🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर। वियतनाम द्वारा भारत आने वाले अपने नागरिकों की वापसी पर दस दिन के क्वारंटाइन की अनिवार्यता समाप्त करने के बाद लगातार वियतनामी सैलानियों का दल कुशीनगर आ रहा है। शुक्रवार की सुबह 360 वियतनामी सैलानियों का एक दल बुद्धनगरी पहुंचा जहां महापरिनिर्वाण मंदिर व रामाभार स्तूप की विशेष पूजा कर विश्व शांति की कामना की।कहना न होगा कि थाईलैंड व कोरिया ने भी क्वारंटाइन की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। चीन व जापान भी कोविड नियमों में ढील दे रहे हैं। इससे बौद्ध सर्किट के पर्यटन कारोबार पटरी पर आने की उम्मीद जगी है।
काबिलेगौर है कि 27 सितंबर से शुरू हुई पर्यटन सत्र में आने वाले वियतनामी सैलानियों का यह सबसे बड़ा दल है। इसके पूर्व आठ अगस्त को 75, दो सितंबर को 109 और 18 सितंबर को 143 वियतनामी सैलानियों का दल कुशीनगर आया था। इस बार आया वियतनामी दल यहां विशेष पूजा के बाद नालंदा व राजगीर के लिए रवाना हो गया। बौद्ध भिक्षु भंते अशोक ने महापरिनिर्वाण मंदिर में विशेष पूजा कराई। सैलानियों ने बुद्ध की शयन मुद्रा वाली प्रतिमा पर चीवर चढ़ाया। इसके बाद महापरिनिर्वाण स्तूपा में संरक्षित बुद्ध की अस्थियों की परिक्रमा की।
🔴वाराणसी-गोरखपुर सड़क मार्ग की सराहनावियतनामी दल की प्रमुख मिस क्वान्ह हुआंग ने वाराणसी-गोरखपुर सड़क मार्ग की सराहना की। बताया कि सड़क मार्ग की खराबी से बहुत दिक्कत होती थी और समय भी ज्यादा लगता था। सड़क बन जाने से अच्छा महसूस हुआ है। दरअसल, सैलानी वाराणसी से सड़क मार्ग से लुंबिनी(नेपाल) गए और वहां से कुशीनगर आए हैं।
🔴 चार्टड विमान से आया था दल
वियतनामी सैलानियों के दो चार्टड एयरबस-320 ने वाराणसी एयरपोर्ट पर बुधवार की सुबह लैंडिंग की थी। बौद्ध सर्किट के प्रमुख स्थलों को देखने के बाद यह दल रविवार सुबह बोधगया में दर्शन पूजन करेगा। उसके बाद पुनः बोधगया एयरपोर्ट से चार्टड फ्लाइट से वियतनाम के लिए रवाना हो जाएगा।
🔴 अगस्त से ही क्वारंटाइन समाप्त
नई दिल्ली के नाइस इंडिया ट्रैवेल के निदेशक आशुतोष ने बताया कि वियतनाम ने अगस्त में ही क्वारंटाइन की अनिवार्यता समाप्त कर दी थी। यही कारण है कि मार्च तक चलने वाले बौद्ध सर्किट के पर्यटन सीजन के दौरान वियतनामी सैलानियों के अनेक छोटे बड़े दल का आगमन हो चुका है। बौद्ध भिक्षु भंते अशोक ने बताया कि धीरे धीरे सभी बौद्ध देश कोविड नियमों को शिथिल कर रहे हैं। थाईलैंड व कोरिया ने भी क्वारंटाइन की बाध्यता समाप्त कर दी है। यही कारण है कि सितंबर से थाईलैंड के बौद्ध भिक्षुओं व पर्यटकों के कई दल कुशीनगर आ रहे हैं।
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