🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर । जिले के कप्तानगंज थाना क्षेत्र के सेमरा गांव स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में हुई चोरी की तफ्तीश करने पहुंचे दरोगा अतुल कुमार ने बच्चो को पढते हुए देख वह अपने अन्दर के अध्यापक को रोक नही पाये और क्लास मे जाकर बतौर शिक्षक की तरह बच्चों को पढाने लगे। बच्चों से सवाल पूछे, उनके सवालों का बडी ही सरलता से जबाव भी दिया और बच्चों को सरल तरीके से गणित का सवाल हल करने तकनीक भी समझा। दरोगा के पाठशाला का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोग इनकी प्रशंसा करते नही थक रहे हैं। मास्टर के रूप में दरोगा को देख बच्चे भी काफी उत्साहित दिखे।
जानकारी के मुताबिक कप्तानगंज क्षेत्र के सेमरा गांव मे स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में सोमवार को चोरी हुई थी जिसमें प्रधानाध्यापक की तहरीर पर कप्तानगंज थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया गया। मंगलवार को मामले की तफ्तीश करने दरोगा अतुल कुमार विद्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने क्लास मे बच्चों को पढते हुए देखा तो दरोगा बनने से पहले शिक्षक का दायित्व निभा चुके अतुल कुमार खुद को रोक नहीं पाए। दरोगा की वर्दी में ही हाथ में चॉक लिए ब्लैक बोर्ड पर बच्चों को गणित के सवालों को हल करने सरल तरीका बताने लगे। लगभग एक घंटे की क्लास लेने बाद जाते समय दरोगा अतुल कुमार बच्चों से दोबारा आकर पढ़ाने का वादा भी किया।
उच्च प्राथमिक विद्यालय के कक्षा 6 में पढ़ने वाली नेहा प्रजापति का कहना है कि दरोगा जी जब आए तब उन्हें देखकर डर लगा। लेकिन जब वह हम लोगो को पढ़ाने लगे तो ऐसा लग रहा था वह दरोगा नहीं बल्कि एक अध्यापक हैं उन्होंने हमें जोड़, घटाना, गुणा, भाग करना सिखाया जो बेहतर रूप से हमने समझ लिया। छात्र सुशांत कुमार ने कहा कि आज तक हम लोग पुलिस वालों को देखकर डरते थे और जैसे ही दरोगा जी स्कूल में आए हमें डर लगने लगा। पर उन्होंने कहा हम से डरो मत हम तुम लोग को पढ़ाने आए हैं । फिर वह गणित के सवालों को समझाये जो बहुत अच्छे से हमें समझ आया। माध्यमिक विद्यालय सेमरा के प्रधानाचार्य जन्मेजय पाण्डेय का कहना है कि दरोगा जी चोरी की तफ्तीश करने आए थे पर बच्चों को पढता देख खुद को नहीं रोक पाए और बच्चों को पढ़ाने से खुद को रोक नही पाये। प्रधानाध्यापक ने कहा कि दरोगा जी ने उन शिक्षकों को संदेश दिया है और जो विद्यालय नहीं आते और अपने दायित्वों का निर्वहन नही करते है।
🔴 शिक्षक से बने दारोगाआजमगढ़ जिले के मध्यम वर्गीय परिवार से विलांग करने वाले उपनिरीक्षक अतुल कुमार का कहना है कि शुरुआत में वह बीटेक की पढ़ाई कर नोएडा मे प्राइवेट कंपनी की आईटी डिपार्टमेंट काम करते थे। वर्ष 2014 की दरोगा भर्ती मे अपनी उस नौकरी को छोड़ दिए । लेकिन भर्ती को लेकर हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में मामला जाने के बाद काफी समय लग गया। आर्थिक स्थिति को देखते हुए हमने एक सीबीएसई बोर्ड के प्राइवेट स्कूल में पढ़ाना शुरू किया। कुछ ही दिनों बाद 69000 की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में अपने जिल में ही शिक्षक के पद पर नियुक्ति हो गयी। जहां पर रहकर हमने बच्चों के बीच काफी समय गुजारा है। गणित विषय से हमारा काफी लगाव है। कोर्ट से दरोगा भर्ती का निस्तारण होने के बाद वर्ष 2019 में ट्रेनिंग में चला गया जनवरी 2022 में कुशीनगर जिले के कप्तानगंज मे मेरी पहली पोस्टिंग हुई।
No comments:
Post a Comment