सुशासन बाबू फिर आरजेडी से मिलकर बनायेगें सरकार - Yugandhar Times

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Wednesday, August 10, 2022

सुशासन बाबू फिर आरजेडी से मिलकर बनायेगें सरकार

🔴 नतीश आठवी बार सीएम और तेजस्वी दुसरी बार डिप्टी सीएम का लेगे शपथ

🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो 

पटना। बिहार में बहार है नीतीशे कुमार है... बहार का तो पता नहीं लेकिन नीतीशे कुमार हैं और सियासी उथल-पुथल के बीच आगे भी नीतीश कुमार के रहने की संभावनाएं अभी हैं। नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी का गठबंधन टूटने का ऐलान हो चुका है। नीतीश कुमार करीब पांच साल बाद फिर से आरजेडी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने जा रहे हैं। 

 काबिलेगौर है कि नीतीश कुमार और लालू यादव, कभी बिहार की सियासत के दो ध्रुव माने जाने वाले इन दोनों नेताओं की पार्टियों का 2015 में भी गठबंधन हुआ था. बिहार विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन ने भारी जीत भी हासिल की थी तब लालू यादव की पार्टी आरजेडी सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी लेकिन वादे के मुताबिक नीतीश कुमार को ही मुख्यमंत्री बनाया गया। 

🔴2017 से आरजेडी से नाता तोडे थे नीतीश

नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड और आरजेडी के बीच बाद में दूरियां उत्पन्न होने लगीं. आरजेडी से जेडीयू की दूरी इतनी बढ़ गई कि साल 2017 में नीतीश कुमार ने महागठबंधन से किनारा कर लिया. नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और फिर से बीजेपी के साथ चले आए। फिर सुशासन बाबू ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई और ये गठबंधन करीब पांच साल तक चला। 

🔴क्यों अलग हुए थे आरजेडी से नीतीश

नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग क्यों हुए, नीतीश ने आरजेडी का हाथ झटक बीजेपी का दामन क्यों थाम लिया. इसे लेकर तमाम बातें सामने आईं. आरजेडी के दामन पर लगे पुराने दाग से नीतीश के असहज होने की बातें सामने आईं तो ये भी कहा गया कि नीतीश कुमार तेजस्वी यादव पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर असहज थे.

🔴तेजस्वी यादव पर लगे थे भ्रष्टाचार के आरोप

नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन की सरकार में मंत्री तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. नीतीश कुमार चाहते थे कि तेजस्वी यादव मंत्री पद से इस्तीफा दे दें लेकिन वे ऐसा करने को तैयार नहीं थे. लालू यादव ने ये साफ कहा था कि तेजस्वी यादव के इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता. खुद तेजस्वी ने भी साफ कह दिया था कि इस्तीफा नहीं दूंगा.

🔴आरजेडी से अलग होकर क्या बोले थे नीतीश

महागठबंधन से अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने कहा था कि काम करने का माहौल नहीं रह गया था इसलिए अंतरात्मा की आवाज पर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया. उन्होंने महागठबंधन से अलग होने का ठीकरा लालू यादव पर फोड़ते हुए कहा था कि हमने कोशिश की और उनसे कई बार ये कहा कि जो आरोप लग रहे हैं, उन्हें लेकर जनता के बीच सफाई दीजिए लेकिन वे नहीं माने। नीतीश कुमार ने तब ये भी कहा था कि कांग्रेस नेताओं से भी बात की और जितना संभव हो सका, महागठबंधन बचाने के लिए उतनी कोशिश भी की लेकिन बिहार के हित में कुछ नहीं हो सका. उन्होंने बेनामी संपत्ति को लेकर कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा था कि लालू यादव और तेजस्वी यादव ये चाहते थे कि मैं उनकी सुरक्षा करूं लेकिन कैसे उनके साथ रहता.

🔴कब तक चलेगी दोस्ती

साल 2017 और 2022 के सियासी समीकरणों में बड़ा अंतर आ चुका है. 2020 के बिहार चुनाव से पहले तेजस्वी यादव ने बिहार की जनता से आरजेडी के 15 साल लंबे शासनकाल के दौरान हुई गलतियों के लिए माफी भी मांग ली थी. पिछले काफी समय से नीतीश को लेकर तेजस्वी का रुख भी नरम रहा है. ऐसे में देखना होगा कि क्या बदले समीकरण में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और लालू यादव की पार्टी आरजेडी की ये दोस्ती क्या लंबी चलेगी?

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