🔴 राज्यपाल के स्वीकृति पर नगर पंचायत अध्यक्ष आभा गुप्ता हुई बर्खास्त
🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर । राज्यपाल की स्वीकृति पर कप्तानगंज नगर पंचायत अध्यक्ष आभा गुप्ता को अध्यक्ष पद से हटाने के बाद डीएम एस राजलिंगम ने एसडीएम कप्तानगंज को नगर पंचायत का प्रशासक नियुक्त कर दिया है। कप्तानगंज की नगर पंचायत अध्यक्ष सीट पिछडी जाति की महिला के लिए आरक्षित थी जिस पर आभा गुप्ता फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर काबिज हुई थी।
काबिलेगौर है कि राज्यपाल के प्रमुख सचिव अमृत अभिज्ञात की ओर से जारी आदेश में आभा गुप्ता को कप्तानगंज चेयरमैन पद के लिए अयोग्य (निरर्ह) घोषित किया गया है। दरअसल आभा गुप्ता के जाति प्रमाण पत्र को लेकर चैलेंज किया गया था। इसके बाद जिला स्तरीय स्क्रूटनी कमेटी ने जांच की तो प्रमाण पत्र फर्जी होने की पुष्टि हुई। इसके बाद जिला जांच कमेटी के खिलाफ आभा गुप्ता ने मंडल स्तरीय कमेटी के समक्ष अपील की। मंडल स्तरीय स्क्रूटनी कमेटी ने भी उनके प्रमाण पत्र को फर्जी करार दिया । इसके बाद आभा गुप्ता ने जिला व मण्डलीय कमेटी के निर्णय को राज्य स्तरीय स्क्रूटनी कमेटी के समक्ष चुनौती दी। किन्तु अफसोस राज्य स्तरीय स्क्रूटनी कमेटी ने उनका प्रमाण पत्र जांच के बाद फर्जी करार दिया। इस रिपोर्ट के आधार पर राज्यपाल की ओर उनके प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने आदेश पारित किया है। जिसमें कहा गया है कि नगर पंचायत अध्यक्ष आभा गुप्ता की पिछडी जाति का प्रमाण-पत्र राज्य स्तरीय स्क्रूटनी कमेटी के आदेश द्वारा निरस्त हो जाने के बाद वह उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम की व्यवस्था के अंतर्गत अध्यक्ष पद के लिए निर्धारित योग्यता से निरर्ह (अयोग्य) हो गयी हैं। इस कारण राज्यपाल उत्तर प्रदेश, आभा गुप्ता अध्यक्ष नगर पंचायत कप्तानगंज को अध्यक्ष पद से हटाये जाने का सहर्ष स्वीकृति प्रदान करती है।
🔴 पूरा मामला
वर्ष 2017 के नगर निकाय के चुनाव में कप्तानगंज नगर पंचायत अध्यक्ष सीट पिछडी जाति की महिला के लिए आरक्षित थी, जिसमें पिछड़ी जाति का प्रमाण पत्र पर आभा गुप्ता चुनाव जीतकर अध्यक्ष बनी थी। चुनाव के दौरान आभा गुप्ता ने खुद को कान्दू जाति बताकर गोरखपुर से जारी जाति प्रमाण पत्र जमा किया था, जबकि आभा गुप्ता सवर्ण जाति की श्रेणी मे आने वाली अग्रहरि बिरादरी से ताल्लुक रखती हैं। फर्जी प्रमाण के आधार पर चुनाव जीतने के बाद आभा गुप्ता तो चेयरमैन की कुर्सी पर काबिज हो गयी लेकिन उनके प्रतिद्वंद्वी रहे नासिर ने उसी समय तमाम साक्ष्यों के साथ इसकी शिकायत कुशीनगर व गोरखपुर के जिलाधिकारी के साथ-साथ चुनाव आयोग से भी की थी। जांच में शिकायत की पुष्टि होने पर जिला स्तरीय जांच कमेटी ने आभा गुप्ता का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया।
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