🔴फर्जीवाड़ा कर नौकरी हासिल करने वाले कानूनगो का मामला 🔵 30 नवम्बर को सेवानिवृत्त हो रहे है कानूनगो, अब तक न तो जांच पूरी हुई और न ही मिला आरटीआई का जबाव
🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर । फर्जी तरीके से सरकारी नौकरी हथियाकर लेखपाल से कानूनगो बने मदन मिश्रा को तहसील प्रशासन बचाने मे जुटा है। सबब यह है कि 30 नवम्बर को मदन मिश्रा सेवानिवृत्त हो रहे है लेकिन बारह दिन पूर्व मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर की गयी शिकायत की अब तक जांच पूरी नही हो सकी है। विभागीय सूत्रो दावा है कि मदन मिश्रा को बचाने के लिए तहसील प्रशासन जांच को लीपापोती करने करने मे जुटा है जिसकी अंदेशा युगान्धर टाइम्स पहले ही व्यक्त कर चुका है।
काबिलेगौर है कि मदन मिश्रा द्वारा फर्जीवाड़ा कर सरकारी नौकरी हथियाने का मामला मीडिया द्वारा विगत एक पखवाड़े से लगातार उठायी जा रही है। विभागीय जानकार बताते है कि मदन मिश्रा नियुक्ति प्रक्रिया की कोई भी औपचारिकताएं पूरी नही किये है। मतलब यह कि मदन मिश्रा जब लेखपाल बने थे उस समय न तो उन्होंने कोई आवेदन किया था, न ही लिखित व मौखिक कोई परीक्षा दिये थे, न ही मेरिट लिस्ट मे आये और न ही चयन समिति द्वारा चयनित हुए। सीधे नियुक्ति पत्र हथियाकर मिर्जापुर मे ज्वाइन कर लिया। विभागीय सूत्रो का दावा है कि मदन मिश्रा का नियुक्ति पत्र जांच हो जाये तो दुध का दुध और पानी का पानी साफ हो जाएगा। सूत्र बताते है कि मदन मिश्रा का नियुक्ति पत्र व अन्य प्रमाण पत्र पुरी तरह संदेह के घेरे मे है जिसकी निष्पक्ष जांच जनहित मे जरूरी है।
कहना ना होगा कि 29 अक्टूबर को पत्रकार विष्णु श्रीवास्तव ने शिकायत संख्या - 40018922021945 जरिए मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर फर्जी नियुक्ति पत्र के जरिए फर्जीवाड़ा कर लेखपाल से कानूनगो बने मदन मिश्रा के खिलाफ शिकायत की है। यह जानकारी जब मदन मिश्रा को हुआ तो वह अपनी नौकरी बचाने व रिटायर्मेंट के बाद पेंशन सहित अन्य लाभ पाने की गरज से एक रसूखदार लेखपाल के माध्यम मे जांच अधिकारी को धन लक्ष्मी का चढावा चढाने के लिए परिक्रमा शुरू कर दिया। इसके बाद से मदन मिश्रा के फर्जीवाड़े की जांच को लीपापोती करने की कवायद तहसील प्रशासन द्वारा शुरू हो गयी। मजे कि बात यह है कि शिकायतकर्ता विष्णु श्रीवास्तव ने 21 अक्टूबर को पडरौना तहसील मे मदन मिश्रा के खिलाफ शिकायत के साथ जन सूचना अधिकार कानून के तहत आठ विन्दुओं पर सूचना भी मागी है लेकिन अब सूचना उपलब्ध नही कराया गया है। सूत्र बताते है कि तहसील मे कार्यरत मालबाबू इस सूचना को फाइल मे दबाकर रखे है और इसके लिए मदन मिश्रा से मोटी रकम वसूल किये है। यही वजह है कि इस जनसूचना की जानकारी तहसीलदार व जनसूचना अधिकारी को भी नही है। सूत्रों की मानें तो मालबाबू द्वारा जनसूचना दबाकर रखने के पीछे सबब यह है कि मदन मिश्रा 30 नवम्बर को सेवानिवृत्त हो जायेगे उसके बाद सूचना मागने वाले व्यक्ति को भ्रामक सूचना देकर मामले को रफा-दफा कर दिया जायेगा। कहना मुनासिब होगा कि तहसील प्रशासन भी इसी मंशा से कछुए की गति से जांचकर मदन मिश्रा को सेवानिवृत्त का लाभ पहुंचाना चाह रहा है। यहां बताना जरूरी है कि फर्जीवाड़ा कर नौकरी हासिल करने वाले मदन मिश्रा के खिलाफ शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री, राजस्व परिषद, प्रमुख सचिव, मण्डलायुक्त और जिलाधिकारी कुशीनगर को भी शिकायत की है।
🔴 तहसीलदार बोले
इस संबंध मे तहसीलदार पडरौना का कहना है कि नायब तहसीलदार जांच कर रहे है जल्द ही जांच पूरी हो जायेगी। जांच मे दोषी पाये जाने पर कार्रवाई निश्चित होगी।
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