🔴 हत्यारा पुलिस के पकड से दूर
🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर । रिटायर फौजी रमेश सिंह की 45 वर्षीय पत्नी संगीता सिंह की गला रेतकर हत्या करने वाला हत्यारा बेशक, मृतक महिला का कोई जान-पहचान वाला ही है। क्योंकि घटनास्थल और आसपास की स्थिति - परिस्थिति यह बंया कर रही है कि हत्यारा इस घर का परिचित है और वह किसी बात से खार खाकर इस घटना को अंजाम दिया है। मामला पडरौना कोतवाली के बेलवा चुंगी से महज सौ मीटर दूर स्थित जगदीशपुर कालोनी का है जहां रिटायर फौजी रमेश सिंह की पत्नी की बुधवार को मौत का घाट उतार दिया गया और जानकारी उस दिन देर रात मे हुई। पुलिस ने जब मुहल्ले मे लगीी सीसीटीवी फुटेेज खगांली तो एक संदिग्ध बाइक सवार की तस्वीर नजर आयी है। पुलिस इस संदििग्ध व्यक्ति की जानकारी जुटा रही है।
गौरतलब है कि रमेश सिंह सेना की नौकरी से रिटायर होने के बाद वह अपने घर पडरौना चले आये थे यहाँ कुछ दिनो तक रहने के बाद सोनभद्र जिले के शक्तिनगर मे एक कोयले के निजी कम्पनी मे नौकरी ज्वाइन कर ली थी। इनके तीन संतान है सबसे बडी बेटी है उसके बाद दो बेटे है। बेटी भी बाहर रहती है ऐसा मुहल्लेवासियो का कहना है। बेटी क्या करती है यह मुहल्ले के लोगो को भी पता नही है। बीते साल सेना मे भर्ती कराने के नाम पर लोगो से लाखो रुपये ठगी करने के आरोप मे लखनऊ सीबीआई के पांच सदस्यीय टीम रमेश सिंह की बेटी ज्योति सिंह को पकडने आयी थी उस समय पडरौना नगर सहित मुहल्लेवासियो को भी ज्योति की करतूत की जानकारी हुई थी।बताया जाता है कि घर पर रमेश सिंह की 45 वर्षीय पत्नी संगीता के साथ उनका बडा बेटा प्रतीक रहता था जबकि छोटा बेटा अनिकेत कुछ दिनों से ननिहाल मे है। रमेश सिंह के बाहर वाले कमरे मे दो छात्र किराये पर रहते है, घटना के दिन बुधवार को दोपहर तकरीबन डेढ बजे वह दोनो अपने गांव चले गये थे। सुनी-सुनाई बातो पर गौर करे तो घटना के दिन बुधवार की शाम प्रतीक बाजार गया था और उसकी माँ संगीता घर पर अकेली थी। रात को तकरीबन दस बजे के आस-पास प्रतीक जब घर लौटा तो बाहर का गेट खुला हुआ था घर के अन्दर दाखिल हुआ तो कमरे मे फर्श पर माँ संगीता खून से लतपथ पडी हुई थी। इसके बाद प्रतीक जोर जोर से चिल्लाने लगा। रात मे शोर सुनकर मुहल्ले के आसपास के लोग पहुचे तो उन्हें इस घटना की जनकारी हुई। फिर क्या, कुछ ही देर मे यह खबर पूरे नगर मे फैल गयी और देखते ही देखते रमेश सिंह के दरवाजे पर सैकडो के तादाद मे भीड इक्ट्ठाहो गयी। इसी दरम्यान किसी ने इसकी सूचना कोतवाली को दे दी। सूचना पाकर मयफोर्स घटना स्थल पर पहुचे इंस्पेक्टर जयप्रकाश सिंह ने जांच पड़ताल करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो जिस कमरे मे संगीता का शव पडा हुआ था वह पूरी तरह से व्यवस्थित था, ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वहा रखे किसी सामन के साथ छेड़छाड़ नही किया गया है। इसका मतलब यह हुआ कि हत्या के समय या हत्या से पूर्व संगीता और हत्यारे के बीच कोई संघर्ष नही हुआ। मतलब साफ है कि हत्यारे से बेखौफ संगीता अपने मौत से बेखबर थी। नतीजतन हत्यारे ने बडी आसानी से संगीता को मौत की नींद सुलाकर चलते बना। अगर संगीता अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष की होती तो निश्चित ही शोर मचाती, बाहर भागने की कोशिश करती और घर मे रखे सामन तितर-बितर होती लेकिन परिस्थितियों को देखकर यह सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि ऐसा कुछ नही हुआ। ऐसे मे कहना लाजमी होगा कि हत्यारा संगीता से परिचित था तभी संगीता को अपनी मौत की आहट सुनाई नही पडी।
🔴 घर पर कोई आया था
पुलिस की छानबीन में यह बात सामने आ रही है कि रात करीब नौ बजे कोई अंजान व्यक्ति महिला से मिलने आया था और उसने ही वारदात को अंजाम दिया। कमरे में बिस्कुट और एक गिलास पानी रखा हुआ था। इसका मतलब यह हुआ कि मृतका उस व्यक्ति से परिचित थी। पुलिस भी मान रही है कि कोई परिचित महिला से मिलने पहुंचा। वह किसी धारदार हथियार से महिला का गला रेतकर फरार हो गया।
🔴 किससे थी दुश्मनी
मृतका संगीता के पुत्र प्रतीक के मुताबिक उसके घर से किसी की कोई दुश्मनी नही थी। फिर सवाल यह उठता है कि जब किसी से कोई दुश्मनी नही थी तो फिर हत्यारे ने संगीता की जान क्यो ली?
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