रमोद कुमार प्रधान प्रबंधक गन्ना चीनी मिल, सेवरही ने श्री आनंद को बधाई दी ।

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