🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर। अपने घर और जमीन पर कब्जा पाने के लिए लगातार अधिकारियों के चौखट पर माथा टेकने के बावजूद न्याय न मिलने के वजह से एक महिला राष्ट्रपति से अपने परिवार सहित इच्छा मृत्यु की गुहार लगायी है। मामला कुशीनगर जनपद के नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र का है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को रजिस्टट्रर्ड डाक के जरिए से इच्छामृत्यु की मांग गुहार लगाने वाली पीड़ित महिला ने अपने प्रार्थना पत्र मे कहा है कि उनके पति गांगा प्रसाद की मौत वर्ष 1987 में हो गई थी। पति की मृत्यु के बाद वह बेसहारा हो गई। महिला का आरोप है उनके मकान मे किराये पर कमरा लेकर रहने वाला झोलाछाप डॉक्टर रामअधार ने उसे अपने प्रेम के जाल में फंसाया और उसके साथ कई बार शारीरिक संबंध भी बनाया. इससे उसे एक बेटी हुई। पीडिता ने यह भी आरोप लगाया है कि इसी बीच आरोपी झोलाछाप डाक्टर रामअधार ने सादे स्टांप पेपर पर उससे हस्ताक्षर करवा कर जमीन और मकान अपने नाम करवा लिया। इसकी जानकारी तब हुई जब पीड़ित महिला ने मकान में अन्य एक दुकानदार से तीन साल पहले किराया मांगा। इस पर किरायेदारों ने बताया कि यह मकान तो रामअधार ने आपसे खरीद लिया है। इस हम लोग किराया आपको क्यों दे। यह सुन महिला के पैर तले जमीन खिसक गया। वह न्याय के लिए प्रशासनिक अधिकारियों से लगायत पुलिस अधिकारियों के चौखट पर माथा टेकती रही किन्तु अफसोस उसे कही न्याय नही मिला। थकहार कर महिला ने राष्ट्रपति से परिवार सहित इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है। अब सवाल यह उठता है कि सिस्टम की संवेदनहीनता के आगे क्या न्याय पाने के लिए इच्छामृत्यु की गुहार लगानी पडेगी?
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