🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर। आस्था का महापर्व छठ्ठ को लेकर जिले मे तैयारियां जोरों पर चल रही है। श्रद्धालु घाटों पर अपने अपने छठ वेदी की सफाई व उसकी रंगाई पुताई को अंतिम रूप देने मे जुटे है। छठ घाट पर चाक चौबंद व्यवस्था को लेकर जिला प्रसासन और स्थानीय छठ्ठ पूजा समितियां सक्रिय है।
लोक आस्था का महापर्व छठ की शुरुआत शुक्रवार को नहाया खाया से होगी, जिसकी तैयारियां कुशीनगर जिले के सभी छठ घाटों और नदियों के किनारे देखी जा रही हैं। चार दिवसीय इस महा अनुष्ठान को लेकर विभिन्न पूजा समितियों और जिला प्रशासन मिलकर तैयारियों को अंतिम रूप दे रही। नगर पंचायत कप्तानगंज के मां अंबे छठ सेवा समिति द्वारा मां छठ और सूर्य देव की प्रतिमा बनवाई गई है जो आकर्षण का केंद्र बनी रहेगी। समिति के लोगों ने बताया 16 साल से हम छठ पूजा में मा छठ की मूर्ति रखते हैं। इस बार जो छठ प्रतिमा रखी जा रही है वह काफी भव्य और आकर्षण पूर्ण है। मां छठ की इस प्रतिमा को बनाने के लिए बंगाल से आए कारीगर एक महीने से लगातार काम कर रहे हैं और अब यह बन कर पूर्ण हो चुकी है जिनके आंख पट रविवार को खोले जाएंगे जिसके बाद श्रद्धालु इस के दर्शन कर सकते हैं । श्रद्धालुओं के सुरक्षा और सुविधा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। छठ पर्व को लेकर बाजारों में भी रौनक बढ़ गई है लोग सूप डाल टोकरी फल आदि लेने के लिए अब घरों से निकल रहे हैं ।
शुक्रवार को नहाए खाए के साथ छठ का पर्व शुभारंभ किया जाएगा। शनिवार की संध्या को प्रसाद ग्रहण किया जाएगा । खरना की प्रसाद ग्रहण करने के पश्चात छठ व्रती महिलाए 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू करेगी। रविवार की संध्या डूबते सूर्य को छठ पर्व का पहला अर्घ दिया जाएगा जबकि सोमवार की सुबह उगते हुए सूर्य को छठ व्रतियो द्वारा अर्घ देकर उपवास संपन्न किया जायेगा। इस कठिन तपस्या के दौरान मां छठ से महिलाएं अपने पुत्रो की सलामती, सुखमय जीवन और स्वास्थ्य की कामना करती है। जिनके मन्नते पूरी हो जाती हैं वे मनौती के अनुसार छठ्ठ के दिन कुम्हारों के घर से लाए कोसी (घड़े पर दीपक लगी) से छठ माता की आराधना करते हुए कोसी की भराई का रस्म पूरा करती हैं।
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