🔴 सीएचसी अधीक्षक नीलकलम का कारनामा
🔴 युगान्धर टाइम्स व्यूरो
कुशीनगर। सूबे की योगी सरकार जहां सरकारी अस्पतालों मे बेहतर और नि:शुल्क सुविधा मुहैया कराने के लिए पानी की तरह पैसा बहा रही है वही सरकारी अस्पतालों पर तैनात सरकारी डाक्टर व कर्मचारी योगी सरकार की नेक नीयत इरादे पर पानी फेर इलाज के नाम पर मरीजों से खुलेआम पैसा वसूलने मे लगी है इसकी एक बानगी कभी भी जिला मुख्यालय से मजह पन्द्रह किलोमीटर दूर कसया शहर मे स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर देखी जा सकती है। यहां की सीएचसी अधीक्षक नीलकमल न तो अपने महकमे के उच्चाधिकारियों से डरती है न ही इन्हे जिलाधिकारी का खौफ है और ही सीएम योगी की परवाह। नतीजतन अधीक्षक नीलकमल बेखौफ इलाज के नाम पर मरीजों का धनादोहन कर रही है और जिले के जिम्मेदार धृतराष्ट्र बने बैठे है।
काविलेगौर हो कि जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर पर स्थित कसया सरकारी अस्पताल में कुशीनगर जनपद ही नही वरन देवरिया जनपद के सीमावर्ती क्षेत्र के मरीज भी अपना इलाज कराने आते है। अस्पताल मे मरीजों के साथ मौजूद परिजनों का कहना है कि बेहतर व सुविधा जनक इलाज के लिए मरीजो से यहा के अधीक्षक नीलकमल द्वारा खुलेआम पांच से दस हजार रुपये धमकाकर वसूला जाता है।
🔴 केस-1
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कसया पर गर्भवती महिलाओ का प्रसव कराने आए तीमारदारों का दावा है बीते दिनों देवरिया जनपद की रहने वाली गायत्री देवी अपनी बहू की प्रसव कराने आयी थी। केन्द्र निरीक्षक नीलकमल ने अपने स्टाफ के माध्यम से इलाज के नाम पर डरा-धमकाकर 6 हजार रुपये लिया था। गायत्री देवी ने बताया कि डिलीवरी के समय डॉक्टर ने कहा कि ऑपरेशन होगा। पहले चार हजार रुपये लिया। लेकिन डिलीवरी नॉर्मल हुई इसके बाद भी दो हजार रुपये लिया गया। इसके अलावा चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी कपड़े बदलने से लगाकर, बच्चे को नहलाने-धुलाने के नाम एक हजार रुपये की मांग किये। पैसा न देने पर अस्पताल से जाने नही दिया जा रहा था। थक-हारकर पैसा देना सबकी मजबूरी हो जाती है।
🔴 केस-2
देवरिया जनपद के मुंडेरा चंद गांव के निवासी अजय सिंह ने बकायदा यहा के केन्द्र अधीक्षक नीलकमल के करतूतों के खिलाफ जिलाधिकारी व सीएमओ को शिकायती पत्र भी दिया है। अजय सिंह ने डीएम व सीएमओ को दिये गये शिकायती पत्र मे कहा है कि वह अपनी पत्नी सुमन देवी का प्रसव कराने के लिए सरकारी अस्पताल कसया आये थे, जहाँ डाक्टरों द्वारा प्राइवेट जाँच व दवा के नाम पर 22 हजार खर्च कराया गया। इसके बाद ऑपरेशन के नाम पर डॉक्टर ने उनसे अलग से चार हजार रुपये लिया। अजय ने जिले के दोनों जिम्मेदारों अधिकारियों को शिकायती पत्र देकर कानूनी कार्यवाई की मांग की है। कहना न होगा कि गायत्री व अजय का केस तो एक बानगी है कसया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर हर दिन तकरीबन एक दर्जन प्रसव पीड़ा से ग्रसित मरीजों के परिजनों को केन्द्र अधीक्षक नीलकमल के हाथो आर्थिक शोषण का शिकार होना पडता है।
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